नई दिल्ली/नोएडाः देश के रूप में हम स्वतंत्र है, पर आंतरिक विकार से स्वतंत्र होना बाकी है. उसके लिए अध्यात्मिक चेतना को जागृत करना बहुत आवश्यक है. यह बातें प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय क्रिसमस और विश्वविद्यालय के वार्षिकोत्सव के मौके पर संस्था की एनसीआर प्रमुख बहन शुक्ला ने कही. इस दौरान सभी ब्रह्मकुमारी को टोपियों पहनाई गई. साथ ही छोटे बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया.
नोएडा के सेक्टर 26 स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सेवा केंद्र का 35 वां वार्षिकोत्सव और क्रिसमस का पर्व हर्षोल्लास के साथ आध्यात्मिक वातावरण में मनाया गया. इसमें दिल्ली एनसीआर जोन की हेड बहन शुक्ला ने दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. नन्हें-मुन्ने बच्चों ने कार्यक्रम पेश किए. इसमें सैकड़ों ब्रह्मकुमारी ने भाग लिया. केक भी काटा गया और क्रिसमस कैप भी पहनाया गया.
बहन शुक्ला ने बताया कि आध्यात्मिक एवं नैतिक मूल्यों की पुनर्स्थापना द्वारा सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए विभिन्न स्तरों पर यह संस्था प्रयासरत है. भागदौड़ और तनाव भरी जिंदगी में अध्यात्म और मेडिटेशन लोगों के लिए बेहद जरूरी है.
उन्होंने कहा कि इच्छा पर काबू पाना चाहिए, क्योंकि इच्छा पूरी नहीं होती है तो क्रोध बढ़ता है और इच्छा पूरी होती है तो लोभ बढ़ता है. इसलिए जीवन की हर स्थिति में धैर्य बनाए रखना चाहिए. कहा कि आध्यात्मिक चेतना जब तक नहीं आती तब तक हमारे अंदर आत्मबल नहीं आ सकता. उसके लिए आप सबको मैं कहती हूं कि सच्ची आध्यात्मिकता यही है हम देश के रूप में तो स्वतंत्र हुए. हमारे अंदर जो आंतरिक अनेक विकार हैं उससे स्वतंत्र होना अभी बाकी है. उसके लिए आध्यात्मिक चेतना को जागृत करना बहुत आवश्यक है.