नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने सीएम अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा (Congress leader Anil Chaudhary targeted Kejriwal) है. उन्होंने कहा है कि दिल्ली में बयानबाजी के अलावा प्रदूषण रोकथाम के लिए कोई सकारात्मक और ठोस कोशिश नहीं हो रही है. इसी का नतीजा है कि दिल्ली विश्व में प्रदूषण की अंकतालिका में प्रथम स्थान पर है.
उन्होंने कहा कि अन्य कारकों के अलावा पराली को प्रदूषण का मुख्य कारण बताने वाले अरविंद केजरीवाल, आखिर पंजाब में पराली जलाने पर नियंत्रण क्यों नही लगा रहे हैं, वहां पराली गलाने की बजाए क्यों जलाई जा रही है? उन्होंने कहा कि बायो डी-कंपोजर घोल के इस्तेमाल से पहले ही दिल्ली, पंजाब व हरियाणा में पराली जलाई जा रही है. और तो और, राजधानी में पटाखों के इस्तेमाल की रोकथाम के बावजूद वायु प्रदूषण की स्थिति और खतरनाक हो गई है, जिससे बुजुर्गों, बच्चों को सांस लेने में काफी परेशानी हो रही है.
चौधरी ने कहा कि केजरीवाल प्रदूषण रोकने के लिए दिल्ली की जनता से सहयोग की बयानबाजी तो करते हैं, परंतु सरकारी मशीनरी का प्रयोग नहीं करते. वह एंटी-डस्ट, वाहनों के प्रदूषण, वेस्ट बर्निंग बेन, इंडस्ट्री, जैसे प्रदूषण के मुख्य कारकों पर रोकथाम के नाम पर सिर्फ बयान देते हैं. वास्तविकता तो यह है कि सरकारी विभाग मौन बैठे हैं. इतना ही नही, कनॉट प्लेस और आनंद विहार में करोड़ों रुपये की लागत से लगाए स्मॉग टावर निष्क्रिय साबित हो रहे हैं.
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उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार, प्रदूषण कारकों के आंतरिक कारणों पर रोकथाम करने में पूरी तरह विफल रही है, जबकि बारिश के बाद केजरीवाल बयान देते हैं कि दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रित है. गौरतलब है कि 5-11 अक्टूबर के बीच बारिश से दिल्ली में प्रदूषण से कुछ राहत मिली थी. उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार को प्रदूषण रोकथाम के लिए ग्रीन कवर, पर्यावरण मित्र, ई-वेस्ट पार्क, ग्रीन वार रूम, ग्रेप आदि योजनाओं को युद्ध स्तर पर वास्तविक रूप से चलाना होगा न कि बयानों और कागजी कार्रवाई में.