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'निगम को भंग कर LG के अधीन कर देना चाहिए', बजट की बैठक में बोले AAP पार्षद

पूर्वी दिल्ली नगर निगम स्थाई समिति की बैठक में साल 2019-2020 के संशोधित बजट अनुमान व साल 2020-2021 के बजट अनुमानों पर चर्चा के दौरान आप पार्षद अब्दुल रहमान ने निगम के बजट को लेकर आरोप लगाए हैं.

AAP councilor accuses corporation at EDMC revised budget meeting in delhi
AAP पार्षद ने निगम पर लगाए आरोप
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Published : Dec 6, 2019, 10:03 AM IST

नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली नगर निगम स्थाई समिति की बैठक में संशोधित बजट के अनुमानों पर चर्चा शुरू हो गई है. चर्चा के पहले दिन विपक्ष की तरफ से निगम पार्षद अब्दुल रहमान ने अपने बजट भाषण में कमिश्नर के बजट पर कई सवाल खड़ा किया.

AAP पार्षद ने निगम पर लगाए आरोप

'आप' पार्षद ने निगम पर लगाया आरोप
अब्दुल रहमान ने कहा कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम सिर्फ योजनाएं बनाने में ज्यादा विश्वास करती है लागू करने पर नहीं. जिसकी वजह से पूर्वी दिल्ली नगर निगम की योजनाओं का लाभ जनता तक नहीं पहुंच पा रहा है. पूर्वी दिल्ली नगर निगम अपनी भ्रष्ट नीतियों व अपूर्ण योजनाओं के कारण पूर्वी दिल्ली नगर निगम दिन प्रतिदिन खोखली होती जा रही है. जिसके लिए बीजेपी जिम्मेदार है.

बीजेपी पिछले 13 सालों से दिल्ली नगर निगम पर राज कर रही है. योजनाओं को साकार करने के लिए बीजेपी के पास कोई ठोस नीति नहीं है. जिसकी वजह से नगर निगम की सभी योजनाएं फेल हो रही है. पूर्वी दिल्ली नगर निगम सिर्फ अनुदान पर आश्रित रहना चाहती है. वहीं अपनी आय बढ़ाने के लिए निगम ने अपनी तरफ से कोई कार्य नहीं किया है.


'निगम हो उपराज्यपाल के आधीन'
'आप' पार्षद ने कहा कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम को भंग कर उपराज्यपाल के अधीन कर देना चाहिए .पूर्वी दिल्ली नगर निगम की आमदनी दिन पर दिन कम हो रही है. निगम शासित भाजपा की भ्रष्ट नीति और दूरदर्शिता ने पूर्वी दिल्ली नगर निगम को अपंग सा बना दिया है और दिल्ली सरकार की ओर टकटकी निगाह से देखते हैं कि वह हमें कब अनुदान देंगे ताकि हम अपने कर्मचारियों का वेतन और विकास के कार्य को कर पाए .

'निगम की योजनाएं चल रही हैं लेट'
अब्दुल रहमान ने कहा कि निगम की ज्यादातर योजना लेट चल रही हैं. जोन के इमारत को 24 महीने में बनने का लक्ष्य रखा गया था उसका सिर्फ 10 से 20% ही काम हो पाया है. एलईडी लाइट लगाने की योजना भी पूरी नहीं हो पाई है.

रहमान ने कहा कि निगम की शिक्षा व्यवस्था की स्थिती का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शिकायत के बावजूद बच्चों को जर्जर बिल्डिंग में बैठाया गया और बच्चे की जान हादसे में बाल-बाल बची. स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षक नहीं है कंप्यूटर खराब होकर बर्बाद हो रहा है. स्कूल में शिक्षकों की कमी होने के बावजूद नर्सरी कक्षा शुरू किया गया. बिना उर्दू टीचर के उर्दू स्कूल चलाया जा रहा है.


निगम की आय का बजट
निगम के आय की बात करें तो साल 2017-18 में दिल्ली सरकार से अनुदान के रूप में 701 करोड़ रुपया और 2018-19 में 1529 करोड़ रुपया मिला. जबकि पूर्वी दिल्ली नगर निगम की खुद की आमदनी साल 2017-18 में 1036 करोड़ रुपये और 2018-19 में 958 करोड़ रुपये रहा है.

साल 2020-21 में आय की प्राप्ति का लक्ष्य 2019-20 में दिल्ली सरकार से अनुदान के रूप में 53% जबकि खुद की आमदनी का लक्ष्य 47%, वहीं 2020 -21 में दिल्ली सरकार से 73% और खुद का लक्ष्य 27% रखा गया है.

नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली नगर निगम स्थाई समिति की बैठक में संशोधित बजट के अनुमानों पर चर्चा शुरू हो गई है. चर्चा के पहले दिन विपक्ष की तरफ से निगम पार्षद अब्दुल रहमान ने अपने बजट भाषण में कमिश्नर के बजट पर कई सवाल खड़ा किया.

AAP पार्षद ने निगम पर लगाए आरोप

'आप' पार्षद ने निगम पर लगाया आरोप
अब्दुल रहमान ने कहा कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम सिर्फ योजनाएं बनाने में ज्यादा विश्वास करती है लागू करने पर नहीं. जिसकी वजह से पूर्वी दिल्ली नगर निगम की योजनाओं का लाभ जनता तक नहीं पहुंच पा रहा है. पूर्वी दिल्ली नगर निगम अपनी भ्रष्ट नीतियों व अपूर्ण योजनाओं के कारण पूर्वी दिल्ली नगर निगम दिन प्रतिदिन खोखली होती जा रही है. जिसके लिए बीजेपी जिम्मेदार है.

बीजेपी पिछले 13 सालों से दिल्ली नगर निगम पर राज कर रही है. योजनाओं को साकार करने के लिए बीजेपी के पास कोई ठोस नीति नहीं है. जिसकी वजह से नगर निगम की सभी योजनाएं फेल हो रही है. पूर्वी दिल्ली नगर निगम सिर्फ अनुदान पर आश्रित रहना चाहती है. वहीं अपनी आय बढ़ाने के लिए निगम ने अपनी तरफ से कोई कार्य नहीं किया है.


'निगम हो उपराज्यपाल के आधीन'
'आप' पार्षद ने कहा कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम को भंग कर उपराज्यपाल के अधीन कर देना चाहिए .पूर्वी दिल्ली नगर निगम की आमदनी दिन पर दिन कम हो रही है. निगम शासित भाजपा की भ्रष्ट नीति और दूरदर्शिता ने पूर्वी दिल्ली नगर निगम को अपंग सा बना दिया है और दिल्ली सरकार की ओर टकटकी निगाह से देखते हैं कि वह हमें कब अनुदान देंगे ताकि हम अपने कर्मचारियों का वेतन और विकास के कार्य को कर पाए .

'निगम की योजनाएं चल रही हैं लेट'
अब्दुल रहमान ने कहा कि निगम की ज्यादातर योजना लेट चल रही हैं. जोन के इमारत को 24 महीने में बनने का लक्ष्य रखा गया था उसका सिर्फ 10 से 20% ही काम हो पाया है. एलईडी लाइट लगाने की योजना भी पूरी नहीं हो पाई है.

रहमान ने कहा कि निगम की शिक्षा व्यवस्था की स्थिती का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शिकायत के बावजूद बच्चों को जर्जर बिल्डिंग में बैठाया गया और बच्चे की जान हादसे में बाल-बाल बची. स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षक नहीं है कंप्यूटर खराब होकर बर्बाद हो रहा है. स्कूल में शिक्षकों की कमी होने के बावजूद नर्सरी कक्षा शुरू किया गया. बिना उर्दू टीचर के उर्दू स्कूल चलाया जा रहा है.


निगम की आय का बजट
निगम के आय की बात करें तो साल 2017-18 में दिल्ली सरकार से अनुदान के रूप में 701 करोड़ रुपया और 2018-19 में 1529 करोड़ रुपया मिला. जबकि पूर्वी दिल्ली नगर निगम की खुद की आमदनी साल 2017-18 में 1036 करोड़ रुपये और 2018-19 में 958 करोड़ रुपये रहा है.

साल 2020-21 में आय की प्राप्ति का लक्ष्य 2019-20 में दिल्ली सरकार से अनुदान के रूप में 53% जबकि खुद की आमदनी का लक्ष्य 47%, वहीं 2020 -21 में दिल्ली सरकार से 73% और खुद का लक्ष्य 27% रखा गया है.

Intro:पुर्वी दिल्ली . पूर्वी दिल्ली नगर निगम स्थाई समिति की बैठक में वर्ष 2019 - 2020 के संशोधित बजट अनुमान व वर्ष 2020 - 2021 के बजट अनुमानों पर चर्चा शुरू हो गया है . चर्चा के पहले दिन विपक्ष की तरफ से निगम पार्षद अब्दुल रहमान ने अपने बजट भाषण में कमिश्नर के बजट पर कई सवाल खड़ा किया .


Body:अब्दुल रहमान ने कहा कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम सिर्फ योजनाएं बनाने में ज्यादा विश्वास करती है लागू करने पर नहीं . जिसकी वजह से पूर्वी दिल्ली नगर निगम की योजनाओं का लाभ जनता तक नहीं पहुंच पा रहा है .

पूर्वी दिल्ली नगर निगम अपनी भ्रष्ट नीतियों व अपूर्ण योजनाओं के कारण पूर्वी दिल्ली नगर निगम दिन प्रतिदिन खोखली होती जा रही है . जिसके लिए भाजपा जिम्मेदार है . भाजपा पिछले 13 वर्षों से दिल्ली नगर निगम पर राज कर रही है .
योजनाओं को साकार करने के लिए भाजपा के पास कोई ठोस नीति नहीं है . जिसकी वजह से नगर निगम की सभी योजनाएं फेल हो रही है .

पूर्वी दिल्ली नगर निगम सिर्फ अनुदान पर आश्रित रहना चाहती है . अपनी आय बढ़ाने के लिए निगम ने अपनी तरफ से कोई कार्य नहीं किया है .

निगम के आय की बात करें तो वर्ष 2017 - 18 में दिल्ली सरकार से अनुदान के रूप में 701 करोड़ रूपया और 2018 - 19 में 1529 करोड़ रुपया मिला. जबकि पूर्वी दिल्ली नगर निगम की खुद की आमदनी वर्ष 2017 -18 में 1036 करोड़ रुपये और 2018-19 में 958 करोड़ रुपये रहा है .

वर्ष 2020 - 21 में आय की प्राप्ति का लक्ष्य 2019- 20 में दिल्ली सरकार से अनुदान के रूप में 53 प्रतिसत जबकि खुद की आमदनी का लक्ष्य 47 प्रतिसत वही 2020 -21 में दिल्ली सरकार से 73 प्रतिसत और खुद का लक्ष्य 27 प्रतिसत रखा गया है .

आप पार्षद ने कहा कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम को भंग कर उपराज्यपाल के अधीन कर देना चाहिए .

पूर्वी दिल्ली नगर निगम की आमदनी दिन पर दिन कम हो रही है . निगम शासित भाजपा की भ्रष्ट नीति और दूरदर्शिता ने पूर्वी दिल्ली नगर निगम को अपंग सा बना दिया है और दिल्ली सरकार की ओर टकटकी निगाह से देखते हैं कि वह हमें कब अनुदान देंगे ताकि हम अपने कर्मचारियों का वेतन और विकास के कार्य को कर पाए .


Conclusion:अब्दुल रहमान ने कहा कि निगम की ज़्यादातर योजना लेट चल रही है . जोन के इमारत को 24 महीने में बनने का लक्ष्य रखा गया था उसका सिर्फ 10 से 20 प्रतिसत ही काम हो पाया है . एलईडी लाइट लगाने की योजना भी पूरी नहीं हो पाई है
. रहमान ने कहा कि निगम की शिक्षा व्यवस्था की स्तिथि का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि शिकायत के बावजूद बच्चों को जर्जर बिल्डिंग में बैठाया गया और बच्चे की जान हादसे में बाल बाल बची . स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षक नहीं है कंप्यूटर खराब होकर बरबाद हो रहा है .
स्कूल में शिक्षकों की कमी होने के बावजूद नर्सरी कक्षा शुरू किया गया . बिना उर्दू टीचर के उर्दू स्कूल चलाया जा रहा है ।

रहमान ने कहा की दिल्ली सरकार की तरफ से लगातर निगम को फण्ड दिया जाता रहा है ।

निगम को अपनी आय बढ़ाने के लिए अवैध पर्किंग को वैध पार्किंग में तब्दील किया जाना चाहिए ,साप्ताहिक बाजार के दुकानदारों की कटने वाली पर्ची की जांच करवानी चाहिए .

होर्डिंग और विज्ञापन सेवा को मजबूत करना चाहिए , खाली संपत्तियों को कब्जे में लेकर कमर्शियल गतिविधि कराना चाहिए, कच्चे मीट की दुकानदारों को लाइसेंस देना चाहिए । इसके अलावा दिल्ली सरकार की तर्ज पर चिकित्सा शिक्षा का बजट बढ़ाया जाना चाहिए .
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