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रणदीप भाटी गैंग का सदस्य बताकर वसूली करने वाला कारोबारी गिरफ्तार - रणदीप भाटी गैंग

दिल्ली पुलिस ने रणदीप भाटी गैंग का सदस्य बनकर वसूली करने वाले कारोबारी को गिरफ्तार किया है. कुछ समय पहले कारोबारी ने अपना घर बेच कर सारे पैसे शेयर बाजार में लगा दिए थे, जिसमें उसे बड़ा घाटा हुआ था. इसके बाद उसने आसानी से पैसे कमाने के लिए अपने ही जान पहचान के एक ज्वेलर से रंगदारी मांगी. इसके बाद शिकायतकर्ता की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी कारोबारी को गिरफ्तार कर लिया.

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Published : Jan 7, 2023, 6:43 PM IST

रणदीप भाटी गैंग का सदस्य बनकर वसूली करने वाला कारोबारी गिरफ्तार

नई दिल्ली: स्पेशल स्टाफ की टीम ने एक ज्वेलर से कुख्यात रणदीप भाटी गैंग का सदस्य बताकर वसूली करने का प्रयास कर रहे कारोबारी को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपी के पास से वारदात में इस्तेमाल मोबाइल फोन बरामद कर लिया है. उत्तर पूर्वी जिला के डीसीपी संजय कुमार सेन ने शनिवार को बताया कि गिरफ्तार आरोपी की पहचान घोंडा निवासी अजय कुमार के तौर पर हुई है.

डीसीपी ने बताया कि भजनपुरा के रहने वाले एक जौहरी शेखर सोनी ने आरोप लगाया कि एक व्यक्ति ने उन्हें पाकिस्तानी नंबर से फोन किया और खुद को रणदीप भाटी गैंग से तरुण भाटी बताया और 1.5 लाख रुपये की रंगदारी मांगी. पैसे नहीं देने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी .शिकायतकर्ता ने धमकी की रिकॉर्डिंग भी उपलब्ध कराया, जिसके बाद शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया.

मामले को गंभीरता को देखते हुए स्पेशल स्टाफ ने एसआई अखिल चौधरी, एएसआई राजदीप त्यागी, एएसआई राजीव त्यागी, एचसी नितिन और एचसी सचिन शामिल किया गया. इसके अलावा सहयोग के लिए दूसरी टीमों को भी शामिल किया गया. डीसीपी ने बताया कि मुख्य चुनौती यह थी कि धमकी के लिए इस्तेमाल किया गया मोबाइल नंबर पाकिस्तान का था और आईपी एड्रेस अमेरिका के फिलाडेल्फिया का था. इसे देखते हुए अलग-अलग दूरसंचार/इंटरनेट प्रचालकों (राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय) से मोबाइल फोन और आईपी एड्रेस के ब्यौरे का पता लगाने के लिए प्रयास किए गए.

इस प्रक्रिया में 50 से अधिक संदिग्ध मोबाइल नंबरों के विवरण का विश्लेषण किया गया था, जिसके बाद टेक्निकल सर्विलांस और स्थानीय मुखबिर की सूचना के आधार पर कई स्थानों पर छापे मारे गए और आरोपी अजय को घोंडा स्थित उसके घर से शनिवार को गिरफ्तार कर लिया.

ये भी पढ़ें: अपराध की दुनिया में बनाना चाहता था वर्चस्व, बदमाशों ने मिलकर उतार दिया मौत के घाट, आरोपी गिरफ्तार

लगातार पूछताछ करने पर, उसने अपना अपराध कबूल कर लिया और आगे खुलासा किया कि वर्ष 2019 में उसने अपना घर बेच दिया और बिक्री से प्राप्त राशि को शेयर बाजार में लगभग 27 लाख रुपये का निवेश किया . जहा उसे घाटा हो गया और उसकी माली हालत खराब हो गई. जुलाई 2022 में उन्होंने अपने पड़ोसी जौहरी (शिकायतकर्ता शेखर सोनी) से संपर्क किया और मुथूट फाइनेंस से अपने गहने छुड़ाए और शिकायतकर्ता को बेच दिए.

इसलिए, उसे शिकायतकर्ता को धमकी देने और कुछ आसान पैसा बनाने का विचार आया. उसने फेसबुक पर अज्ञात व्यक्तियों के माध्यम से फर्जी नंबर की व्यवस्था की और शिकायतकर्ता को कॉल किया.

ये भी पढ़ें: पुलिस चौकी के पास एक साल में हत्या की तीन वारदात, लोगों ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल

रणदीप भाटी गैंग का सदस्य बनकर वसूली करने वाला कारोबारी गिरफ्तार

नई दिल्ली: स्पेशल स्टाफ की टीम ने एक ज्वेलर से कुख्यात रणदीप भाटी गैंग का सदस्य बताकर वसूली करने का प्रयास कर रहे कारोबारी को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपी के पास से वारदात में इस्तेमाल मोबाइल फोन बरामद कर लिया है. उत्तर पूर्वी जिला के डीसीपी संजय कुमार सेन ने शनिवार को बताया कि गिरफ्तार आरोपी की पहचान घोंडा निवासी अजय कुमार के तौर पर हुई है.

डीसीपी ने बताया कि भजनपुरा के रहने वाले एक जौहरी शेखर सोनी ने आरोप लगाया कि एक व्यक्ति ने उन्हें पाकिस्तानी नंबर से फोन किया और खुद को रणदीप भाटी गैंग से तरुण भाटी बताया और 1.5 लाख रुपये की रंगदारी मांगी. पैसे नहीं देने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी .शिकायतकर्ता ने धमकी की रिकॉर्डिंग भी उपलब्ध कराया, जिसके बाद शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया.

मामले को गंभीरता को देखते हुए स्पेशल स्टाफ ने एसआई अखिल चौधरी, एएसआई राजदीप त्यागी, एएसआई राजीव त्यागी, एचसी नितिन और एचसी सचिन शामिल किया गया. इसके अलावा सहयोग के लिए दूसरी टीमों को भी शामिल किया गया. डीसीपी ने बताया कि मुख्य चुनौती यह थी कि धमकी के लिए इस्तेमाल किया गया मोबाइल नंबर पाकिस्तान का था और आईपी एड्रेस अमेरिका के फिलाडेल्फिया का था. इसे देखते हुए अलग-अलग दूरसंचार/इंटरनेट प्रचालकों (राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय) से मोबाइल फोन और आईपी एड्रेस के ब्यौरे का पता लगाने के लिए प्रयास किए गए.

इस प्रक्रिया में 50 से अधिक संदिग्ध मोबाइल नंबरों के विवरण का विश्लेषण किया गया था, जिसके बाद टेक्निकल सर्विलांस और स्थानीय मुखबिर की सूचना के आधार पर कई स्थानों पर छापे मारे गए और आरोपी अजय को घोंडा स्थित उसके घर से शनिवार को गिरफ्तार कर लिया.

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लगातार पूछताछ करने पर, उसने अपना अपराध कबूल कर लिया और आगे खुलासा किया कि वर्ष 2019 में उसने अपना घर बेच दिया और बिक्री से प्राप्त राशि को शेयर बाजार में लगभग 27 लाख रुपये का निवेश किया . जहा उसे घाटा हो गया और उसकी माली हालत खराब हो गई. जुलाई 2022 में उन्होंने अपने पड़ोसी जौहरी (शिकायतकर्ता शेखर सोनी) से संपर्क किया और मुथूट फाइनेंस से अपने गहने छुड़ाए और शिकायतकर्ता को बेच दिए.

इसलिए, उसे शिकायतकर्ता को धमकी देने और कुछ आसान पैसा बनाने का विचार आया. उसने फेसबुक पर अज्ञात व्यक्तियों के माध्यम से फर्जी नंबर की व्यवस्था की और शिकायतकर्ता को कॉल किया.

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