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Weekly Vrat Tyohar 2023: इस सप्ताह में माघ पूर्णिमा सहित पड़ेंगे ये 6 व्रत त्योहार, जानें सभी के बारे में

इस सप्ताह मंगलवार से लेकर रविवार तक कई बड़े व्रत त्योहार पड़ने वाले हैं, जिनका बहुत महत्व है. इनमें जया एकादशी से लेकर माघ पूर्णिमा तक शामिल हैं. आइए जानते हैं आगामी व्रत त्योहार के बारे में.

Weekly Vrat Tyohar 2023
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Published : Jan 30, 2023, 9:15 AM IST

नई दिल्ली: हिंदू धर्म के लिए यह सप्ताह बेहद खास है. 30 जनवरी (सोमवार) से शुरू हुए इस सप्ताह 5 फरवरी (रविवार) को समाप्त होगा. सप्ताह के दूसरे दिन जहां रोहिणी व्रत है, वहीं तीसरे दिन जया एकादशी और भीष्म द्वादशी है, जबकि सप्ताह के चौथे दिन प्रदोष व्रत है. इसके अलावा इस सप्ताह की समाप्ति माघ पूर्णिमा और ललिता जयंती के साथ हो रही है.

31 जनवरी 2023 (मंगलवार) - रोहिणी व्रत: जैन धर्म में रोहिणी व्रत का विशेष महत्व है. यह व्रत 31 जनवरी (मंगलवार) को रखा जाएगा. जैन धर्म के अनुयायी रोहिणी व्रत के दिन वासुपूज्य स्वामी की पूजा-अर्चना करते हैं. महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए रोहिणी व्रत रखती हैं.

1 फरवरी 2023 (बुधवार) - जया एकादशी: माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी कहा जाता है. यह एकादशी 1 फरवरी (बुधवार) को मनाई जाएगी. एकादशी के दिन भगवान विष्णु की उपासना की जाती है. ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त जया एकादशी का व्रत रखता है, उसपर भूत प्रेत और पिशाचों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.

1 फरवरी 2023 (बुधवार) - भीष्म द्वादशी: माघ माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी को भीष्म द्वादशी कहते है. इस साल 1 फरवरी (बुधवार) को भीष्म द्वादशी का व्रत रखा जाएगा. भीष्म द्वादशी पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का विधान है.

2 फरवरी 2023 (गुरुवार) - प्रदोष व्रत: प्रत्येक वर्ष में प्रदोष व्रत 24 बार आता है, जिसे भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सबसे उत्तम व्रत माना जाता है. गुरूवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को गुरु प्रदोष व्रत कहते हैं, जिसे करने से भक्त को आर्थिक उन्नति का फल प्राप्त होता है. पुराणों के अनुसार, भगवान शिव की आराधना से मनुष्य के सभी कष्ट दूर होते हैं और मृत्यु के बाद उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.

5 फरवरी 2023 (रविवार) - माघ पूर्णिमा: माघ महीने की पूर्णिमा का विशेष महत्व है. कहा जाता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. साथ ही इस दिन दान आदि करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं. एक पौराणिक मान्यता के अनुसार, माघ पूर्णिमा के दिन देवता धरती पर आते हैं. इस दिन स्नान के बाद दान करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

5 फरवरी 2023 (रविवार) - ललिता जयंती: हर वर्ष माघ महीने की पूर्णिमा तिथि को ही ललिता जयंती मनाई जाती है. इस वर्ष 5 फरवरी को ललिता जयंती भी मनाई जाएगी. मां ललिता 10 महाविद्याओं में से एक है. ललिता जयंती का व्रत करना बहुत ही अच्छा माना जाता है और इस दिन व्रत-पूजन करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और स्थिरता बनी रहती है.

यह भी पढ़ें-Budh pradosh vrat : इस दिन है 2023 का पहला प्रदोष व्रत, जानिए महत्व और पूजा मुहूर्त

नई दिल्ली: हिंदू धर्म के लिए यह सप्ताह बेहद खास है. 30 जनवरी (सोमवार) से शुरू हुए इस सप्ताह 5 फरवरी (रविवार) को समाप्त होगा. सप्ताह के दूसरे दिन जहां रोहिणी व्रत है, वहीं तीसरे दिन जया एकादशी और भीष्म द्वादशी है, जबकि सप्ताह के चौथे दिन प्रदोष व्रत है. इसके अलावा इस सप्ताह की समाप्ति माघ पूर्णिमा और ललिता जयंती के साथ हो रही है.

31 जनवरी 2023 (मंगलवार) - रोहिणी व्रत: जैन धर्म में रोहिणी व्रत का विशेष महत्व है. यह व्रत 31 जनवरी (मंगलवार) को रखा जाएगा. जैन धर्म के अनुयायी रोहिणी व्रत के दिन वासुपूज्य स्वामी की पूजा-अर्चना करते हैं. महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए रोहिणी व्रत रखती हैं.

1 फरवरी 2023 (बुधवार) - जया एकादशी: माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी कहा जाता है. यह एकादशी 1 फरवरी (बुधवार) को मनाई जाएगी. एकादशी के दिन भगवान विष्णु की उपासना की जाती है. ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त जया एकादशी का व्रत रखता है, उसपर भूत प्रेत और पिशाचों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.

1 फरवरी 2023 (बुधवार) - भीष्म द्वादशी: माघ माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी को भीष्म द्वादशी कहते है. इस साल 1 फरवरी (बुधवार) को भीष्म द्वादशी का व्रत रखा जाएगा. भीष्म द्वादशी पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का विधान है.

2 फरवरी 2023 (गुरुवार) - प्रदोष व्रत: प्रत्येक वर्ष में प्रदोष व्रत 24 बार आता है, जिसे भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सबसे उत्तम व्रत माना जाता है. गुरूवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को गुरु प्रदोष व्रत कहते हैं, जिसे करने से भक्त को आर्थिक उन्नति का फल प्राप्त होता है. पुराणों के अनुसार, भगवान शिव की आराधना से मनुष्य के सभी कष्ट दूर होते हैं और मृत्यु के बाद उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.

5 फरवरी 2023 (रविवार) - माघ पूर्णिमा: माघ महीने की पूर्णिमा का विशेष महत्व है. कहा जाता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. साथ ही इस दिन दान आदि करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं. एक पौराणिक मान्यता के अनुसार, माघ पूर्णिमा के दिन देवता धरती पर आते हैं. इस दिन स्नान के बाद दान करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

5 फरवरी 2023 (रविवार) - ललिता जयंती: हर वर्ष माघ महीने की पूर्णिमा तिथि को ही ललिता जयंती मनाई जाती है. इस वर्ष 5 फरवरी को ललिता जयंती भी मनाई जाएगी. मां ललिता 10 महाविद्याओं में से एक है. ललिता जयंती का व्रत करना बहुत ही अच्छा माना जाता है और इस दिन व्रत-पूजन करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और स्थिरता बनी रहती है.

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