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किसान आंदोलन: बुजुर्ग जागीर सिंह संभाल रहे कपड़े धोने की व्यवस्था

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Published : Jan 31, 2021, 10:05 PM IST

किसान आंदलोन में शामिल किसानों को गाजीपुर बॉर्डर पर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. ऐसे में कई लोग किसानों की सेवा में जुटे हुए हैं. इसी में पीलीभीत के रहने वाले एक जागीर सिंह हैं. वे बुजुर्ग होने के बावजूद किसान आंदोलन में कपड़े धोने की व्यवस्था संभाल रहे हैं.

Elderly man Jagir Singh is handling laundry system in kisan andolan
जागीर सिंह संभाल रहें कपड़े धोने की व्यवस्था

नई दिल्ली: गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों की सेवा में सैकड़ों लोग शामिल हैं. उनमें से एक पीलीभीत के रहने वाले जागीर सिंह है. बुजुर्ग होने के बावजूद जागीर सिंह किसान आंदोलन में कपड़े धोने की व्यवस्था संभाल रहे हैं.

जागीर सिंह संभाल रहे कपड़े धोने की व्यवस्था.

कपड़े धोने की व्यवस्था हुई शुरू

जागीर सिंह ने बताया कि जब से आंदोलन शुरू हुआ है तब से वह लगातार कपड़े धोने की व्यवस्था देख रहे हैं. 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर रैली में हुए हंगामे के बाद कपड़ा धोने की व्यवस्था बंद कर दी गई थी, लेकिन अब एक बार फिर शुरू हो गई है.

ये भी पढ़ें:-विपक्ष वोट तलाशने न आए, ये उनका आंदोलन नहीं: राकेश टिकैत

कपड़े धोने के लिए लगाई गई वॉशिंग मशीन

जागीर सिंह ने बताया कि कपड़े धोने के लिए कई वाशिंग मशीन लगाए गए हैं. कपड़े सूखने के बाद उसे प्रेस करने की भी व्यवस्था की गई है. प्रदर्शनकारी के साथ अपने कपड़े यहां देते हैं और वह अपने युवा साथियों की मदद से उस कपड़े को धोकर तैयार करते हैं. जो भी किसान कपड़े लेकर आते हैं उनका मोबाइल नंबर लिया जाता है और उसे एक पैकेट में रखकर उन्हें टोकन नंबर दे दिया जाए. कपड़े तैयार होने के बाद दिए गए नंबर पर फोन कर कपड़े धुलने की सूचना दी जाती है. जागीर सिंह ने बताया कि इस काम में युवा उनकी मदद करते हैं.

नई दिल्ली: गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों की सेवा में सैकड़ों लोग शामिल हैं. उनमें से एक पीलीभीत के रहने वाले जागीर सिंह है. बुजुर्ग होने के बावजूद जागीर सिंह किसान आंदोलन में कपड़े धोने की व्यवस्था संभाल रहे हैं.

जागीर सिंह संभाल रहे कपड़े धोने की व्यवस्था.

कपड़े धोने की व्यवस्था हुई शुरू

जागीर सिंह ने बताया कि जब से आंदोलन शुरू हुआ है तब से वह लगातार कपड़े धोने की व्यवस्था देख रहे हैं. 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर रैली में हुए हंगामे के बाद कपड़ा धोने की व्यवस्था बंद कर दी गई थी, लेकिन अब एक बार फिर शुरू हो गई है.

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कपड़े धोने के लिए लगाई गई वॉशिंग मशीन

जागीर सिंह ने बताया कि कपड़े धोने के लिए कई वाशिंग मशीन लगाए गए हैं. कपड़े सूखने के बाद उसे प्रेस करने की भी व्यवस्था की गई है. प्रदर्शनकारी के साथ अपने कपड़े यहां देते हैं और वह अपने युवा साथियों की मदद से उस कपड़े को धोकर तैयार करते हैं. जो भी किसान कपड़े लेकर आते हैं उनका मोबाइल नंबर लिया जाता है और उसे एक पैकेट में रखकर उन्हें टोकन नंबर दे दिया जाए. कपड़े तैयार होने के बाद दिए गए नंबर पर फोन कर कपड़े धुलने की सूचना दी जाती है. जागीर सिंह ने बताया कि इस काम में युवा उनकी मदद करते हैं.

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