नई दिल्लीः पूर्वी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति की बैठक में शिक्षा समिति के अध्यक्ष राजकुमार बल्लन ने सत्र 2019-20 संशोधित बजट अनुमान और सत्र 2020-21 बजट अनुमान पेश किया. अपने बजट में राजकुमार बल्लन ने अत्याधुनिक शिक्षा पर जोर दिया.
राजकुमार बल्लन ने कहा कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम में 356 निगम विद्यालय और 289 निगम द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालय चलाए जा रहे हैं. साथ ही 11 निगम द्वारा सहायता प्राप्त प्राथमिक विद्यालयों के माध्यम से 1.75 लाख विद्यार्थियों को शिक्षा दी जा रही है. इसके साथ ही 3 स्वतंत्र नर्सरी विद्यालय और 167 नर्सरी का भी संचालन किया जा रहा है.
कल्याणकारी योजनाएं
निशुल्क पाठ्य पुस्तकों का वितरण, निशुल्क नोटबुक, निशुल्क वर्दी, जूते, जर्सी और जुराब के लिए नकद राशि, कन्या प्रोत्साहन राशि, मेधावी छात्रवृत्ति, अनुसूचित जाति-जनजाति के विद्यार्थियों के लिए छात्रवृति, निशुल्क मिड-डे मील की व्यवस्था, अल्पसंख्यक विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति, अन्य पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों के लिए छात्रवृति, बालिका के लिए लाडली योजना, विद्यालयों में कंप्यूटर एडेड लर्निंग प्रोग्राम ,विद्यार्थियों के लिए दुर्घटना बीमा योजना, 60 विद्यालयों में नर्सरी शिक्षण, मिशन बुनियाद कार्यक्रम ,वैज्ञानिक शिक्षा ,स्कूल चलो अभियान, विद्यालय सुरक्षा समिति ,बैग फ्री डे जैसी योजनाएं शामिल हैं.
बढ़ाई जाए टीचर्स की संख्या
राजकुमार बल्लन ने बताया कि शिक्षा विभाग में सबसे बड़ी चुनौती सुरक्षा गार्ड और सफाई कर्मचारियों की स्कूलों में नियुक्ति की है. स्कूलों में गार्ड रूम बन कर तैयार है, लेकिन फंड की कमी की वजह से सुरक्षा गार्ड और सफाई कर्मचारियों की भर्ती नहीं की जा सकी है. इसके साथ ही स्कूलों में टीचर की संख्या बढ़ाने की जरूरत है. पिछले दिनों नए शिक्षकों की भर्ती हुई है लेकिन स्कूलों में और भी टीचरों की आवश्यकता है.
क्लास रूम्स को स्मार्ट बनाया जाए
बल्लन ने कहा कि निगम सकूलों में अत्याधुनिक शिक्षा उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है. क्लास रूम को स्मार्ट बनाया जा रहा है. स्वच्छ पानी के लिए आरओ लगाया जाएगा. बच्चों को बैठने के लिए ड्यूल डेस्क मंगवाए जा रहे हैं. इसके साथ ही तय मापदंडों के आधार पर मिड-डे मील उपलब्ध कराया जा रहा है.
विभागों में हो तालमेल
बल्लन ने बताया कि जाफराबाद स्कूल हादसे से सीख लेते हुए सभी विभागों में तालमेल बिठाने के लिए कहा गया है. साथ ही इस तरह के हादसे न हों इसके लिए जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए गए हैं. चेयरमैन ने कहा कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम के स्कूलों का इन्फ्रास्ट्रक्चर बेहतरीन है. इसके बावजूद सभी स्कूलों की बिल्डिंग की जांच कराई जा रही है ताकि जाफराबाद स्कूल की तरह दूसरा हादसा न हो.