नई दिल्ली/नोएडाः गौतमबुद्ध नगर पुलिस विभाग की इमारत पूरी तरह जर्जर हो चुकी है, जिसके चलते यहां हादसे की आशंका बनी हुई है. दरअसल, दिल्ली से नोएडा में प्रवेश करने के साथ ही पुलिस विभाग कंट्रोल रूम के वायरलेस डिपार्टमेंट के वर्कशॉप की बिल्डिंग की हालत बहुत ही दयनीय है. खंडहर में तब्दील होते वायरलेस के वर्कशॉप में पुलिस विभाग के सिपाही अपनी जान जोखिम में डालकर रह रहे हैं. (condition of building of wireless department workshop is pathetic)
नोएडा के सेक्टर 14ए स्थित पुलिस कंट्रोल रूम की इमारत को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां की पुलिस विभाग किस तरह जान जोखिम में डालकर रह रहे हैं. 14ए स्थित पुलिस कंट्रोल रूम का उद्घाटन 28 अक्टूबर 1986 को तत्कालीन प्रदेश के पुलिस महानिदेशक डीके अग्रवाल ने किया था. कंट्रोल रूम के कैंपस में पूरे गौतमबुद्ध नगर जिले के करीब 10 थानों और गाड़ियों में लगने वाले वायरलेस सेट को यहीं से लगाने का काम किया जाता है और यहां पर वायरलेस सेट का वर्कशॉप भी बनाया गया है.
सूचनाएं फ्लैश करने वाले सेट के वर्कशॉप की हालत यह है कि उसकी इमारत पूरी तरीके से जर्जर हो गई है, जिसे देखकर यह कहा जा सकता है कि यह किसी बड़े हादसे को दावत दे रही है. 2020 में नोएडा में कमिश्नरी प्रणाली लागू हो गई और 33 महीने से अधिक बीत गए हैं, पर अभी तक किसी अधिकारी की नजर वायरलेस सेट वर्कशॉप की इमारत की तरफ नहीं गई.
पुलिस कंट्रोल रूम सेक्टर 14ए में तैनात कुछ पुलिसकर्मियों से जब बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कैमरे पर बात नहीं की. हालांकि, उन्होंने बताया कि 2020 से पूर्व यहां पर एसएसपी बैठते थे और कमिश्नरी बनने के बाद कंट्रोल रूम की इमारत में डीसीपी ट्रैफिक से लेकर एडिशनल डीसीपी के साथ ही अन्य कई विभागों की शाखा यहां पर खुल गई.