नई दिल्ली: दिवाली को दीयों का पर्व है. ऐसे में आपको जानकर हैरानी होगी कि रोशनी के इस त्योहार पर दिल्ली के उत्तम नगर, बिंदापुर और अन्य इलाकों में बनने वाले दीये खासतौर पर डिजाइनर दीये दिल्ली के अलावा कई अन्य राज्यों और विदेश (Delhi designer diyas are in demand) भी जाते हैं.
दिल्ली के उत्तम नगर के प्रजापति कॉलोनी में इन दिनों दिन-रात कुम्हार सामान्य दीये, डिजाइनर दीये, अन्य सजावट के सामान होम डेकोरेटिव आइटम्स जो मिट्टी के बनाए जाते हैं, उसे बनाने में जुटे हुए हैं. यहां का बना सामान हरियाणा, यूपी, पंजाब, राजस्थान, महाराष्ट्र सहित कई अन्य राज्यों के अलावा डिजाइनर दीये कि विदेश में भी मांग है.
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दीये बनाने वालों का कहना है कि कोरोना ने 2 साल कारोबार को चौपट कर दिया था, लेकिन इस बार बाजार में दीयों की मांग बढ़ी है, खारतौर पर डिजाइनर दीयों की मांग सबसे ज्यादा है. हालांकि लगातार बढ़ती महंगाई का असर इनके काम को भी प्रभावित कर रहा है. इनकी मानें तो दीये बनाने में जिस मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है वह मिट्टी हरियाणा से आती है और इस बार मिट्टी के दामों में काफी बढ़ोतरी हुई है. इतना ही नहीं दीये को पकाने के लिए लकड़ी के जिस बुरादे का इस्तेमाल किया जाता है उस के दामों में भी भारी बढ़ोतरी हो गई है. लेकिन लागत के हिसाब से इनके दीयों के दाम नहीं बढ़ पाए हैं, जिसके कारण इन्हें जितना मुनाफा होना चाहिए उतना नहीं हो पा रहा है.
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इनका कहना है कि दीयों की डिमांड दिल्ली और दिल्ली के बाहर से जरूर आ रहे हैं, लेकिन दीये के दाम बढ़ने के बाद लोग इन्हें पहले के दामों पर ही दीये देने के लिए मजबूर करते हैं. अब ऐसे में इस सीजन के खत्म होने के बाद इनके लिए बेकार हो जाएंगे इसलिए मजबूरी में इन्हें औने-पौने दामों में दीये बेचने पड़ते हैं. इसके बावजूद ये खुश हैं कि इस साल 2 साल के अंतराल के बाद इनके काम ने रफ्तार पकड़ी है. उससे भी ज्यादा खुशी इन्हें इस बात की है कि इनके द्वारा बनाए गए दीये देश के कई हिस्से में जगमगाते हैं.
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