नई दिल्ली: कोरोना महामारी से जहां एक तरफ आम लोगों की जिंदगी प्रभावित हुई है. वहीं नगर निगम भी इससे अछूता नहीं रहा है. कोरोना का संक्रमण कम करने के लिए सरकार द्वारा लॉकडाउन लगाया गया. जिस कारण हजारों लोगों को अपनी नौकरियां गंवानी पड़ी. ऐसे में निगम के समक्ष भी राजस्व का संकट उत्पन्न हो गया है.
बात अगर पूर्वी दिल्ली नगर निगम की करें तो हालात यहां तक पहुंच गए है कि निगम के पास कर्मचारियों को समय से सैलरी देने तक के लिए पैसे नहीं हैं. पूर्वी दिल्ली नगर निगम के आय का मुख्य स्रोत हाउस टैक्स कलेक्शन और राज्य सरकार द्वारा मिलने वाला फंड है. लेकिन लॉकडाउन लग जाने के कारण हाउस टैक्स कलेक्शन अभियान पर काफी असर पड़ा है.
'सभी के सामने आर्थिक संकट'
हाउस टैक्स कलेक्शन की अंतिम तिथि भी कई बार बढ़ाई गई, लेकिन इसके बावजूद अभी तक निर्धारित लक्ष्य के मुकाबले आधा टारगेट भी नहीं वसूला गया है. इस संबंध में निगम के नेता पहले ही साफ कर चुके हैं कि किसी भी उपभोक्ता को हाउस टैक्स जमा करने के लिए, उस पर दबाव नहीं बना सकते. क्योंकि हर किसी के सामने अभी आर्थिक संकट है.
ऐसे में अब पूर्वी दिल्ली नगर निगम आय के नए स्रोत तलाश रहा है और इसके लिए अधिकारियों की एक टीम बनाई गई है. सूत्रों की माने तो पूर्वी दिल्ली नगर निगम कुछ नए पार्किंग स्पॉट बनाने जा रहा है, जिसके लिए जल्द टेंडर भी जारी किए जाने वाले हैं. निगम अधिकारियों को उम्मीद है कि नए पार्किंग स्पॉट बन जाने से निगम को कुछ राजस्व की प्राप्ति हो सकेगी.
'नहीं मिल रहा फंड'
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के नेताओं का दिल्ली सरकार पर आरोप है कि दिल्ली सरकार द्वारा पूर्वी दिल्ली नगर निगम का बकाया फंड नहीं दिया जा रहा है. जिस कारण उन्हें आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. निगम नेताओं का यह भी कहना है कि दिल्ली सरकार पर पूर्वी दिल्ली नगर निगम का लगभग 15 सौ करोड़ रुपये बकाया है लेकिन दिल्ली सरकार उन्हें बकाया फंड नहीं दे रही.