नई दिल्ली : शाहदरा जिला कि मानसरोवर पार्क और शाहदरा थाना पुलिस ने दो अलग-अलग मामले में शामिल दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से एक मोबाइल और एक बाइक बरामद की गई है. बदमाशों की पहचान दिल्ली से सटे यूपी के लोनी निवासी मोसिम खान और आरके पुरम निवासी दिलशाद अंसारी के तौर पर हुई है.
शाहदरा जिला की डीसीपी रोहित मीना ने बताया कि 10 मार्च को मानसरोवर पार्क थाना क्षेत्र में मोबाइल फोन स्नैचिंग के संबंध में शिकायत मिली थी. शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर जांच के लिए एक टीम को लगाया गया. पुलिस टीम ने घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच की. जिससे वारदात में इस्तेमाल बाइक नंबर की पहचान हो गई. इसके बाद पुलिस ने बाइक मालिक के पते पर छापा मारा. पूछताछ के दौरान बाइक मालिक ने बताया कि उक्त बाइक पिछले सप्ताह से मोसिम खान नाम के व्यक्ति के पास थी. उसके बाद मोसिम खान को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया.
शुरुआत में वह मामले में अपनी संलिप्तता से इंकार कर रहा था, लेकिन जब कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने सहयोगी शौकिन के साथ मोबाइल स्नैचिंग मामले में अपनी भागीदारी स्वीकार कर ली. उसकी निशानदेही पर बाइक और मोबाइल फोन बरामद कर लिया गया है.
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डीसीपी ने बताया कि इसके अलावा 17 फरवरी को शिकायतकर्ता शिवम पोरवाल निवासी रोहताश नगर, दिल्ली ने कहा कि जब वह शाहदरा मेट्रो स्टेशन के पास मोबाइल पर बात कर रहा था, तभी पीछे से एक बाइक पर दो लड़के आए और उसका मोबाइल फोन छीन लिया. इस संबंध में शाहदरा थाने में शिकायत दर्ज की गई है. इसके बाद पुलिस ने तकनीकी निगरानी के माध्यम से छीने गए फोन को ट्रैक करते हुए आरकेपुरम निवासी दिलशाद को पकड़ लिया. उसके कब्जे से छीना गया फोन भी बरामद कर लिया गया है. आरोपी पेशे से मजदूर है.
हेडगेवार अस्पताल के पास 32 लाख की लूट: शाहदरा जिला के कड़कड़डूमा क्षेत्र स्थित हेडगेवार अस्पताल के पास हुई 32 लाख की लूट में शामिल दो बदमाशों को फर्श बाजार पुलिस ने यूपी के वृंदावन से गिरफ्तार कर लिया है. इससे पहले इसी मामले में पुलिस पांच बदमाशों को गिरफ्तार कर चुकी है. गिरफ्तार आरोपी की पहचान उत्तर पूर्वी दिल्ली के सोनिया विहार निवासी रामबाबू और विशाल के तौर पर हुई है.
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डीसीपी रोहित मीना ने बताया कि 29 जनवरी को हेडगेवार अस्पताल के पास बंदूक की नोक पर कारोबारी से 32 लाख रुपये की लूट हुई थी. बदमाश लूट की वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए थे. जांच में पता चला कि इस वारदात को 8 बदमाशों ने मिलकर अंजाम दिया है. इस मामले में शामिल 5 बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन तीन आरोपी फरार थे. इसके बाद पुलिस ने आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी शुरू की, लेकिन आरोपी लगातार हरिद्वार, जयपुर, अजमेर और मथुरा आदि में अपना स्थान बदल रहे थे. आखिरकार रविवार रात को दो आरोपी के यूपी के वृंदावन में एक आश्रम के पास होने की सूचना मिली. सूचना मिलते सिटी मौके पर पहुची और रामबाबू और विशाल को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में पता चला कि आरोपियों ने वृंदावन में कमीशन एजेंट के रूप में काम करना शुरू कर दिया था. वह लोग ग्राहकों को रहने के लिए आश्रमों और लॉज में लाते थे.