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युवाओं के आइडियाज को लगेंगे पंख, विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग ने जीएल बजाज संस्थान को बनाया डीएसटी केंद्र - Greater Noida hindi News

ग्रेटर नोएडा स्थित जीएल बजाज के सेंटर फॉर रिसर्च एंड इनक्यूबेशन को भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिक विभाग डीएसटी ने डीएसटी प्रवास केंद्र बनाया है. इस सेंटर पर प्रत्येक वर्ष 10 आइडियाज का चयन किया जाएगा. साथ ही कॉलेज को सरकार की तरफ से प्रत्येक वर्ष 60 लाख रुपये की ग्रांट दी जाएगी.

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Published : Feb 9, 2023, 7:35 PM IST

जानकारी देते हुए कार्यक्रम प्रबंधक

ग्रेटर नोएडा/ नई दिल्ली: इनोवेशन के क्षेत्र में कुछ नया करने की सोच रखने वाले छात्र-छात्राओं के लिए एक अच्छी खबर है. भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिक विभाग, डीएसटी ने ग्रेटर नोएडा स्थित जीएल बजाज के सेंटर फॉर रिसर्च एंड इनक्यूबेशन को डीएसटी प्रवास केंद्र बनाया है. यहां पर छात्र छात्राओं के नए आइडियाज को उड़ान भरने में मदद मिलेगी.


छात्रों को आर्थिक सहयोग के अलावा मेंटर भी होंगे उपलब्ध
बता दें कि छात्र-छात्राओं को आर्थिक सहयोग के अलावा मेंटर भी उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे युवा अपने आइडिया पर अच्छे से काम कर सकेंगे. यहां पर युवाओं को अच्छी लैब्स मिलेंगी और कॉलेज प्रबंधक की तरफ से भी पूरा सहयोग दिया जाएगा. ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क स्थित जीएल बजाज कॉलेज में डीएसटी सेंटर बनाया गया है. कॉलेज की वेबसाइट पर जाकर पूरे देश से कोई भी छात्र यहां पर आवेदन कर सकता है. जिसके बाद छात्र के आइडिया को चयन समिति के पास भेजा जाएगा. चयन समिति उसका चयन कर छात्र को यहां अपने आइडिया पर काम करने का मौका देगी. इस सेंटर पर प्रत्येक वर्ष 10 आइडियाज का चयन किया जाएगा.

कॉलेज को सरकार की तरफ से हर साल मिलेगी 60 लाख की ग्रांट
दरअसल देशभर में कुल 14 डीएसटी प्रयास केंद्र बनाए गए हैं. इन डीएसटी केंद्रों में युवा और महत्वाकांक्षी उद्यमियों के प्रौद्योगिकी के प्रचार प्रसार और उनके स्टार्टअप की गति में वृद्धि लाने में मदद मिलेगी. ग्रेटर नोएडा के जीएल बजाज सेंटर फॉर रिसर्च एंड इनक्यूबेशन को सरकार की तरफ से 3 करोड़ रुपये की ग्रांट दी गई है, जो 5 सालों में कॉलेज को मिलेगी. साथ ही कॉलेज को सरकार की तरफ से प्रत्येक वर्ष 60 लाख की ग्रांट दी जाएगी.

कार्यक्रम प्रबंधक ने दी जानकारी
कार्यक्रम प्रबंधक डॉ संजय कुमार ने बताया कि निधि प्रयास कार्यक्रम का उद्देश्य देश के युवा और इच्छुक प्रमोटरों के विचार को एक प्रोटोटाइप में बदलने के लिए प्रोटोटाइप फंडिंग प्रदान करना है. जिसके द्वारा आत्मनिर्भर भारत मिशन के अनुरूप स्वदेशी रूप से विकसित नवाचारों और उत्पादों को बढ़ावा दिया जा सके. उन्होंने बताया कि इस योजना में संपूर्ण भारत से 18 वर्ष आयु पूर्ण कर चुके इन्नोवेटर्स के इनोवेटिव आइडिया को प्रोटोटाइप में बदलकर युवा इन्नोवेटर्स को प्रोत्साहित किया जाएगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया के सभी चयनित इनोवेटिव आइडियाज को अधिकतम दस लाख रुपये की अनुदान राशि प्रदान की जाएगी, ताकि वह छात्र अपने इनोवेटिव आइडिया को डिवेलप कर सकें. साथ ही कहा कि इसमें छात्र को दो मेंटर भी उपलब्ध कराए जाएंगे, जिनमें से एक मेंटल कॉलेज द्वारा होगा, जबकि दूसरा मेंटर छात्र बाहर से भी चुन सकता है. इसके साथ ही कुछ विशेष इनोवेटिव आइडिया पर कॉलेज प्रबंधक बाहर से भी मेंटर उपलब्ध कराएगा.

पीएम नरेंद्र मोदी के विजन को लेकर आगे बढ़ रही संस्था

जीएल बजाज कॉलिज के निर्देशक डॉक्टर मानस मिश्रा और संस्थान के वाइस चेयरमैन पंकज अग्रवाल ने बताया कि डीएसटी केंद्र पर अपने नवाचार पर आधारित स्टार्टअप को सफलतापूर्वक व्यवसाय में बदल सकेंगे. उन्होंने कहा कि इनोवेशन के लिए कॉलेज की तरफ से भी दो करोड़ रुपये का फंड रखा गया है,जो भी विद्यार्थी इनोवेशन करेगा उसका सहयोग किया जाएगा और पीएम नरेंद्र मोदी के विजन को लेकर संस्था आगे बढ़ रही है. जिससे युवाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सके.

ये भी पढ़ें: CUET-UG 2023: आज से आवेदन प्रक्रिया शुरू, 12 मार्च आखिरी डेट

जानकारी देते हुए कार्यक्रम प्रबंधक

ग्रेटर नोएडा/ नई दिल्ली: इनोवेशन के क्षेत्र में कुछ नया करने की सोच रखने वाले छात्र-छात्राओं के लिए एक अच्छी खबर है. भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिक विभाग, डीएसटी ने ग्रेटर नोएडा स्थित जीएल बजाज के सेंटर फॉर रिसर्च एंड इनक्यूबेशन को डीएसटी प्रवास केंद्र बनाया है. यहां पर छात्र छात्राओं के नए आइडियाज को उड़ान भरने में मदद मिलेगी.


छात्रों को आर्थिक सहयोग के अलावा मेंटर भी होंगे उपलब्ध
बता दें कि छात्र-छात्राओं को आर्थिक सहयोग के अलावा मेंटर भी उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे युवा अपने आइडिया पर अच्छे से काम कर सकेंगे. यहां पर युवाओं को अच्छी लैब्स मिलेंगी और कॉलेज प्रबंधक की तरफ से भी पूरा सहयोग दिया जाएगा. ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क स्थित जीएल बजाज कॉलेज में डीएसटी सेंटर बनाया गया है. कॉलेज की वेबसाइट पर जाकर पूरे देश से कोई भी छात्र यहां पर आवेदन कर सकता है. जिसके बाद छात्र के आइडिया को चयन समिति के पास भेजा जाएगा. चयन समिति उसका चयन कर छात्र को यहां अपने आइडिया पर काम करने का मौका देगी. इस सेंटर पर प्रत्येक वर्ष 10 आइडियाज का चयन किया जाएगा.

कॉलेज को सरकार की तरफ से हर साल मिलेगी 60 लाख की ग्रांट
दरअसल देशभर में कुल 14 डीएसटी प्रयास केंद्र बनाए गए हैं. इन डीएसटी केंद्रों में युवा और महत्वाकांक्षी उद्यमियों के प्रौद्योगिकी के प्रचार प्रसार और उनके स्टार्टअप की गति में वृद्धि लाने में मदद मिलेगी. ग्रेटर नोएडा के जीएल बजाज सेंटर फॉर रिसर्च एंड इनक्यूबेशन को सरकार की तरफ से 3 करोड़ रुपये की ग्रांट दी गई है, जो 5 सालों में कॉलेज को मिलेगी. साथ ही कॉलेज को सरकार की तरफ से प्रत्येक वर्ष 60 लाख की ग्रांट दी जाएगी.

कार्यक्रम प्रबंधक ने दी जानकारी
कार्यक्रम प्रबंधक डॉ संजय कुमार ने बताया कि निधि प्रयास कार्यक्रम का उद्देश्य देश के युवा और इच्छुक प्रमोटरों के विचार को एक प्रोटोटाइप में बदलने के लिए प्रोटोटाइप फंडिंग प्रदान करना है. जिसके द्वारा आत्मनिर्भर भारत मिशन के अनुरूप स्वदेशी रूप से विकसित नवाचारों और उत्पादों को बढ़ावा दिया जा सके. उन्होंने बताया कि इस योजना में संपूर्ण भारत से 18 वर्ष आयु पूर्ण कर चुके इन्नोवेटर्स के इनोवेटिव आइडिया को प्रोटोटाइप में बदलकर युवा इन्नोवेटर्स को प्रोत्साहित किया जाएगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया के सभी चयनित इनोवेटिव आइडियाज को अधिकतम दस लाख रुपये की अनुदान राशि प्रदान की जाएगी, ताकि वह छात्र अपने इनोवेटिव आइडिया को डिवेलप कर सकें. साथ ही कहा कि इसमें छात्र को दो मेंटर भी उपलब्ध कराए जाएंगे, जिनमें से एक मेंटल कॉलेज द्वारा होगा, जबकि दूसरा मेंटर छात्र बाहर से भी चुन सकता है. इसके साथ ही कुछ विशेष इनोवेटिव आइडिया पर कॉलेज प्रबंधक बाहर से भी मेंटर उपलब्ध कराएगा.

पीएम नरेंद्र मोदी के विजन को लेकर आगे बढ़ रही संस्था

जीएल बजाज कॉलिज के निर्देशक डॉक्टर मानस मिश्रा और संस्थान के वाइस चेयरमैन पंकज अग्रवाल ने बताया कि डीएसटी केंद्र पर अपने नवाचार पर आधारित स्टार्टअप को सफलतापूर्वक व्यवसाय में बदल सकेंगे. उन्होंने कहा कि इनोवेशन के लिए कॉलेज की तरफ से भी दो करोड़ रुपये का फंड रखा गया है,जो भी विद्यार्थी इनोवेशन करेगा उसका सहयोग किया जाएगा और पीएम नरेंद्र मोदी के विजन को लेकर संस्था आगे बढ़ रही है. जिससे युवाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सके.

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