नई दिल्ली: महिला अधिकार के क्षेत्र में कार्यरत एक प्रख्यात संगठन, सेंटर फ़ॉर सोशल रिसर्च की निदेशक डॉ. रंजना कुमारी को अपॉलिटिकल की दूसरी वार्षिक सूची में साल 2019 के लिए लैंगिक नीति में 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल किया गया है.
इस सूची में इनको भी किया गया शामिल
- फुमज़िले म्लम्बो-न्गुका, कार्यकारी निदेशक, यूएन वुमन
- रूथ बेडर-गिन्सबर्ग, अमेरिका सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश
- कैरेन ग्रोन, विश्व बैंक समूह में लैंगिक विषयों के वरिष्ठ निदेशक
- मिशेल बेचेलेट, मानवाधिकार के लिए उच्चायुक्त, संयुक्त राष्ट्र
- मिशेल ओबामा, संस्थापक, ग्लोबल गर्ल्स एलायंस
- बिनेटा डिओप, संस्थापक, फिम्मेस अफ्रीका सॉलिडेराईट
- मरियम जलाबी, संस्थापक सदस्य, सीरियाई महिला राजनीतिक आंदोलन
- मार्गोट वालस्ट्रॉम, विदेश मंत्री, स्वीडन
बता दें कि इस उपलब्धि के लिए कई देशों की सरकारों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और शैक्षणिक समुदायों की ओर से मिले 9 हजार से ज्यादा नामांकन के आधार पर इस सूची को तैयार किया गया था, जिसमें यूएएन वुमन, वुमन डिलिवर, वुमन इन ग्लोबल हेल्थ, जी-7 जेंडर इक्वलिटी एडवाइजरी काउंसिल, हार्वर्ड और गेट्स फाउंडेशन शामिल थे.
'मेरे लिए बेहद सम्मान की बात है'
इस मौके पर डॉ. रंजना कुमारी ने कहा कि लैंगिक नीति में 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल होना मेरे लिए बेहद सम्मान की बात है. मैं सभी विजेताओं और नामित व्यक्तियों को बधाई देती हूं. अपॉलिटिकल की सूची इस बात का प्रमाण है कि पूरी दुनिया में हजारों लोग लैंगिक समानता के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं. पूरी दुनिया में बहुत सारे अच्छे कार्य हो रहे हैं, साथ ही पूरे विश्व को महिलाओं के लिए न्यायसंगत स्थान बनाने की दिशा में अभी भी बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है.
जानिए कौन हैं डॉ. रंजना कुमारी
बात दें डॉ. कुमारी ने अपना जीवन दक्षिण एशियाई क्षेत्र में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काम करते हुए समर्पित कर चुकी हैं. उनकी स्कूली शिक्षा वाराणसी, उत्तर प्रदेश में हुई. उनके दादा एक स्वतंत्रता सेनानी पंडित विश्वनाथ शर्मा थे, जो वाराणसी के प्रसिद्ध काशी विद्यापीठ के संस्थापक सदस्य थे. रंजना कुमारी की स्कूली शिक्षा वाराणसी से हुई, जिसके बाद वो दिल्ली चली गईं, जहां उन्होंने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में एमए, एम.फिल और पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की. साल1976 में उनके घर के पास एक महिला की दहेज के लिए हत्या कर दी गई थी, इस घटना ने डॉ रंजना को अंदर से झकझोर दिया और घटना से आहत होकर उन्होंने अपना जीवन महिलाओं के उत्थान के लिए लगाने का निश्चल किया. इसके बाद उन्होंने महिला विकास के अनेकों काम किए.