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गाजियाबाद गैंगरेप केस: पीड़ित महिला अस्पताल से डिस्चार्ज

गाजियाबाद में हाल ही में सामने आई गैंगरेप की घटना में पीड़िता को अस्पताल से डिस्चार्ज (Victim woman discharged from hospital) कर दिया गया है. इससे पहले मामले में पुलिस ने बताया था कि गैंगरेप की घटना फर्जी थी. अगर जांच में यह बात सच निकलती है तो महिला के खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है.

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Published : Oct 22, 2022, 8:58 PM IST

Victim woman discharged from hospital
Victim woman discharged from hospital

नई दिल्ली/गाजियाबाद: जिले के नंदग्राम इलाके में हाल ही में हुए कथित गैंगरेप में पीड़ित महिला को अस्पताल से डिस्चार्ज कर (Victim woman discharged from hospital) दिया गया है. इससे पहले पुलिस ने बताया था कि गैंगरेप की घटना फर्जी थी. पुलिस ने दावा किया था कि महिला ने अपने साथ गैंगरैप होने की जो बात कही वह मनगढ़ंत है, और कहानी को बढ़ा चढ़ाकर पेश किया गया था.

आधिकारिक सूत्रों की मानें तो महिला की हालत में सुधार होने के बाद उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया. कहा जा रहा है कि अगर यह मामला झूठा साबित हो गया तो पुलिस महिला पर कार्रवाई भी कर सकती है. इससे पहले पुलिस ने प्रेस कांफ्रेंस करके बताया था कि महिला के कथित पुरुष मित्र आजाद की भूमिका संदिग्ध थी, जिसके बाद आजाद और उसके दो साथियों को गिरफ्तार भी किया गया था.

कहा जा रहा है कि आजाद का कथित गैंगरेप के आरोपियों में से एक के साथ संपत्ति का विवाद चल रहा था जिसके चलते उसने महिला के माध्यम से गैंगरेप के झूठे आरोप लगाने की बात कबूल की थी. पुलिस ने कहा कि महिला के साथ लोहे की रॉड वाली घटना पूरी तरह से फर्जी है. अगर इस तरह की घटना हुई होती तो महिला इतनी जल्दी डिस्चार्ज नहीं होती. वहीं महिला ने कहा था कि घटना में उसे गंभीर चोट आई और उसे बोरी में बंद कर के फेंक दिया गया था.

यह भी पढ़ें-गाजियाबाद गैंगरेप केस : पुलिस का दावा- बलात्कार को बढ़ा चढ़ाकर पेश किया गया, पढ़ें पुलिस की नई कहानी

इतना ही नहीं, महिला ने जिद कर के कहा था कि वह केवल जीटीबी अस्पताल में ही भर्ती होगी. इससे उसके जीटीबी अस्पताल में किसी प्रकार के सांठगांठ होने की आशंका जताई जा रही है. फिलहाल इस बात का पता नहीं चल पाया है कि महिला इसी अस्पताल में क्यों भर्ती होना चाहती थी. वहीं मामले की गंभीरता के चलते एक महिला अधिकारी भी हर मेडिकल रिपोर्ट पर नजर रखे हुए थी. ऐसे में अगर महिला ने वाकई गैंगरेप की फर्जी कहानी बनाई है, तो महिला की गिरफ्तारी भी हो सकती है.

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नई दिल्ली/गाजियाबाद: जिले के नंदग्राम इलाके में हाल ही में हुए कथित गैंगरेप में पीड़ित महिला को अस्पताल से डिस्चार्ज कर (Victim woman discharged from hospital) दिया गया है. इससे पहले पुलिस ने बताया था कि गैंगरेप की घटना फर्जी थी. पुलिस ने दावा किया था कि महिला ने अपने साथ गैंगरैप होने की जो बात कही वह मनगढ़ंत है, और कहानी को बढ़ा चढ़ाकर पेश किया गया था.

आधिकारिक सूत्रों की मानें तो महिला की हालत में सुधार होने के बाद उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया. कहा जा रहा है कि अगर यह मामला झूठा साबित हो गया तो पुलिस महिला पर कार्रवाई भी कर सकती है. इससे पहले पुलिस ने प्रेस कांफ्रेंस करके बताया था कि महिला के कथित पुरुष मित्र आजाद की भूमिका संदिग्ध थी, जिसके बाद आजाद और उसके दो साथियों को गिरफ्तार भी किया गया था.

कहा जा रहा है कि आजाद का कथित गैंगरेप के आरोपियों में से एक के साथ संपत्ति का विवाद चल रहा था जिसके चलते उसने महिला के माध्यम से गैंगरेप के झूठे आरोप लगाने की बात कबूल की थी. पुलिस ने कहा कि महिला के साथ लोहे की रॉड वाली घटना पूरी तरह से फर्जी है. अगर इस तरह की घटना हुई होती तो महिला इतनी जल्दी डिस्चार्ज नहीं होती. वहीं महिला ने कहा था कि घटना में उसे गंभीर चोट आई और उसे बोरी में बंद कर के फेंक दिया गया था.

यह भी पढ़ें-गाजियाबाद गैंगरेप केस : पुलिस का दावा- बलात्कार को बढ़ा चढ़ाकर पेश किया गया, पढ़ें पुलिस की नई कहानी

इतना ही नहीं, महिला ने जिद कर के कहा था कि वह केवल जीटीबी अस्पताल में ही भर्ती होगी. इससे उसके जीटीबी अस्पताल में किसी प्रकार के सांठगांठ होने की आशंका जताई जा रही है. फिलहाल इस बात का पता नहीं चल पाया है कि महिला इसी अस्पताल में क्यों भर्ती होना चाहती थी. वहीं मामले की गंभीरता के चलते एक महिला अधिकारी भी हर मेडिकल रिपोर्ट पर नजर रखे हुए थी. ऐसे में अगर महिला ने वाकई गैंगरेप की फर्जी कहानी बनाई है, तो महिला की गिरफ्तारी भी हो सकती है.

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