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गाजियाबाद: महंगे मोबाइल खरीदने की चाहत में बना लुटेरा, चौथी फेल मास्टरमाइंड की करतूत जानकर रह जाएंगे हैरान - mobile thieves arrested in Ghaziabad

गाजियाबाद पुलिस ने मोबाइल चोरी करने वाले एक गैंग को पकड़ा है. इस गैंग का मास्टरमाइंड चौथी फ़ैल है, लेकिन सॉफ्टवेयर के काम में माहिर है. इसकी वजह से वह मोबाइल का आईएमइआई नंबर बदलकर उन्हें मार्केट में बेच देता था और पकड़ा भी नहीं जाता था.

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Published : Apr 3, 2023, 8:15 PM IST

मामले की जानकारी देते एसीपी रवि कुमार सिंह

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में मोबाइल रिपेयरिंग करने वाला युवक महंगे मोबाइल खरीदने की चाहत में मोबाइल लुटेरा ही बन गया. उसने अपना गैंग बना लिया और साल 2021 से वह लगातार वारदातों को अंजाम दे रहा है. पुलिस ने आरोपी और उसके साथियों को गिरफ्तार कर लिया है. खास बात है कि इस गैंग का सरगना चौथी फेल है, लेकिन मोबाइल के आईएमईआई नंबर चेंज करने के सॉफ्टवेयर की अच्छी जानकारी रखता है.

मामला गाजियाबाद के लोहिया नगर मार्केट का है, जहां से पुलिस ने दो मोबाइल लुटेरों को गिरफ्तार किया. इसके पास से जिंदा कारतूस, चाकू और लूटे गए मोबाइल फोन बरामद हुए. इसके अलावा आरोपियों से तमंचा भी बरामद हुआ. इन आरोपियों की निशानदेही पर इनके दो और साथी पकड़े गए, जिनसे अन्य मोबाइल फोन, मोबाइल फोन का लॉक तोड़ने वाले डिवाइस, कंप्यूटर और अन्य उपकरण बरामद हुए.

सॉफ्टवेयर की मदद से चेंज करते थे आईएमइआई नंबर: पुलिस को पता चला कि एक प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर की मदद से यह आरोपी मोबाइल फोन के आईएमइआई नंबर चेंज कर देते थे, जिससे मोबाइल फोन को ट्रैक करना आसान नहीं होता था. आरोपियों ने पुलिस को बताया कि इनका पूरा गैंग है, जिसमें निशांत, गौरव, किशन और समीर शामिल है. यह आरोपी रोड पर चलती हुई महिलाओं और स्थानीय लोगों को टारगेट करके उनसे महंगे मोबाइल फोन छीन लिया करते थे. पीड़ित के पास कितना महंगा मोबाइल फोन है, इसकी जानकारी समीर देता था, जो इस गैंग का सरगना भी है. वह सॉफ्टवेयर की भी अच्छी जानकारी रखता है. खास बात है कि सभी आरोपी चौथी फेल हैं, लेकिन सॉफ्टवेयर के काम में माहिर है.

मोबाइल रिपेयरिंग का काम करता है समीर: पुलिस के मुताबिक समीर की मोबाइल की दुकान है. वहीं पर यह मोबाइल रिपेयरिंग का भी काम करता है. जो लोग मोबाइल की दुकान पर आते हैं उनके पास किस तरह का मोबाइल फोन है, इसकी जानकारी समीर को आसानी से हो जाती है. इसके बाद आरोपी अपने साथियों को इस बारे में जानकारी देता था और फिर उन लोगों से मोबाइल फोन छीनने का काम शुरू होता था.

आरोपी का गैंग लोगों से मोबाइल फोन लूट लिया करता था. इसके अलावा भी लोगों को चिह्नित कर के अलग-अलग जगहों से मोबाइल फोन की लूट की जाती थी. लूटे गए मोबाइल फोन के आईएमइआई नंबर बदलकर उन्हें मार्केट में बेच दिया जाता था. उन मोबाइल फोन के अन्य उपकरणों का इस्तेमाल मोबाइल फोन रिपेयरिंग में भी किया जाता था.

जल्दी अमीर बनने के लिए लूटता था मोबाइल: पुलिस को आरोपी समीर ने बताया है कि जब लोगों के पास महंगे मोबाइल फोन देखता था तो उसका लालच बढ़ जाता था, इसलिए उसने जल्दी अमीर बनने के लिए मोबाइल फोन लूटने का रास्ता अख्तियार किया. इस काम में उसने ऐसे तीन साथियों को तलाशा था जो जल्दी पैसा कमाना चाहते थे और इसीलिए उसके गैंग में निशांत, गौरव और किशन भी शामिल हो गए थे. समीर यूपी के मुजफ्फरनगर का रहने वाला है, जबकि बाकी तीनों आरोपी गाजियाबाद के रहने वाले हैं.

इसे भी पढ़ें: गाजियाबादः दिनदहाड़े गाड़ी में युवती के अपहरण की कोशिश, ट्रैफिक पुलिस की सूझबूझ से टला हादसा

मामले की जानकारी देते एसीपी रवि कुमार सिंह

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में मोबाइल रिपेयरिंग करने वाला युवक महंगे मोबाइल खरीदने की चाहत में मोबाइल लुटेरा ही बन गया. उसने अपना गैंग बना लिया और साल 2021 से वह लगातार वारदातों को अंजाम दे रहा है. पुलिस ने आरोपी और उसके साथियों को गिरफ्तार कर लिया है. खास बात है कि इस गैंग का सरगना चौथी फेल है, लेकिन मोबाइल के आईएमईआई नंबर चेंज करने के सॉफ्टवेयर की अच्छी जानकारी रखता है.

मामला गाजियाबाद के लोहिया नगर मार्केट का है, जहां से पुलिस ने दो मोबाइल लुटेरों को गिरफ्तार किया. इसके पास से जिंदा कारतूस, चाकू और लूटे गए मोबाइल फोन बरामद हुए. इसके अलावा आरोपियों से तमंचा भी बरामद हुआ. इन आरोपियों की निशानदेही पर इनके दो और साथी पकड़े गए, जिनसे अन्य मोबाइल फोन, मोबाइल फोन का लॉक तोड़ने वाले डिवाइस, कंप्यूटर और अन्य उपकरण बरामद हुए.

सॉफ्टवेयर की मदद से चेंज करते थे आईएमइआई नंबर: पुलिस को पता चला कि एक प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर की मदद से यह आरोपी मोबाइल फोन के आईएमइआई नंबर चेंज कर देते थे, जिससे मोबाइल फोन को ट्रैक करना आसान नहीं होता था. आरोपियों ने पुलिस को बताया कि इनका पूरा गैंग है, जिसमें निशांत, गौरव, किशन और समीर शामिल है. यह आरोपी रोड पर चलती हुई महिलाओं और स्थानीय लोगों को टारगेट करके उनसे महंगे मोबाइल फोन छीन लिया करते थे. पीड़ित के पास कितना महंगा मोबाइल फोन है, इसकी जानकारी समीर देता था, जो इस गैंग का सरगना भी है. वह सॉफ्टवेयर की भी अच्छी जानकारी रखता है. खास बात है कि सभी आरोपी चौथी फेल हैं, लेकिन सॉफ्टवेयर के काम में माहिर है.

मोबाइल रिपेयरिंग का काम करता है समीर: पुलिस के मुताबिक समीर की मोबाइल की दुकान है. वहीं पर यह मोबाइल रिपेयरिंग का भी काम करता है. जो लोग मोबाइल की दुकान पर आते हैं उनके पास किस तरह का मोबाइल फोन है, इसकी जानकारी समीर को आसानी से हो जाती है. इसके बाद आरोपी अपने साथियों को इस बारे में जानकारी देता था और फिर उन लोगों से मोबाइल फोन छीनने का काम शुरू होता था.

आरोपी का गैंग लोगों से मोबाइल फोन लूट लिया करता था. इसके अलावा भी लोगों को चिह्नित कर के अलग-अलग जगहों से मोबाइल फोन की लूट की जाती थी. लूटे गए मोबाइल फोन के आईएमइआई नंबर बदलकर उन्हें मार्केट में बेच दिया जाता था. उन मोबाइल फोन के अन्य उपकरणों का इस्तेमाल मोबाइल फोन रिपेयरिंग में भी किया जाता था.

जल्दी अमीर बनने के लिए लूटता था मोबाइल: पुलिस को आरोपी समीर ने बताया है कि जब लोगों के पास महंगे मोबाइल फोन देखता था तो उसका लालच बढ़ जाता था, इसलिए उसने जल्दी अमीर बनने के लिए मोबाइल फोन लूटने का रास्ता अख्तियार किया. इस काम में उसने ऐसे तीन साथियों को तलाशा था जो जल्दी पैसा कमाना चाहते थे और इसीलिए उसके गैंग में निशांत, गौरव और किशन भी शामिल हो गए थे. समीर यूपी के मुजफ्फरनगर का रहने वाला है, जबकि बाकी तीनों आरोपी गाजियाबाद के रहने वाले हैं.

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