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ग्रेटर नोएडा के यथार्थ हॉस्पिटल में बच्ची की मौत, डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ पर लापरवाही का आरोप - डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ पर केस दर्ज

ग्रेटर नोएडा के एक अस्पताल में डेढ़ वर्षीय बच्ची की मौत हो (Girl child died in Yatharth Hospital Greater Noida) गई. अब परिजनों ने डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ पर इलाज में लापरवाही बरतने और एनेस्थीसिया की ओवर डोज देने का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. मामले में जांच शुरू कर दी गई है.

Girl child died in Yatharth Hospital Greater Noida
Girl child died in Yatharth Hospital Greater Noida
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Published : Dec 21, 2022, 8:19 AM IST

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा के यर्थाथ अस्‍पताल में एनेस्थीसिया ओवर डोज से डेढ़ साल की बच्‍ची की मौत (Girl child died in Yatharth Hospital Greater Noida) के मामले में पीड़ित पिता की तहरीर पर थाना बीटा 2 पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. पीड़ित परिजनों का आरोप है कि एनेस्थीसिया की ओवर डोज देने से ही बच्‍ची की मौत हुई है. पुलिस ने कहा है कि मामले की जांच की जाएगी और साक्ष्यों के आधार पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

दरअसल, ग्रेटर नोएडा के सेक्‍टर ओमेगा स्थित एडब्‍ल्‍यूएचओ हाऊसिंग सोसायटी में सतेंद्र यादव परिवार सहित रहते हैं. वह पेशे से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. हाल ही में उनकी डेढ़ साल की बेटी घर पर खेल रही थी, जिसके दौरान उसकी नाक पर चोट लग गई. उपचार के लिए बच्‍ची को यर्थाथ अस्‍पताल में भर्ती कराया गया. प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्‍सकों ने कहा कि इस चोट का निशान उनकी बच्ची अतीक्षा की नाक पर रह जाएगा, लेकिन अगर उसकी प्लास्टिक सर्जरी कराई जाए तो यह निशान हमेशा के लिए चला जाएगा. चिकित्‍सकों और नर्सिंग स्‍टॉफ की बात को मानकर सतेंद्र बेटी की प्‍लास्टिक सर्जरी कराने को तैयार हो गए. उन्‍हेंने बेटी की प्‍लास्टिक सर्जरी के लिए अस्पताल में 60 हजार रुपये जमा भी कर दिए.

पीड़ित सतेंद्र का कहना है कि जिस समय उनकी बेटी को ऑपरेशन के लिए ले जाया गया था उस समय वह पूर्णत: स्‍वस्‍थ्‍य थी. वह हंस रही थी और सभी से बातें कर रही थी लेकिन ऑपरेशन के बाद उसकी तबियत बिगड़ गई, जहां से उसे आईसीयू में ले जाया गया. हालांकि वहां पर किसी ने भी अतीक्षा की लगातार बिगड़ती हालत पर ध्‍यान नहीं दिया. कई बार बताने पर भी नर्सिंग स्‍टॉफ अतीक्षा की तबियत देखने के लिए नहीं पहुंचा. पीड़ित पिता का कहना है कि बेटी की हालत लगातार बिगड़ती देखकर हम बार बार नर्सिंग स्‍टॉफ को सूचित कर रहे थे और चिकित्‍सकों को बुलाने का अनुरोध कर रहे थे, लेकिन नर्सिंग स्‍टॉफ ने हमारी बात को अनसुना कर दिया.

उन्होंने आगे बताया कि, यहां लगी एग्‍जामिन मशीनों ने भी काम करना बंद कर दिया था, जिसकी सूचना हमने नर्सिंग स्‍टॉफ को दी और अपनी चिंता बताई तब जाकर उन्‍होंने एग्‍जामिन मशीनों को बदला, लेकिन यह मशीन भी कोई रीडिंग नहीं कर रही थी. तभी अतीक्षा को देखने सतेंद्र के मित्र अस्‍पताल पहुंचे और बच्‍ची की हालत को देखकर उन्‍होंने भी चिंता जताते हुए तुरंत चिकित्‍सकों को सूचित करने के लिए कहा. इस दौरान धीरे धीरे अतीक्षा का शरीर ठंडा पड़ने लगा और बेटी के काले काले पड़ते होठों को देखकर उनकी पत्‍नी जोर-जोर से रोने लगी.

यह भी पढ़ें-ग्रेटर नोएडा: नाले में मिला एमिटी यूनिवर्सिटी के छात्र का शव, हत्या की आशंका

हालात बिगड़ते देख नर्सिंग स्‍टॉफ ने डॉक्‍टरों को बुलाया जिसपर डॉक्टरों ने बच्ची का अतिरिक्‍त उपचार शुरू किया लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. इसके बाद चिकित्‍सकों ने अतीक्षा को मृत घोषित कर दिया. इस संबंध में सेक्‍टर बीटा-2 कोतवाली प्रभारी अंजनी कुमार सिंह का कहना है कि पीड़ित पक्ष की तहरीर पर मामला दर्ज कर लिया गया है. मामले की जांच की जाएगी जिसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा के यर्थाथ अस्‍पताल में एनेस्थीसिया ओवर डोज से डेढ़ साल की बच्‍ची की मौत (Girl child died in Yatharth Hospital Greater Noida) के मामले में पीड़ित पिता की तहरीर पर थाना बीटा 2 पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. पीड़ित परिजनों का आरोप है कि एनेस्थीसिया की ओवर डोज देने से ही बच्‍ची की मौत हुई है. पुलिस ने कहा है कि मामले की जांच की जाएगी और साक्ष्यों के आधार पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

दरअसल, ग्रेटर नोएडा के सेक्‍टर ओमेगा स्थित एडब्‍ल्‍यूएचओ हाऊसिंग सोसायटी में सतेंद्र यादव परिवार सहित रहते हैं. वह पेशे से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. हाल ही में उनकी डेढ़ साल की बेटी घर पर खेल रही थी, जिसके दौरान उसकी नाक पर चोट लग गई. उपचार के लिए बच्‍ची को यर्थाथ अस्‍पताल में भर्ती कराया गया. प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्‍सकों ने कहा कि इस चोट का निशान उनकी बच्ची अतीक्षा की नाक पर रह जाएगा, लेकिन अगर उसकी प्लास्टिक सर्जरी कराई जाए तो यह निशान हमेशा के लिए चला जाएगा. चिकित्‍सकों और नर्सिंग स्‍टॉफ की बात को मानकर सतेंद्र बेटी की प्‍लास्टिक सर्जरी कराने को तैयार हो गए. उन्‍हेंने बेटी की प्‍लास्टिक सर्जरी के लिए अस्पताल में 60 हजार रुपये जमा भी कर दिए.

पीड़ित सतेंद्र का कहना है कि जिस समय उनकी बेटी को ऑपरेशन के लिए ले जाया गया था उस समय वह पूर्णत: स्‍वस्‍थ्‍य थी. वह हंस रही थी और सभी से बातें कर रही थी लेकिन ऑपरेशन के बाद उसकी तबियत बिगड़ गई, जहां से उसे आईसीयू में ले जाया गया. हालांकि वहां पर किसी ने भी अतीक्षा की लगातार बिगड़ती हालत पर ध्‍यान नहीं दिया. कई बार बताने पर भी नर्सिंग स्‍टॉफ अतीक्षा की तबियत देखने के लिए नहीं पहुंचा. पीड़ित पिता का कहना है कि बेटी की हालत लगातार बिगड़ती देखकर हम बार बार नर्सिंग स्‍टॉफ को सूचित कर रहे थे और चिकित्‍सकों को बुलाने का अनुरोध कर रहे थे, लेकिन नर्सिंग स्‍टॉफ ने हमारी बात को अनसुना कर दिया.

उन्होंने आगे बताया कि, यहां लगी एग्‍जामिन मशीनों ने भी काम करना बंद कर दिया था, जिसकी सूचना हमने नर्सिंग स्‍टॉफ को दी और अपनी चिंता बताई तब जाकर उन्‍होंने एग्‍जामिन मशीनों को बदला, लेकिन यह मशीन भी कोई रीडिंग नहीं कर रही थी. तभी अतीक्षा को देखने सतेंद्र के मित्र अस्‍पताल पहुंचे और बच्‍ची की हालत को देखकर उन्‍होंने भी चिंता जताते हुए तुरंत चिकित्‍सकों को सूचित करने के लिए कहा. इस दौरान धीरे धीरे अतीक्षा का शरीर ठंडा पड़ने लगा और बेटी के काले काले पड़ते होठों को देखकर उनकी पत्‍नी जोर-जोर से रोने लगी.

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हालात बिगड़ते देख नर्सिंग स्‍टॉफ ने डॉक्‍टरों को बुलाया जिसपर डॉक्टरों ने बच्ची का अतिरिक्‍त उपचार शुरू किया लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. इसके बाद चिकित्‍सकों ने अतीक्षा को मृत घोषित कर दिया. इस संबंध में सेक्‍टर बीटा-2 कोतवाली प्रभारी अंजनी कुमार सिंह का कहना है कि पीड़ित पक्ष की तहरीर पर मामला दर्ज कर लिया गया है. मामले की जांच की जाएगी जिसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.

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