नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा के अखिल भारतीय संस्कृतिक शोध संस्थान में 4 और 5 मार्च को आयोजित होने वाले गुर्जरी कार्निवाल के विरोध में गुर्जर समाज उतर गया है. इसके लिए गुर्जर समाज के लोगों ने एक पंचायत का आयोजन किया और इस कार्निवाल का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा है कि कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ और राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए समाज को बदनाम कर रहे हैं. दरअसल ग्रेटर नोएडा में अखिल भारतीय संस्कृति शोध संस्थान में 4 मार्च और 5 मार्च को गुर्जरी कार्निवाल का आयोजन किया जा रहा है. इसके विरोध में गुर्जर समाज के नेताओं ने 3 मार्च को सेक्टर सिगमा में एक पंचायत का आयोजन किया. पंचायत की अध्यक्षता बलवीर प्रधान ने की तथा संचालन अमित भाटी पहलवान ने किया.
इस दौरान रकम सिंह भाटी ने कहा कि चंद लोगों ने समाज का उपहास उड़ाया है. गुर्जरी कार्निवाल महोत्सव इनके द्वारा किए जाने का घिनौना प्रयास है. उन्होंने कहा कि गुर्जर कार्निवाल जैसे आयोजन में केवल गुर्जर समाज के सभी प्रतिनिधि के साथ गुर्जर समाज लोगों को पूरे क्षेत्र से बुलाया जाता है. यदि इस कार्यक्रम में अन्य समाज के लोगों को ही बुलाना था तो होली महोत्सव का नाम दिया जाना चाहिए था. इस कार्निवाल का हम बहिष्कार करते हैं. दिवंगत भाजपा नेता बाबूजी हुकम सिंह ने इस संस्थान की स्थापना इसलिए की थी, ताकि यह हमारे समाज को आगे बढ़ाने का काम करे.
वहीं पंचायत में अमित भाटी पहलवान ने कहा कि, कार्निवाल में समाज के प्रतिनिधियों को नहीं बुलाया जा रहा है. एमएलसी वीरेंद्र सिंह, लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर, पूर्व मंत्री नवाब सिंह नागर, मेरठ के सरधना विधायक अतुल प्रधान, एमएलए चंदन चौहान, एमएलए मदन भैया, एमएलए कीरत सिंह, एमएलए मुकेश चौधरी, पूर्व सांसद अवतार सिंह भड़ाना और एमएलए धर्म सिंह छोकर आदि नेताओं को इस गुर्जर समाज के कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया, जिन्होंने इस समाज के लिए संघर्ष किया है.
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इसके अलावा भारतीय किसान यूनियन अंबावता के राष्ट्रीय प्रवक्ता बृजेश भाटी ने कहा कि, इस संस्थान पर कुछ चुनिंदा लोगों ने अपने निजी स्वार्थ के लिए कब्जा कर लिया है. इन्हें न तो समाज के विकास से मतलब है और न ही गुर्जर संस्कृति के शोध से मतलब है. वह इस संस्थान पर कब्जा कर अपना राजनैतिक हित साधना चाहते हैं. उनके साथ महेश डाढ़ा ने कहा कि, आज तक संस्थान की सदस्यता नहीं खोली गई है. अगर संस्थान की सदस्यता खोली जाती तो अन्य लोग भी उसमें शामिल हो जाते, जिससे इन तथाकथित चोरों की दुकान बंद हो जाती. इस मौके पर राहुल गुर्जर, चैन प्रधान, देवेंद्र नागर, मुकेश पहलवान, सुरेंद्र लोहिया, मोहित भाटी, रविंद्र प्रधान और मनोज डाढ़ा सहित गुर्जर समाज के लोग अन्य लोग एकत्रित हुए और सभी ने गुर्जरी कार्निवाल का सामाजिक बहिष्कार करने का निर्णय लिया.