नई दिल्ली/नोएडा: एल्विस यादव मामले में पिछले 20 दिनों से जारी घमासान के बीच फरीदाबाद से रेस्क्यू कर ले आए गए दोनों कोबरा सांप को न्यायालय के आदेश पर सोमवार को ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर स्थित वेटलैंड में छोड़ दिया गया. जिस वक्त सांपों को प्रकृतिवास में छोड़ा जा रहा था, उस वक्त मौके पर सांपों को जंगल में छोड़ने का आदेश देने वाले जज भी मौजूद रहे. सांपों के डॉक्टरी परीक्षण में उनमें विष ग्रंथियां नहीं पाई गईं. सांप भले ही कोबरा थे, पर विषधर नहीं थे. वही दोनों ही सांप शारीरिक रूप से स्वस्थ पाए गए. इस मामले में एल्विश से दोबारा पूछताछ को लेकर सोमवार को उच्च अधिकारियों ने बैठक की.
डीएफओ पीके श्रीवास्तव ने सांपों को जंगल में छोड़े जाने की पुष्टि की है. सांपों को प्रकृतिवास में छोड़ने के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित की गई थी. वन्यजीव प्रतिपालक और जांच अधिकारी, सलोनी समिति की अध्यक्ष जबकि उपक्षेत्रीय वन अधिकारी क्षेत्रपाल सिंह, वन दारोगा लव कौशिक, राकेश कुमार और राम अवतार इसमें सदस्य थे. न्यायालय में आदेश पारित करने के क्रम में जंगल में सांपों को छोड़ने की वीडियोग्राफी भी कराने की बात कही थी. वन विभाग के अधिकारियों का दावा है कि सांपों का जहर पहले ही निकाला जा चुका था. मेडिकल परीक्षण में दोनों सांप स्वस्थ पाए गए थे, हालांकि इनकी विष ग्रंथि गायब मिली है. दोनों सांप विषैले नहीं थे. अब तक कुल 11 सांपों को बरामद किया जा चुका है.
सिंगर फाजिलपुरिया को नोएडा पुलिस की मिल सकती है नोटिस
आगामी दिनों में सिंगर फाजिलपुरिया को भी पूछताछ के लिए नोएडा पुलिस नोटिस जारी कर सकती है. इस मामले में जेल भेजे गए राहुल को दो बार जबकि अन्य चार को एक बार पुलिस रिमांड पर लिया जा चुका है. अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में अब पुलिस साक्ष्य संकलन का काम कर रही है. सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर मामले की जांच की जा रही है. अब तक एल्विस यादव को एक बार पूछताछ के लिए बुलाया गया है. आगे भी बुलाने की संभावना जताई जा रही है.
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