ETV Bharat / state

फंड की कमी से जूझ रहा गाजियाबाद नगर निगम, सरकारी विभाग दबाए बैठे निगम का 230 करोड़

author img

By

Published : Jan 7, 2023, 8:31 AM IST

गाजियाबाद नगर निगम अपनी (Ghaziabad Municipal Corporation) आर्थिक स्थिति सुधारने में जुटा (Corporation engaged in improving economic condition) है. इसके लिए निगम ने सरकारी विभागों से टैक्स वसूलने की कार्रवाई तेज कर दी है.

Ghaziabad Municipal Corporation
Ghaziabad Municipal Corporation

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद नगर निगम (Ghaziabad Municipal Corporation) आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए लगातार कवायद (Corporation engaged in improving economic condition) कर रहा है. विभिन्न सरकारी विभागों से टैक्स वसूलने की कार्रवाई निगम द्वारा तेज कर दी गई है. नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ के मुताबिक़ ना केवल प्राइवेट प्रतिष्ठान से ही बल्कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार के भवनों पर भी बकाया सहित सर्विस चार्ज और संपत्ति कर वसूलने के लिए कवायद तेज कर दी गई है. पुलिस आयुक्त गाजियाबाद भवन पर कुल बकाया 7 करोड़ 20 लाख लगभग था जिसमें लगभग एक करोड़ की वसूली की गई है. विभिन्न सरकारी भवनों पर संपत्ति कर बकाया है, जिसके लिए नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं.

डॉ. नितिन गौड़ के मुताबिक राज्य सरकार के भवनों पर कुल 120 करोड़ रुपये संपत्ति कर बकाया है, जबकि केंद्र सरकार पर 110 करोड़ रुपये संपत्ति कर बकाया है. विभिन्न सरकारी विभागों के संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर वसूली को आगे बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं. गाजियाबाद नगर निगम का कई प्राइवेट प्रतिष्ठानों पर भी बकाया है. एक निजी बिल्डर पर लगभग 8 करोड़ रुपये बकाया है. प्रत्येक माह 25 लाख का बकाया निगम द्वारा वसूल किया जा रहा है रहा है.

ये भी पढ़ें: MCD में हंगामे के बीच हज कमेटी को LG ने दी मंजूरी, MP गौतम गंभीर और कांग्रेस पार्षद भी शामिल

मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ. संजीव सिन्हा के मुताबिक गाजियाबाद नगर निगम का बकाया केंद्र सरकार के लगभग 15 भवनों पर है, जिसमें दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (Delhi Metro Rail Corporation), एओसी हिंडन एयर फोर्स (AOC Hindon Air Force), मानव संसाधन विकास केंद्र (Human Resource Development Center), सीआईएसफ (Central Industrial Security Force), रेलवे विभाग संपत्ति (Railway Department Property), केंद्रीय लोक निर्माण (Central Public Works), प्रधान डाकघर नवयुग मार्केट, दूरसंचार मुकुंद नगर, प्रधानाचार्य विशेष केंद्रीय विद्यालय कमला नेहरू नगर समेत बीएसएनल भी शामिल है.

डॉ. संजीव सिन्हा के मुताबिक राज्य सरकार के 18 भवनों पर बकाया है, जिनमें विद्युत विभाग, पुलिस आयुक्त विभाग, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (Ghaziabad Development Authority), सेनानायक भवन, विद्यालय कॉलेज, कृषि बीज केंद्र (Agricultural Seed Center), उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम (Uttar Pradesh Small Industries Corporation), जिला गन्ना अधिकारी, नलकूप खंड शामिल हैं. सभी से सर्विस चार्ज और संपत्ति कर की वसूली जारी है.

ये भी पढ़ें: केजरीवाल ने LG को लिखा, दिल्ली की चुनी हुई सरकार को लोगों के सपनों को पूरा करने दें

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद नगर निगम (Ghaziabad Municipal Corporation) आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए लगातार कवायद (Corporation engaged in improving economic condition) कर रहा है. विभिन्न सरकारी विभागों से टैक्स वसूलने की कार्रवाई निगम द्वारा तेज कर दी गई है. नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ के मुताबिक़ ना केवल प्राइवेट प्रतिष्ठान से ही बल्कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार के भवनों पर भी बकाया सहित सर्विस चार्ज और संपत्ति कर वसूलने के लिए कवायद तेज कर दी गई है. पुलिस आयुक्त गाजियाबाद भवन पर कुल बकाया 7 करोड़ 20 लाख लगभग था जिसमें लगभग एक करोड़ की वसूली की गई है. विभिन्न सरकारी भवनों पर संपत्ति कर बकाया है, जिसके लिए नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं.

डॉ. नितिन गौड़ के मुताबिक राज्य सरकार के भवनों पर कुल 120 करोड़ रुपये संपत्ति कर बकाया है, जबकि केंद्र सरकार पर 110 करोड़ रुपये संपत्ति कर बकाया है. विभिन्न सरकारी विभागों के संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर वसूली को आगे बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं. गाजियाबाद नगर निगम का कई प्राइवेट प्रतिष्ठानों पर भी बकाया है. एक निजी बिल्डर पर लगभग 8 करोड़ रुपये बकाया है. प्रत्येक माह 25 लाख का बकाया निगम द्वारा वसूल किया जा रहा है रहा है.

ये भी पढ़ें: MCD में हंगामे के बीच हज कमेटी को LG ने दी मंजूरी, MP गौतम गंभीर और कांग्रेस पार्षद भी शामिल

मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ. संजीव सिन्हा के मुताबिक गाजियाबाद नगर निगम का बकाया केंद्र सरकार के लगभग 15 भवनों पर है, जिसमें दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (Delhi Metro Rail Corporation), एओसी हिंडन एयर फोर्स (AOC Hindon Air Force), मानव संसाधन विकास केंद्र (Human Resource Development Center), सीआईएसफ (Central Industrial Security Force), रेलवे विभाग संपत्ति (Railway Department Property), केंद्रीय लोक निर्माण (Central Public Works), प्रधान डाकघर नवयुग मार्केट, दूरसंचार मुकुंद नगर, प्रधानाचार्य विशेष केंद्रीय विद्यालय कमला नेहरू नगर समेत बीएसएनल भी शामिल है.

डॉ. संजीव सिन्हा के मुताबिक राज्य सरकार के 18 भवनों पर बकाया है, जिनमें विद्युत विभाग, पुलिस आयुक्त विभाग, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (Ghaziabad Development Authority), सेनानायक भवन, विद्यालय कॉलेज, कृषि बीज केंद्र (Agricultural Seed Center), उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम (Uttar Pradesh Small Industries Corporation), जिला गन्ना अधिकारी, नलकूप खंड शामिल हैं. सभी से सर्विस चार्ज और संपत्ति कर की वसूली जारी है.

ये भी पढ़ें: केजरीवाल ने LG को लिखा, दिल्ली की चुनी हुई सरकार को लोगों के सपनों को पूरा करने दें

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.