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आलू और चिकन का रेट हुआ बराबर, 25 रुपये किलो गाजीपुर मंडी में बिक रहा है मुर्गा

कोरोना का कहर अब चिकन बेचने वाले कारोबारियों पर पड़ रहा हैं. ऐसे में दिल्ली की गाजीपुर मुर्गा मंडी में जहां पहले मुर्गे की कीमत 60 से 65 रुपये किलोग्राम थी अब 25 से 30 रुपये प्रति किलोग्राम है. इसीको लेकर ईटीवी भारत ने कारोबिरियों से बातचीत की.

ghazipur chicken market is in downfall due to corona virus rumors in delhi
चिकन खाने से नहीं फैलता कोरोना वायरस
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Published : Mar 13, 2020, 5:22 PM IST

नई दिल्ली: चिकन खाने से भले ही कोरोना वायरस नहीं होता हो लेकिन अफवाहोंं की वजह से इसका असर चिकन कारोबार पर पड़ रहा है. इसी को देखते हुए पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर मंडी में चिकन की कीमत में भारी गिरावट आई है. मंडी में मुर्गे का भाव 25 से 30 रुपये प्रति किलोग्राम है. वहीं आलू का भाव भी कमोवेश यही है.

चिकन खाने से नहीं फैलता कोरोना वायरस

अफवाह से कारोबार पर असर

गाजीपुर मुर्गा मंडी के कारोबारी ने ईटीवी भारत ने बातचीत की. उन्होने बताया कि कोरोना वायरस का मामला सामने आने के बाद से चिकन कारोबार पर बहुत असर पड़ा है. अफवाहों की वजह से लोग चिकन खाने से बच रहे हैं. जिसकी वजह से मुर्गे की कीमत में गिरावट आई है.

आधे से ज्यादा कम हो गई कीमत

गाजीपुर मुर्गा मंडी में मुर्गे की कीमत आधी से ज़्यादा काम हो गई है. एक महीने पहले 60 से 65 रुपये किलोग्राम बिकने वाला मुर्गा आज 25 से 30 रुपये में बेचना पड़ रहा है.

ठप होने के कगार पर मुर्गा कारोबार

कारोबारी का कहना है कि यही हाल रहा तो मुर्गा कारोबार ठप हो जाएगा और कारोबारी बर्बाद हो जाएंगे.

पोल्ट्री फार्मर को ज्यादा नुकसान

मुर्गा कारोबारी ने बताया कि मुर्गे की कीमत कम होने से पोल्ट्री फार्म चलाने वाले फार्मर बर्बादी की कगार पर पहुंच गए हैं. खर्च से कम कीमत पर उन्हें मुर्गा बेचना पड़ रहा है .

सब्सिडी की जरूरत

कारोबारी का कहना है कि कोरोना के खौफ से पूरे नॉर्थ इंडिया में पोल्ट्री कारोबार पर भारी नुकसान पहुंचा है. कारोबारी का कहना है कि सरकार को मुर्गा कारोबारी और पोल्ट्री फार्मर को सब्सिडी देनी चाहिए जिससे वह अपने कारोबार को कर सके.

जागरूकता की जरूरत

कारोबारीयों का कहना है कि लोगों में फैल रही अफवाहों को रोकने की जरूरत है. सरकार की तरफ से लोगों को जागरूक करना जरूरी है. बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है जिससे लोग ये समझे कि चिकन खाने से कोरोना वायरस नहीं होता है.

नई दिल्ली: चिकन खाने से भले ही कोरोना वायरस नहीं होता हो लेकिन अफवाहोंं की वजह से इसका असर चिकन कारोबार पर पड़ रहा है. इसी को देखते हुए पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर मंडी में चिकन की कीमत में भारी गिरावट आई है. मंडी में मुर्गे का भाव 25 से 30 रुपये प्रति किलोग्राम है. वहीं आलू का भाव भी कमोवेश यही है.

चिकन खाने से नहीं फैलता कोरोना वायरस

अफवाह से कारोबार पर असर

गाजीपुर मुर्गा मंडी के कारोबारी ने ईटीवी भारत ने बातचीत की. उन्होने बताया कि कोरोना वायरस का मामला सामने आने के बाद से चिकन कारोबार पर बहुत असर पड़ा है. अफवाहों की वजह से लोग चिकन खाने से बच रहे हैं. जिसकी वजह से मुर्गे की कीमत में गिरावट आई है.

आधे से ज्यादा कम हो गई कीमत

गाजीपुर मुर्गा मंडी में मुर्गे की कीमत आधी से ज़्यादा काम हो गई है. एक महीने पहले 60 से 65 रुपये किलोग्राम बिकने वाला मुर्गा आज 25 से 30 रुपये में बेचना पड़ रहा है.

ठप होने के कगार पर मुर्गा कारोबार

कारोबारी का कहना है कि यही हाल रहा तो मुर्गा कारोबार ठप हो जाएगा और कारोबारी बर्बाद हो जाएंगे.

पोल्ट्री फार्मर को ज्यादा नुकसान

मुर्गा कारोबारी ने बताया कि मुर्गे की कीमत कम होने से पोल्ट्री फार्म चलाने वाले फार्मर बर्बादी की कगार पर पहुंच गए हैं. खर्च से कम कीमत पर उन्हें मुर्गा बेचना पड़ रहा है .

सब्सिडी की जरूरत

कारोबारी का कहना है कि कोरोना के खौफ से पूरे नॉर्थ इंडिया में पोल्ट्री कारोबार पर भारी नुकसान पहुंचा है. कारोबारी का कहना है कि सरकार को मुर्गा कारोबारी और पोल्ट्री फार्मर को सब्सिडी देनी चाहिए जिससे वह अपने कारोबार को कर सके.

जागरूकता की जरूरत

कारोबारीयों का कहना है कि लोगों में फैल रही अफवाहों को रोकने की जरूरत है. सरकार की तरफ से लोगों को जागरूक करना जरूरी है. बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है जिससे लोग ये समझे कि चिकन खाने से कोरोना वायरस नहीं होता है.

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