नई दिल्ली/नोएडाः उत्तर प्रदेश के शो विंडो और राष्ट्रीय राजधानी से सटे नोएडा को एक हाईटेक औद्योगिक शहर के भी नाम से जाना जाता है. सरकार ने गौतमबुद्ध नगर जनपद को 2020 में कमिश्नरी घोषित किया था. यहां एडीजी रैंक के कमिश्नर बैठने लगे, सुरक्षा व्यवस्था और कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए 2021 में नए थानों की मांग की गई और कमिश्नरी के अंदर आनन-फानन में पांच नए थाने 5 जनवरी 2022 को खोल दिए गए.
वहीं, थाने खोलने से महज चंद दिनों बाद विधानसभा की आचार संहिता लगनी थी, जिसके चलते पुलिस चौकियों के अंदर थानों का बोर्ड लगा दिया गया और वहीं पर थाने का काम शुरू हो गया. (5 police stations running in police posts of Noida)
लगभग एक साल पूरा होने को है, लेकिन अभी तक सभी थाने पुलिस चौकियों के अंदर चल रहे हैं. एक थाने में मूलभूत संसाधन भी उपलब्ध नहीं है. सभी पांच थाने जुगाड़ पर चल रहे हैं. 33 महीने तक कमिश्नर के पद पर रहे आलोक सिंह के बाद दूसरे कमिश्नर की भी तैनाती हो गई. शासन से लेकर जिला प्रशासन तक किसी का भई ध्यान अभी तक पुलिस चौकियों में चल रहे थानों की तरफ नहीं गया, जिसके चलते चौकियों में चलने वाले थाने भगवान भरोसे चल रहे हैं.
इन पांच थानों में नोएडा का थाना सेक्टर 142, थाना सेक्टर 126 ,थाना सेक्टर 63, थाना सेक्टर 113 और थाना फेस वन शामिल है. विधानसभा चुनाव से पूर्व आनन-फानन में आचार संहिता लगने से पूर्व इन सभी थानों को पुलिस चौकियों में खोला गया. सेक्टर 142 की चौकी में ही थाना खुला, वहीं सेक्टर 126 थाना ओखला पुलिस चौकी में खोला गया, थाना फेस वन हरौला चौकी में, थाना 113 सोरखा पुलिस चौकी में, थाना सेक्टर 63 सेक्टर 63 के सी ब्लॉक पुलिस चौकी में खोला गया और सभी जगह पर थाना प्रभारी तैनात कर दिए गए.
थानों में सुविधा के नाम पर ना ही माल खाने का पर्याप्त इंतजाम और ना ही डाक कार्यालय का. सबसे महत्वपूर्ण हवालात जो जुगाड़ से बनाकर चलाई जा रही है. साथ ही तमाम अन्य और संसाधनों का अभाव भी है जो एक थाने पर होना अनिवार्य है. 11 महीना बीतने के बाद थानों पर प्रभारी के गाड़ी की व्यवस्था हुई. 5 नए थानों के लिए जमीन भी नोएडा प्राधिकरण से एक रुपए में लीज पर पुलिस विभाग द्वारा रजिस्ट्री कराई गई है.