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नोएडा प्राधिकरण के बाहर धरने पर बैठे सैकड़ों किसान, कहा- मांगें पूरी होने तक नहीं हटेंगे - bhartiya kisan parishad

नोएडा में मंगलवार को सैकड़ों किसान नोएडा प्राधिकरण के बाहर धरने पर बैठे. इस दौरान उन्होंने कहा कि मांगें नहीं माने जाने तक वे वहां से नहीं हटेंगे.

farmers sat on strike outside Noida Authority
farmers sat on strike outside Noida Authority
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 10, 2023, 9:00 PM IST

भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा में अपनी पांच सूत्रीय मांग को लेकर भारतीय किसान परिषद द्वारा मंगलवार क नोएडा प्राधिकरण के बाहर धरना दिया गया. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में महिलाएं और पुरुष उपस्थित रहे. प्रदर्शन में भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा ने कहा कि प्राधिकरण की तरफ बोर्ड मीटिंग में हमें यह आश्वासन दिया था कि हमारी मांगों को मान लिया जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. प्राधिकरण ने हमारे साथ छल किया है. अब हम तब तक प्राधिकरण के बाहर बैठे रहेंगे, जब तक हमारी मांगों को मान नहीं लिया जाता.

उन्होंने कहा कि नोएडा प्राधिकरण किसानों को केवल गुमराह कर रहा है और हम ये नहीं होने देंगे. स्थानीय विधायक हमारे साथ हैं, जिन्होंने हमारी मांगों को लेकर अधिकारियों को फटकार भी लगाई. प्राधिकरण के अधिकारियों ने आश्वासन देने के बावजूद हमारी मांगों को पूरा नहीं किया. प्राधिकरण किसानों की समस्याओं को जायज तो मानता है, पर उन्हें पूरा नहीं कर रहा. अगर दो दिनों के भीतर मांगें पूरी नहीं हुईं तो हम अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने को मजबूर होंगे.

दरअसल बीते 19 सितंबर को भारतीय किसान परिषद और नोएडा प्राधिकरण के बीच पांच सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्य कार्यपालिका अधिकारी की अध्यक्षता में सहमति बनी थी. इसमें प्राधिकरण द्वारा किसानों की सभी पांच मांगों को पूरा किए जाने की बात कही गई थी, लेकिन किसानों की किसी भी मांग को प्राधिकरण ने पूरा नहीं किया. अब किसानों का कहना है कि प्राधिकरण आश्वासन न दे बल्कि हमारी मांगों को माने, तभी हम धरना समाप्त करेंगे.

भारतीय किसान परिषद द्वारा प्राधिकरण के सामने पांच मांगें रखी गई हैं जो इस प्रकार हैं-

  1. किसानों को पांच प्रतिशत की जगह उनकी अधिग्रहित की गई भूमि का 10 प्रतिशत प्लॉट दिया जाए.
  2. किसानों को 64.70 प्रतिशत मुआवजा दिया जाए.
  3. उन्हें दिए गए पांच प्रतिशत प्लॉट पर व्यावसायिक कार्य करने न रोका जाए.
  4. किसानों को दी जमीनों को अतिक्रमण न कहा जाए.
  5. आबादी में रह रहे किसानों की जमीनों पर प्राधिकरण द्वारा कार्रवाई न की जाए.

यह भी पढ़ें-भाजपा ने ऑडियो क्लिप जारी कर CM केजरीवाल को घेरा, कहा-'AAP नेताओं को मिलती है झूठ बोलने की ट्रेनिंग'

यह भी पढ़ें-संजय सिंह की रिमांड 13 अक्टूबर तक बढ़ी, कोर्ट में कहा - एनकाउंटर हुआ तो किसकी जिम्मेदारी; ईडी ने कहा- हमारी जिम्मेदारी

भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा में अपनी पांच सूत्रीय मांग को लेकर भारतीय किसान परिषद द्वारा मंगलवार क नोएडा प्राधिकरण के बाहर धरना दिया गया. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में महिलाएं और पुरुष उपस्थित रहे. प्रदर्शन में भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा ने कहा कि प्राधिकरण की तरफ बोर्ड मीटिंग में हमें यह आश्वासन दिया था कि हमारी मांगों को मान लिया जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. प्राधिकरण ने हमारे साथ छल किया है. अब हम तब तक प्राधिकरण के बाहर बैठे रहेंगे, जब तक हमारी मांगों को मान नहीं लिया जाता.

उन्होंने कहा कि नोएडा प्राधिकरण किसानों को केवल गुमराह कर रहा है और हम ये नहीं होने देंगे. स्थानीय विधायक हमारे साथ हैं, जिन्होंने हमारी मांगों को लेकर अधिकारियों को फटकार भी लगाई. प्राधिकरण के अधिकारियों ने आश्वासन देने के बावजूद हमारी मांगों को पूरा नहीं किया. प्राधिकरण किसानों की समस्याओं को जायज तो मानता है, पर उन्हें पूरा नहीं कर रहा. अगर दो दिनों के भीतर मांगें पूरी नहीं हुईं तो हम अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने को मजबूर होंगे.

दरअसल बीते 19 सितंबर को भारतीय किसान परिषद और नोएडा प्राधिकरण के बीच पांच सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्य कार्यपालिका अधिकारी की अध्यक्षता में सहमति बनी थी. इसमें प्राधिकरण द्वारा किसानों की सभी पांच मांगों को पूरा किए जाने की बात कही गई थी, लेकिन किसानों की किसी भी मांग को प्राधिकरण ने पूरा नहीं किया. अब किसानों का कहना है कि प्राधिकरण आश्वासन न दे बल्कि हमारी मांगों को माने, तभी हम धरना समाप्त करेंगे.

भारतीय किसान परिषद द्वारा प्राधिकरण के सामने पांच मांगें रखी गई हैं जो इस प्रकार हैं-

  1. किसानों को पांच प्रतिशत की जगह उनकी अधिग्रहित की गई भूमि का 10 प्रतिशत प्लॉट दिया जाए.
  2. किसानों को 64.70 प्रतिशत मुआवजा दिया जाए.
  3. उन्हें दिए गए पांच प्रतिशत प्लॉट पर व्यावसायिक कार्य करने न रोका जाए.
  4. किसानों को दी जमीनों को अतिक्रमण न कहा जाए.
  5. आबादी में रह रहे किसानों की जमीनों पर प्राधिकरण द्वारा कार्रवाई न की जाए.

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