नई दिल्ली: दिल्ली की मेयर शैली ओबरॉय ने अवैध कूड़े के ढेरों से दिल्लीवासियों को जल्द निजात का ऐलान किया हैं. मेयर ने कहा कि निगम की सभी 12 जोनों में 158 गारबेज वल्नरेबल पॉइंट्स की पहचान की गई है. इन्हें अक्टूबर तक साफ कर दिया जाएगा. इसके बाद सुनिश्चित किया जाएगा कि ऐसे स्थानों की सफाई के बाद यहां पर कूड़ा न डाले. उन कचड़ा प्वाइंट्स का सौंदर्यीकरण कराया जाएगा.
जल्द खत्म होगा कचड़ा: मेयर डॉ. शैली ओबरॉय ने बताया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली नगर निगम द्वारा 'अब दिल्ली होगी साफ' अभियान चलाया जा रहा है. इसी अभियान के तहत दिल्ली के सभी 12 जोनों में गारबेज वल्नरेबल पॉइंट्स (कचरा स्थल) की पहचान कर ली गई है. पिछले दो महीनों से दिल्ली के निगम पार्षदों, निगम अधिकारियों और कर्मचारियों ने मिलकर इन जीवीपी की है. खुशी की बात है कि इन जीवीपी को खत्म करने भी शुरुआत हो चुकी है.
मेयर डॉ. शैली ओबरॉय ने कहा कि हमारा मकसद दिल्ली के सभी ढलाव घरों को खत्म करने का है. ढलाव घर काफी पुराने बने हुए हैं, जो खुले हुए हैं और इनसे कूड़ा बाहर फैलता रहता है. इनको कम करना है. हालांकि, कुछ जगह पर ये खत्म भी हो चुके हैं लेकिन जनता की आदत सी बन गई है जहां खाली जगह दिखी, वे वहां कूड़ा डाल देते हैं. ऐसी जगहों पर धीरे-धीरे कूड़े का ढेर खड़ा हो जाता है और इसे ही हम गारबेज वल्नरेबल पॉइंट्स (जीवीपी) कहते हैं.
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इन-इन जगह हैं जीवीपी: डॉ शैली ओबरॉय ने कहा कि हमने इन जीवीपी को सभी जोन में चिह्नित कर लिया है. सेंट्रल जोन में 11, करोल बाग में 13, शाहदरा उत्तरी क्षेत्र में 10, नजफगढ़ में 10, नरेला जोन में 10 पश्चिम क्षेत्र में 10, रोहिणी क्षेत्र में सर्वाधिक 37, सिविल लाइंस क्षेत्र में 22 शाहदरा दक्षिण क्षेत्र में 15 दक्षिण क्षेत्र में 10 और केशव पुरम क्षेत्र में 10 जीवीपी की पहचान की गई है.
मेयर ने कहा कि सभी जोनों में जागरुकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं. जिन जीवीपी को खत्म किया है उन स्थलों पर साइनेज बोर्ड लगाए जा रहे हैं. इन बोर्ड के माध्यम से साफ-सफाई से संबंधित संदेश दिए जाएंगे, ताकि नागरिक अपनी जिम्मेदारी को निभाएं और वहां कूड़ा ना फेंके. मेयर ने कहा कि डॉ शैली ओबरॉय ने कहा कि हमारे सफाई विभाग के अधिकारी उन स्थलों की रोजाना मॉनिटरिंग करेंगे ताकि वहां कूड़ा ना फेंका जाए. वहां कूड़ेदान भी लगाए जाएंगे. जिन इलाकों में जीवीपी पर अभी कूड़ा फेंका जा रहा है, वहां फिक्स कॉम्पेक्टर ट्रांसफर स्टेशन (एफसीटीएस) लगाए जाएंगे.
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