नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली की सबसे बड़ी सब्जी मंडियों में से एक पूर्वी दिल्ली की गाजीपुर सब्जी मंडी में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं. गाजीपुर मंडी में गंदगी के अंबार के साथ ही यहां पीने के पानी की समस्या, बरसात में जलभराव, सुरक्षा व्यवस्था की कमी, अतिक्रमण, आवारा पशुओं के आतंक से आढ़तियों के साथ-साथ खरीदारों को भी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है.
मंडी के आढ़तियों ने बताया कि गाजीपुर मंडी में मूलभूत सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है. बरसात के दिनों में मंडी तालाब में तब्दील हो जाती है. सालों से पीने का पानी मंडी में उपलब्ध नहीं है. कई साल पहले पीने के पानी के लिए RO लगाया गया था, जो खराब पड़ा है. आढ़ती और मंडी में आने जाने वाले लोगों को खरीद कर पानी पीना पड़ता है. मंडी की सुरक्षा व्यवस्था भी राम भरोसे है. कुछ गार्ड को जरूर तैनात किया गया है जो सिर्फ खानापूर्ति भर है. मंडी में आवारा पशुओं का आतंक है जिसे रोकने वाला कोई नहीं है.
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आढ़तियों का कहना है कि मंडी में अतिक्रमण एक बड़ी समस्या है. अतिक्रमण करा कर मंडी में अवैध उगाही की जाती है. इसमें मंडी प्रशासन पूरी तरीके से जिम्मेदार है मंडी प्रशासन और कुछ आढ़ती मिलकर मंडी परिसर में अवैध रूप से रेहड़ी पटरी लगाते हैं, जिससे पूरे मंडी परिसर में चलना भी मुश्किल हो जाता है. चारों तरफ कूड़ा कचरा का फैला रहता है, साफ सफाई की उचित व्यवस्था नहीं की गई है.
कारोबारियों का आरोप है कि मंडी प्रशासन भ्रष्टाचार में लिप्त है. अवैध उगाई के अलावा उसके पास कोई काम नहीं है. गाजीपुर मंडी में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो इसके लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है. उनका कहना है कि दिल्ली सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए ताकि मंडी की हालत और भी बदतर होने से बचाया जा सके.
वहीं, गाजीपुर सब्जी मंडी के चेयरमैन राजकुमार बल्लन से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने बताया कि वह दिल्ली से बाहर हैं.
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