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गाजियाबाद की शुभी गुप्ता ने राष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप में जीता एक लाख का कैश प्राइज

राष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप में गाजियाबाद की शुभी गुप्ता ने एक लाख का कैश प्राइज जीत कर प्रदेश का नाम रोशन किया है. उनकी इस उपलब्धि पर परिवार में खुशी की लहर है. शुभी ने प्रतियोगिता के 11वें दौर में 9.5 अंक हासिल कर चैंपियनशिप अपने नाम किया है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 29, 2023, 1:38 PM IST

छोटी उम्र में बड़ी उपलब्धियां

नई दिल्ली/गाजियाबाद: राष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप में गाजियाबाद की शुभी गुप्ता ने एक लाख का कैश प्राइज जीत कर प्रदेश का नाम रोशन किया है. उनकी इस उपलब्धि पर जिले में खुशी की लहर है. 20 से 28 सितंबर तक गुजरात में अंडर-19 राष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था. इस चैंपियनशिप में उन्होंने 11 राउंड में 9.5 का स्कोर किया था. 13 साल की उम्र में बड़ी उपलब्धियां हासिल करने वाली शुभी के घर बधाई देने आने वालों का ताता लगा हुआ है.

पापा से सीखी शतरंज की चाल : शुभी बताती हैं कि उन्होंने 7 साल की उम्र से ही अपने पिता के साथ चेस खेलना शुरू किया. उनके पिता प्रदीप गुप्ता पेशे से आईटी इंजीनियर हैं. प्रदीप को चेस खेलना बेहद पसंद है. पिता के साथ कुछ वक्त चेस खेलने के बाद शुभी की रूचि चेस में बढ़ने लगी, जिसके बाद शुभी ने स्कूल में चेस क्लब ज्वाइन किया. चेस में महारत हासिल करने के बाद उन्होंने इंटर स्कूल और जिला स्तर पर आयोजित हुई कई प्रतियोगिताओं में भाग लिया, जिसमें उन्हें कामयाबी हासिल हुई. अधिकतर प्रतियोगिताओं में उन्होंने प्रथम स्थान हासिल किया. यही नहीं वह वर्ल्ड स्तर पर श्रीलंका में कॉमनवेल्थ यूथ चेस चैंपियनशिप, जार्जिया में वर्ल्ड फिडे कैडेट्स चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीत चुकी है.

राष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप में जीता एक लाख का कैश प्राइज
राष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप में जीता एक लाख का कैश प्राइज

शुभी क्रॉसिंग रिपब्लिक स्थित इंदिरापुरम पब्लिक स्कूल में पढ़ती हैं. वो अर्जुन एरिगासी और विश्वनाथन आनन्द को अपना आदर्श मानती हैं. शुभी जल्द से जल्द चेस में ग्रैंड मास्टर बनना चाहती हैं. वे कहती है कि इस मुकाम को हासिल करने में उनके कोच प्रांसजित दत्ता, माता, पिता और भाई का अहम योगदान रहा है. शुभी बताती हैं कि परिवार और कोच के सपोर्ट के बिना यहां तक पहुंचना नामुमकिन था. वहीं शुभी के पिता चाहते हैं कि सरकार उनकी बेटी की आर्थिक तौर पर सहायता करें जिससे कि शुभी आने वाले समय में देश का नाम दुनिया भर में रोशन कर सकें.

शुभी की उपलब्धियां

  1. वर्ष 2022 : कर्नाटक में राष्ट्रीय एमेच्योर महिला शतरंज चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक
  2. वर्ष 2022 : कर्नाटक में राष्ट्रीय अंडर-12 ग‌र्ल्स शतरंज चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक
  3. वर्ष 2022 : मालदीव में आयोजित वेस्टर्न एशियन यूथ चेस चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल
  4. वर्ष 2022 : श्रीलंका में आयोजित कॉमनवेल्थ यूथ चेस चैंपियनशिप गोल्ड मेडल
  5. वर्ष 2022 : फिलीपींस द्वारा आयोजित एशियन स्कूल चेस चैंपियनशिप अंडर 11 में सिल्वर मेडल
  6. वर्ष 2022 : दिल्ली में राष्ट्रीय सब जूनियर शतरंज चैंपियनशिप में कांस्य पदक
  7. वर्ष 2021 : नेशनल स्कूल्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक
  8. वर्ष 2021 : राष्ट्रीय शतरंज बालिका अंडर-14 चैंपियनशिप में कांस्य पदक

यह भी पढ़ें-

  1. महज 11 साल की उम्र में भारत ही नहीं विश्व में कमाया नाम, प्रीशा ने कड़ी मेहनत और लगन से सीखे डांस के कठिन स्टेप
  2. Asian Games 2023: एशियन गेम्स में पदक लाने वाली शूटर मेहुली घोष और विजयवीर सिद्धू से खास बातचीत

छोटी उम्र में बड़ी उपलब्धियां

नई दिल्ली/गाजियाबाद: राष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप में गाजियाबाद की शुभी गुप्ता ने एक लाख का कैश प्राइज जीत कर प्रदेश का नाम रोशन किया है. उनकी इस उपलब्धि पर जिले में खुशी की लहर है. 20 से 28 सितंबर तक गुजरात में अंडर-19 राष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था. इस चैंपियनशिप में उन्होंने 11 राउंड में 9.5 का स्कोर किया था. 13 साल की उम्र में बड़ी उपलब्धियां हासिल करने वाली शुभी के घर बधाई देने आने वालों का ताता लगा हुआ है.

पापा से सीखी शतरंज की चाल : शुभी बताती हैं कि उन्होंने 7 साल की उम्र से ही अपने पिता के साथ चेस खेलना शुरू किया. उनके पिता प्रदीप गुप्ता पेशे से आईटी इंजीनियर हैं. प्रदीप को चेस खेलना बेहद पसंद है. पिता के साथ कुछ वक्त चेस खेलने के बाद शुभी की रूचि चेस में बढ़ने लगी, जिसके बाद शुभी ने स्कूल में चेस क्लब ज्वाइन किया. चेस में महारत हासिल करने के बाद उन्होंने इंटर स्कूल और जिला स्तर पर आयोजित हुई कई प्रतियोगिताओं में भाग लिया, जिसमें उन्हें कामयाबी हासिल हुई. अधिकतर प्रतियोगिताओं में उन्होंने प्रथम स्थान हासिल किया. यही नहीं वह वर्ल्ड स्तर पर श्रीलंका में कॉमनवेल्थ यूथ चेस चैंपियनशिप, जार्जिया में वर्ल्ड फिडे कैडेट्स चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीत चुकी है.

राष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप में जीता एक लाख का कैश प्राइज
राष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप में जीता एक लाख का कैश प्राइज

शुभी क्रॉसिंग रिपब्लिक स्थित इंदिरापुरम पब्लिक स्कूल में पढ़ती हैं. वो अर्जुन एरिगासी और विश्वनाथन आनन्द को अपना आदर्श मानती हैं. शुभी जल्द से जल्द चेस में ग्रैंड मास्टर बनना चाहती हैं. वे कहती है कि इस मुकाम को हासिल करने में उनके कोच प्रांसजित दत्ता, माता, पिता और भाई का अहम योगदान रहा है. शुभी बताती हैं कि परिवार और कोच के सपोर्ट के बिना यहां तक पहुंचना नामुमकिन था. वहीं शुभी के पिता चाहते हैं कि सरकार उनकी बेटी की आर्थिक तौर पर सहायता करें जिससे कि शुभी आने वाले समय में देश का नाम दुनिया भर में रोशन कर सकें.

शुभी की उपलब्धियां

  1. वर्ष 2022 : कर्नाटक में राष्ट्रीय एमेच्योर महिला शतरंज चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक
  2. वर्ष 2022 : कर्नाटक में राष्ट्रीय अंडर-12 ग‌र्ल्स शतरंज चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक
  3. वर्ष 2022 : मालदीव में आयोजित वेस्टर्न एशियन यूथ चेस चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल
  4. वर्ष 2022 : श्रीलंका में आयोजित कॉमनवेल्थ यूथ चेस चैंपियनशिप गोल्ड मेडल
  5. वर्ष 2022 : फिलीपींस द्वारा आयोजित एशियन स्कूल चेस चैंपियनशिप अंडर 11 में सिल्वर मेडल
  6. वर्ष 2022 : दिल्ली में राष्ट्रीय सब जूनियर शतरंज चैंपियनशिप में कांस्य पदक
  7. वर्ष 2021 : नेशनल स्कूल्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक
  8. वर्ष 2021 : राष्ट्रीय शतरंज बालिका अंडर-14 चैंपियनशिप में कांस्य पदक

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