नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में सोमवार की रात एक नशा मुक्ति केंद्र से 52 मरीज संदिग्ध हालत में फरार हो गए हैं. बताया जा रहा है कि सभी मरीज खिड़की तोड़कर भागे हैं. पुलिस उनकी तलाश में जुटी है. बता दें नशा मुक्ति केंद्र में रविवार को एक मरीज की संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी. मामले में केंद्र संचालक ओम प्रकाश को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था.
पूरे मामले पर एसीपी का बयान: एसीपी रजनीश उपाध्याय का कहना है कि थाना लोनी बॉर्डर के गुलाब वाटिका चौकी क्षेत्र में स्थित एक नशा मुक्ति केंद्र में उपचाराधीन एक व्यक्ति ने रविवार को आत्महत्या कर ली थी. जिसके संबंध में एक तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया था. नशा मुक्ति केंद्र के संचालक को गिरफ्तार किया गया. साथ ही पुलिस को नशा मुक्ति केंद्र में ईलाज करा रहे कुल 67 में से 52 मरीजों के संदिग्ध हालत में फरार होने की सूचना मिली है. तत्काल पुलिस टीम मौके पर पहुंची और मामले की पड़ताल में जुट गई.
क्या है पूरा मामला: पुलिस की जानकारी के अनुसार 4 जून को लोनी पुलिस को सूचना मिली कि लोनी बॉर्डर इलाके के जीवनदान वेलफेयर सोसाइटी द्वारा चलाए जा रहे नशा मुक्ति केंद्र में मानको का पालन नहीं किया जा रहा है. साथ ही पुलिस को पता चला कि इस केंद्र में रोहतक निवासी मरीज धर्मेंद्र की संदिग्ध मौत हो गई. मामले में मृतक के परिवार की तरफ से पुलिस को शिकायत दी गई. पुलिस ने सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर नशा मुक्ति केंद्र के संचालक सोमवार रात गिरफ्तार कर लिया. साथ ही पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि नशा मुक्ति केंद्र से 52 मरीज सोमवार को खिड़की तोड़कर फरार हो गए हैं. इस मामले में भी जांच की जा रही है.
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नशा मुक्ति केंद्र पर उठे सवाल: पिछले कुछ दिनों में गाजियाबाद में नशा मुक्ति केंद्रों से अलग-अलग तरह की लापरवाही की खबरें आती रही है. लोनी में ही पूर्व में एक अन्य नशा मुक्ति केंद्र में एक मरीज की पीट-पीटकर हत्या का मामला सामने आया था. इसके अलावा साहिबाबाद में भी पूर्व के सालों में दो अलग-अलग नशा मुक्ति केंद्रों में मरीजों की संदिग्ध मौत की खबरें आई थी.