नई दिल्ली/ग़ाज़ियाबाद: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट ने प्रदूषण को लेकर रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कहा है कि दिल्ली-एनसीआर में 2022-23 की सर्दियां पिछले कुछ सालों की तुलना में कम प्रदूषित रही हैं. हालांकि एनसीआर के पांच सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में दिल्ली नंबर वन पर है.
विज्ञान और पर्यावरण केंद्र की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनुमिता रॉय चौधरी के मुताबिक सर्दियों की शुरुआत में भारी बारिश हुई, जिसने स्मॉग को बनने से रोका. प्रदूषण में आई गिरावट के बावजूद भी दिल्ली एनसीआर के सबसे प्रदूषित शहरों में बना हुआ है. अक्टूबर से जनवरी के बीच औसत प्रदूषण 160 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया है.
2018-19 की सर्दियों की तुलना में 2022-23 कि सर्दियों के दौरान पीएम 2.5 के लेवल में 17 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. पिछली सर्दियों में स्मॉग एपिसोड 6 से 10 दिन का दर्ज किया गया था, जबकि इस बार की सर्दियों में स्मॉग एपिसोड केवल 4 दिन (जो कि 6 जनवरी से 9 जनवरी के बीच) का दर्ज किया गया. 36 एक्यूआई स्टेशन में से इस सर्दी में 32 एक्यूआई स्टेशन के प्रदूषण स्तर में बीते तीन सालों के औसत की तुलना में सुधार दर्ज किया गया है. सबसे अधिक सुधार डीटीयू और ihbas AQI Station पर दर्ज किया गया है.
2018-19 की सर्दियों की तुलना में 2022-23 कि सर्दियों के दौरान प्रदूषण गंभीर श्रेणी कम दिन रहा. 2018-19 में 33 दिन ऐसे थे, जबकि 2022-23 मई में घटकर केवल 10 रह गए. बीते सालों में सर्दी के दौरान केवल एक 'Good AQI Day' दर्ज किया गया था. जबकि बीती सर्दी में पांच Good AQI Day दर्ज किए गए हैं, जो कि हवा की गुणवत्ता में आए सुधार का संकेत हैं.
उत्तर और पूर्वी दिल्ली में स्थित हॉटस्पॉट दिल्ली में सबसे अधिक प्रदूषित रहे. अक्टूबर-जनवरी औसत PM2.5 स्तर 201 µg/m³ के साथ जहांगीरपुरी 'सबसे प्रदूषित' हॉटस्पॉट रहा. अन्य सबसे प्रदूषित हॉटस्पॉट आनंद विहार (196 µg/m³), वजीरपुर (185 µg/m³), मुंडका (185 µg/m³), रोहिणी (182 µg/m³) और बवाना (179 µg/m³) थे. बहादुरगढ़ 105 µg/m³ के साथ गुरुग्राम और फरीदाबाद प्रत्येक 133 µg/m³ के साथ हॉटस्पॉट में सबसे कम प्रदूषित थे.
पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में इस वर्ष अक्टूबर और नवंबर के महीनों में पराली जलाने की कुल 55 हजार 846 दर्ज की गई, जो बीते सालों की तुलना में तकरीबन 36 प्रतिशत कम है. सीएसई के मुताबिक वायु प्रदूषण की रोकथाम को लेकर किए जा रहे प्रयासों और गति देनी की आवश्यकता है.
सीएसई के मुताबिक:
- एनसीआर में औद्योगिक स्वच्छ ईंधन नीति को लागू करना चाहिए.
- औद्योगिक कचरे को जलाने पर रोक लगाना चाहिए.
- इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ाना और पुराने वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाना और ऑन रोड एमिशन मॉनिटरिंग में सुधार करना चाहिए.
- निजी वाहनों का उपयोग कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन को और अधिक विकसित करना साथ ही साइकिलिंग नेटवर्क को बढ़ावा देना.
- कचरे को जलाने से रोकने के लिए डंपसाइट्स में पुराने कचरे का 100 प्रतिशत वेस्ट सैरीगेशन और रीसाइक्लिंग करना.
- खाना पकाने के लिए ठोस ईंधन का प्रयोग पर रोक लगाना.
- अर्बन ग्रीनिंग और ग्रीन वॉलिंग लागू करना.
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