नई दिल्ली/गाजियाबाद: बुधवार को दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण स्तर में थोड़ी बहुत गिरावट देखने को मिली है. एनसीआर के दर्जन भर से अधिक इलाकों के प्रदूषण स्तर में बुधवार को Air Quality Index में गिरावट देखने को मिली है. मंगलवार को दिल्ली एनसीआर के 30 से अधिक इलाकों में प्रदूषण स्तर रेड जोन में दर्ज किया (Reached in Red Zone) गया था. दिल्ली के आनंद विहार और गाजियाबाद के लोनी इलाके को छोड़कर एनसीआर के किसी भी इलाके का प्रदूषण स्तर सुबह 8:00 बजे Red Zone में दर्ज नहीं किया गया है. जोकि अच्छा संकेत है. माना जा रहा है कि हवा की रफ्तार बढ़ने से प्रदूषण आसानी से छट रहा है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) 259, गाज़ियाबाद का 263, नोएडा का 246 और ग्रेटर नोएडा का 194 AQI दर्ज किया गया है. फिलहाल दिल्ली एनसीआर का प्रदूषण स्तर खराब (Air Got Worse) श्रेणी में है जबकि 100 से नीचे AQI को संतोषजनक और 50 से नीचे अच्छी श्रेणी में माना जाता है.
दिल्ली-एनसीआर के प्रमुख इलाकों का प्रदूषण स्तर-
दिल्ली-NCR | मंगलवार | बुधवार |
आरके पुरम, दिल्ली | 360 | 279 |
सिरी फोर्ट, दिल्ली | 335 | 274 |
आईटीओ, दिल्ली | 331 | 267 |
अलीपुर, दिल्ली | 308 | 255 |
पंजाबी बाग, दिल्ली | 336 | 283 |
आया नगर, दिल्ली | 317 | 196 |
लोधी रोड, दिल्ली | 317 | 199 |
CRRI मधुरा रोड, दिल्ली | 347 | 250 |
पूसा, दिल्ली | 322 | 241 |
जेएलएन स्टेडियम, दिल्ली | 347 | 255 |
नेहरू नगर, दिल्ली | 371 | 283 |
अशोक विहार, दिल्ली | 330 | 262 |
आनंद विहार, दिल्ली | 361 | 344 |
मुंडका, दिल्ली | 303 | 245 |
रोहिणी, दिल्ली | 317 | 258 |
जहांगीरपुरी, दिल्ली | 347 | 290 |
पटपड़गंज, दिल्ली | 316 | 274 |
द्वारका सेक्टर-8, दिल्ली | 318 | 257 |
लोनी, गाज़ियाबाद | 369 | 332 |
इंदिरापुरम, गाज़ियाबाद | 312 | 259 |
सेक्टर 62, नोएडा | 334 | 273 |
सेक्टर 116, नोएडा | 349 | 276 |
सेक्टर 125, नोएडा | 278 | 206 |
एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.
घर पर तैयार करें कॉटन मास्क: जो लोग अधिकतर समय खुले में बिताते हैं उन्हें प्रदूषण काफी नुकसान पहुंचाता है. ऐसे में प्रदूषण से बचने के लिए उपाय करना भी बेहद जरूरी है. खुले भी अधिकतर समय बिताने वाले लोग घर में कॉटन का 4 लेयर का मास्क तैयार कर सकते हैं. जिसे गीला करके वह अपने चेहरे पर लगा सकते हैं. जिससे कि पार्टिकुलेट मैटर सास के रास्ते शरीर में प्रवेश नहीं कर पाते हैं. गीला होने के चलते पार्टिकुलेट मैटर मास्क में चिपक जाते हैं. हालांकि मार्च को समय-समय पर धोने की आवश्यकता होती है.
प्रदूषण बढ़ने पर बरते ये सावधानियां बरतें-
- बच्चे, बुजुर्ग और दमा रोगी सुबह और शाम न टहलें.
- घर से मास्लगाकर ही बाहर निकलें.
- दमे के रोगी इन्हेलर का नियमित इस्तेमाल करें.
- दमे के रोगी दवा का नियमित सेवन करें.
- शाम को गर्म पानी का भाप लें.
- गले में खराश होने पर गुनगुने पानी से गरारा करें.
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