नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: अंतर्राष्ट्रीय मोटोजीपी बाइक रेसिंग का आयोजन ग्रेटर नोएडा में किया जाएगा. देश में पहली बार होने वाले इस बाइक रेसिंग का आयोजन यमुना प्राधिकरण स्थित बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट पर किया जाएगा. इस मोटोजीपी रेस के लिए आयोजकों द्वारा यमुना प्राधिकरण से एनओसी मांगी गई थी. प्राधिकरण ने आयोजनकर्ताओं को एनओसी जारी कर दी है और अब जल्द ही बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट पर बाइक रेसिंग ट्रैक बनाने का काम शुरू हो जाएगा. इस आयोजन से ग्रेटर नोएडा में लगभग 450 करोड रुपए का निवेश होगा.
दरअसल, ग्रेटर नोएडा स्थित बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट पर मोटो जीपी बाइक रेसिंग का 22 सितंबर से 24 सितंबर 2023 में आयोजन किया जाएगा. इस सर्किट को फार्मूला वन रेसिंग के नाम से भी जाना जाता है. यहां पर फॉर्मूला वन कार रेसिंग का आयोजन हो चुका है. इस सर्किट का आधिकारिक रूप से उद्घाटन 18 अक्टूबर 2011 को हुआ था. 5.125 किलोमीटर लम्बे सर्किट का डिजाइन जर्मन रेसट्रेक डिजाइनर हर्मन टिलके द्वारा तैयार किया गया था. बीआईसी वार्षिक फार्मूला वन इंडियन ग्रा पी का 2011 में पहली बार आयोजन किया गया था. वर्ष 2012 व 2013 में भी फार्मूला वन रेस का आयोजन हुआ था. उसके बाद बी आई सी का संचालन करने वाली कंपनी जेपी इंफ्राटेक और केंद्र के बीच कर को लेकर कानूनी लड़ाई शुरू हो गई, जिसके बाद इस ट्रैक पर रोक लग गयी थी.
यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुण वीर सिंह ने आयोजक फेयर स्ट्रीट स्पोर्ट्स कंपनी के सीईओ पुष्कर नाथ श्रीवास्तव को अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी कर दिया है. कंपनी ने 7 वर्ष के लिए एनओसी मांगी थी, लेकिन प्राधिकरण ने फिलहाल एक वर्ष के लिए ही एनओसी जारी की है. कंपनी को आयोजन से होने वाली राशि एस्क्रो खाते में जमा करनी होगी.
आयोजन समाप्त हो जाने के बाद संबंधित कंपनी के खर्च होने वाले राशि को काटकर मुनाफा बांटा जाएगा. इस ट्रैक को सुधारने का खर्च आयोजनकर्ता कंपनी ही वहन करेगी. आयोजन के बाद ट्रक को पहले जैसी हालत में ही करने की जिम्मेदारी भी कंपनी की होगी. इसके आयोजन में होने वाली कमाई में यमुना प्राधिकरण ने हिस्सेदारी नहीं मांगी है. आयोजन से प्राप्त पूरी राशि को एसक्रो खाते में रखा जाएगा. खर्च के बाद बची राशि प्रदेश सरकार को ट्रांसफर कर दी जाएगी. इसे प्रदेश सरकार को मोटा राजस्व मिलने की उम्मीद जताई जा रही.
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बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट बी आई सी का आवंटन जेपी इंफ्राटेक के लिए किया गया था. जेपी इंफ्राटेक के द्वारा यमुना प्राधिकरण का बकाए जमा नहीं किया, जिसके बाद प्राधिकरण ने जेपी समूह के भूखंड का आवंटन निरस्त कर दिया था. इसी भूमि पर बीआईसी ट्रैक बना हुआ था. आयोजन के लिए जेपी ने मोटोजीपी से अनुबंध करने का दबाव बनाया था. वहीं मामले में यीडा ने कंपनी को पत्र लिखकर जमीन के प्राधिकरण के कब्जे में होने की जानकारी दी. साथ ही कहा कि इससे जेपी समूह का इससे कोई लेना देना नहीं है. इसके बाद कंपनी ने मोटोजीपी रेस करने के लिए यीडा से अनुमति मांगी. यमुना प्राधिकरण ने इस कार्यक्रम के आयोजक की सूचना हलफनामे के माध्यम से हाई कोर्ट प्रयागराज को दी थी.