नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा, एक मामले की गुत्थी सुलझाने वाली टीम में शामिल पुलिसकर्मियों का हौसला बढ़ाने के लिए बुधवार को दयालपुर थाने पहुंचे. इन पुलिसकर्मियों ने उत्तर पूर्वी दिल्ली के दयालपुर थाना अंतर्गत करलवाल नगर एक्सटेंशन में हुई 88 साल की शांति देवी की हत्या की गुत्थी को सुलझाया था. इस मौके पर जॉइंट सीपी छाया शर्मा , डीसीपी संजय कुमार सैन के अलावा जिला के तमाम वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
दरअसल 29 जनवरी को लगभग सुबह 9 बजे, दयालपुर पुलिस स्टेशन में एक पीसीआर कॉल मिली, जिसमें बताया गया कि करावल नगर एक्सटेंशन के गली नंबर 4 में स्थित एक घर का दरवाजा टूटा हुआ है. साथ ही यह भी बताया गया कि खटखटाने पर कोई जवाब नहीं दे रहा है. सूचना मिलते ही दयालपुर थाने के एसएचओ टीम के साथ मौके पर पहुंचे और पाया कि एक बूढ़ी महिला, बंधी हुई अपने बिस्तर पर मृत पड़ी थी. घर में तोड़फोड़ की गई थी और अलमारी का ताला भी टूटा हुआ था. इससे पुलिस को लूट का शक हुआ. वहीं जांच में महिला की पहचान शांति देवी के रूप में हुई.
इसके बाद अपराध स्थल के निरीक्षण के लिए क्राइम ब्रांच और एफएसएल की टीम को बुलाया गया. आसपास पूछताछ करने पर यह पता चला कि शांति देवी अकेले रहती थीं. उनके तीन बेटे हैं जो अपने परिवारों के साथ रहते हैं और कभी-कभी उनसे मिलने जाया करते थे. इसपर हत्या का मामला दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए ऑपरेशन विंग और आसपास के पुलिस स्टेशनों की टीमों को भी दयालपुर टीम की सहायता के लिए शामिल किया गया.
जांच में घटनास्थल के पास कोई सीसीटीवी नहीं लगा मिला. हालांकि यह पता चला कि उस रात पास की एक गली में एक जागरण होने के साथ क्षेत्र में कई आयोजन थे. बाद में पुलिस टीमों ने आसपास के इलाकों के उपलब्ध सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण करना शुरू किया. सीसीटीवी फुटेज के गहन विश्लेषण पर कई व्यक्तियों को चिह्नित किया गया था और स्थानीय मुखबिरों और अन्य स्रोतों के माध्यम से उनके विवरणों का सत्यापन किया गया. अंत में, सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से तीन संदिग्ध लोगों को चिह्नित किया गया.
जब उनके मार्ग का पीछा किया गया तो वह करावल नगर एक्सटेंशन के रामा गार्डन के क्षेत्र में समाप्त हुआ, जिसके बाद उन क्षेत्रों के निवासियों को एक-एक करके सत्यापित किया गया. सत्यापन में यह सामने आया कि एक घर 3-4 दिनों से बंद है और उसमें रहने वालों को पड़ोसियों ने कई दिनों से नहीं देखा है. स्थानीय स्रोतों के माध्यम से उनके बारे में जानकारी हासिल करने के साथ उनके मोबाइल फोन के सीडीआर (कॉल डिटेल रिपोर्ट) के विस्तृत विश्लेषण ने घटना वाली रात को पीड़ित के घर के पास उनकी उपस्थिति की भी पुष्टि की. जांच में उनकी पहचान कमल, बादल (पुत्र कमल) और अशोक (कमल की बहन का बेटा) निवासी गांव झारोली, अलीगढ़, उत्तर प्रदेश के रूप में हुई.
इसके साथ ही यह भी पता चला कि बादल, मैक्स अस्पताल, वैशाली, गाजियाबाद में हाउस कीपर का काम करता है. वहीं अस्पताल से पुष्टि करने पर, यह सामने आया कि घटना की तारीख से बादल अपनी ड्यूटी से अनुपस्थित है. इस महत्वपूर्ण जानकारी से बादल पर संदेह की पुष्टि की हो गई. संदिग्धों को पकड़ने के लिए, एक पुलिस टीम को वैकल्पिक उपलब्ध पते यानी गांव झरोली, अलीगढ़ (यूपी) पर तैनात किया गया. उनके गांव से एकत्र की गई जानकारी के आधार पर, सभी तीन संदिग्ध व्यक्तियों के विभिन्न स्थानों/ संभावित ठिकानों पर छापे मारे गए.
कई टीमें टेक्निकल सर्विलांस और ह्यूमन इंटेलिजेंस के आधार पर उनका पीछा करती रहीं . करावल नगर के रामा गार्डन में उस संदिग्ध घर में चौबीसों घंटे निगरानी रखने के लिए एक समर्पित टीम को रखा गया. मंगलवार 7 फरवरी की सुबह,करावल नगर के रामा गार्डन स्थित घर में एक व्यक्ति चुपके से घर में प्रवेश करने की कोशिश करता नजर आया, सतर्क पुलिस टीम ने उसकी गतिविधि को देखा. पुलिस की मौजूदगी को भांपते हुए उसने मौके से भागने की कोशिश की, लेकिन उसे पकड़ लिया गया . उसने अपनी पहचान बादल पुत्र कमल के रूप में बताई.
पूछताछ के दौरान उसने अपना अपराध कबूल कर लिया और खुलासा किया कि उसने अपने पिता कमल और चचेरे भाई अशोक के साथ मिलकर लूट-सह-हत्या को अंजाम दिया. लगातार पूछताछ करने पर उसने खुलासा किया कि उसके पिता दिहाड़ी मजदूर हैं . कुछ महीने पहले उसके पिता कमल और चचेरे भाई अशोक ने मृत महिला के घर में मजदूर के रूप में काम किया था, जब उसने घर की मरम्मत / नवीनीकरण कराया था . उस समय, उन्होंने देखा था कि वह आर्थिक रूप से मजबूत है और ज्यादातर समय अकेले रहती है.
कमल और अशोक ने उसे यह बताया और उसके बाद उन्होंने उसे लूटने की योजना तैयार की. योजना के अनुसार, उन्होंने 17 से 22 जनवरी के बीच दो बार रात के समय उसके घर में प्रवेश करने का प्रयास किया, लेकिन कुछ बाधाओं और पुलिस वाहनों की आवाजाही के कारण वे इसेअंजाम नहीं दे सका. 29 जनवरी को को, उन्होंने पास की गली में जागरण देखा और वारदात को अंजाम देने का फैसला लिया . सभी शांति देवी के घर के पीछे के दरवाजे को तोड़कर घर में प्रवेश किया.
अंदर पहुंचने पर उन्होंने महिला को बांध दिया और घर में तोड़फोड़ की . लूट की वारदात को अंजाम देने के बाद वे अपनी पहचान छिपाने के लिए अपना चेहरा बंदर की टोपी से ढककर फरार हो गए. उसकी निशानदेही पर उसके घर के पास से लूट का कुछ सामान बरामद किया गया है . उन्होंने यह भी खुलासा किया कि उनका चचेरा भाई अशोक उत्तर प्रदेश में आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है, आगे की जांच जारी है और बाकी दो आरोपियों को पकड़ने के लिए टीमें काम कर रही हैं.
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