ETV Bharat / state

एटीएम मशीन में फेवीक्विक डालकर अटका देते थे कार्ड, फिर इस तरह देते थे ठगी को अंजाम

दिल्ली में एटीएम मशीन में फेवीक्विक डालकर कार्ड अटकाने और फिर धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया (cheating by trapping cards in ATM in delhi) है. मामले में साइबर सेल पुलिस टीम ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने महिला के खाते से हाल ही में 90 हजार रुपये उड़ा दिए थे.

cheating by trapping cards in ATM in delhi
cheating by trapping cards in ATM in delhi
author img

By

Published : Nov 24, 2022, 2:33 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी में साउथ डिस्ट्रिक्ट के साइबर सेल की पुलिस टीम ने साइबर ठगी के एक बिल्कुल ही नए तरीके का खुलासा करते हुए दो ठगों को गिरफ्तार किया है. ये ठग एटीएम से पैसे निकालने पहुंचे लोगों के एटीएम कार्ड को, एटीएम मशीन के कार्ड स्लॉट में फेवीक्विक डालकर अटका देते थे, जिसके बाद ये उन्हें एटीएम में चिपके कागज पर लिखे सिक्योरिटी गार्ड के नंबर पर कॉल कर उसे इसकी सूचना देने के लिए कहते थे और झांसा देकर उनका पिन जान लेते थे. इसके बाद वह एटीएम से उनका कार्ड निकाल कर उनके खाते से निकाल लेते (cheating by trapping cards in ATM in delhi) थे.

डीसीपी चंदन चौधरी के अनुसार, इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों की पहचान, महावीर विष्णु और अजहरुद्दीन के रूप में हुई है. ये दोनों हरियाणा के फरीदाबाद और दिल्ली के कालकाजी इलाके के रहने वाले हैं. आरोपियों के पास से 3 मोबाइल फोन और वारदात में इस्तेमाल किया जाने वाला औजार, स्क्रू ड्राइवर, प्लायर और फेवीक्विक बरामद किया गया है.

डीसीपी ने बताया कि, 10 सितंबर को मालवीय नगर इलाके की रहने वाली एक महिला शिकायतकर्ता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. इसमें महिला ने बताया था कि वह मालवीय नगर के गुरुद्वारा रोड स्थित एटीएम से पैसे निकालने गई थी जहां एटीएम में उनका कार्ड फंस गया. तभी 2 शख्स अंदर आए और उनसे मदद करने के बारे में पूछते हुए उन्हें वहां एक साईड में चिपके स्लीप पर लिखे सिक्योरिटी गार्ड को कॉल करने को कहा. इसके बाद उनमें से एक शख्स वहां से बाहर निकल गया.

इसके बाद नंबर पर कॉल अटेंड वाले व्यक्ति ने उनसे कहा कि अपना एटीएम पिन फिर से डालने पर कार्ड निकल आएगा. इस पर उन्होंने अपना पिन डाला, जिसे वहां मौजूद शख्स ने देख लिया. जब कार्ड नहीं निकला तो कॉल अटेंड करने वाले ने कहा कि आप घर लौट जाइए, जब टेक्नीशियन आएगा तो कार्ड निकालने के बाद कॉल कर के वह उन्हें कार्ड लौटा देगा, जिसके बाद वह घर लौट आईं. कुछ देर के बाद उनके डेबिट कार्ड का इस्तेमाल कर ठगों ने उनके खाते से 90 हजार रुपये निकाल लिए.

शिकायत के आधार पर साइबर सेल में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई. इसके लिए एसीपी ऑपरेशन राजेश कुमार की देखरेख में एसएचओ साइबर सेल अरुण कुमार वर्मा के नेतृत्व में एसआई सुनील यादव, विकास सांगवान और अन्य की टीम का गठन किया गया. जांच के दौरान पुलिस ने घटनास्थल और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेजों को हासिल कर उसकी जांच की, साथ ही टेक्निकल सर्विलांस की सहायता से मोबाइल नंबर डिटेल का भी विश्लेषण किया. इससे मिली जानकारियों के आधार पर पुलिस ने सूत्रों को सक्रिय किया.

अंततः पुलिस की मेहनत रंग लाई और मोबाइल सर्विलांस की सहायता से आरोपियों के लोकेशन और उनकी पहचान का पता चलने पर पुलिस ने छापा मारकर दोनों आरोपियों को दबोच लिया. पूछताछ में उनकी पहचान हुई जहां उन्होंने वारदात को अंजाम देने की बात भी स्वीकारी. उनकी निशानदेही पर पुलिस ने 3 मोबाइल और वारदात में इस्तेमाल किया जाने वाला औजार भी बरामद किया.

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे एटीएम मशीन के कार्ड स्लॉट में फेवीक्विक डाल देते थे और वहां एक स्लीप पर अपने साथी का नंबर लिख कर चिपका देते थे. जब कोई एटीएम मशीन में कार्ड डालता था, तो उसका कार्ड चिपक जाता था. फिर वे वहां पहुंचकर मदद के नाम व्यक्ति को उस नंबर पर कॉल करने के लिए कहते थे, जो कि उन्हीं के साथी का होता था. इसी दौरान उनमें से एक बाहर चला जाता था, और फोन रिसीव कर कॉल करने वाले को कार्ड निकालने के लिए फिर से एटीएम पिन डालने के लिए कहता था.

यह भी पढ़ें-क्रिप्टो करेंसी को दोगुना करने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गैंग का एक सदस्य गिरफ्तार

जैसे ही व्यक्ति द्वारा पिन डाला जाता था, वहां मौजूद ठग पिन को देख लेते थे. इसके बाद वह कार्ड न निकलने पर टेक्नीशियन के आने और कार्ड लौटाने की बात बता कर व्यक्ति को कार्ड छोड़ कर लौट जाने के लिए कहता था. फिर वे अपने औजार की सहायता से कार्ड को निकाल कर एटीएम से पैसे निकाल लेते थे. इस मामले में पुलिस दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर आगे की जांच में जुट गई है, और पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उन्होंने अब तक ऐसी कितनी वारदातों को अंजाम दिया है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

नई दिल्ली: राजधानी में साउथ डिस्ट्रिक्ट के साइबर सेल की पुलिस टीम ने साइबर ठगी के एक बिल्कुल ही नए तरीके का खुलासा करते हुए दो ठगों को गिरफ्तार किया है. ये ठग एटीएम से पैसे निकालने पहुंचे लोगों के एटीएम कार्ड को, एटीएम मशीन के कार्ड स्लॉट में फेवीक्विक डालकर अटका देते थे, जिसके बाद ये उन्हें एटीएम में चिपके कागज पर लिखे सिक्योरिटी गार्ड के नंबर पर कॉल कर उसे इसकी सूचना देने के लिए कहते थे और झांसा देकर उनका पिन जान लेते थे. इसके बाद वह एटीएम से उनका कार्ड निकाल कर उनके खाते से निकाल लेते (cheating by trapping cards in ATM in delhi) थे.

डीसीपी चंदन चौधरी के अनुसार, इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों की पहचान, महावीर विष्णु और अजहरुद्दीन के रूप में हुई है. ये दोनों हरियाणा के फरीदाबाद और दिल्ली के कालकाजी इलाके के रहने वाले हैं. आरोपियों के पास से 3 मोबाइल फोन और वारदात में इस्तेमाल किया जाने वाला औजार, स्क्रू ड्राइवर, प्लायर और फेवीक्विक बरामद किया गया है.

डीसीपी ने बताया कि, 10 सितंबर को मालवीय नगर इलाके की रहने वाली एक महिला शिकायतकर्ता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. इसमें महिला ने बताया था कि वह मालवीय नगर के गुरुद्वारा रोड स्थित एटीएम से पैसे निकालने गई थी जहां एटीएम में उनका कार्ड फंस गया. तभी 2 शख्स अंदर आए और उनसे मदद करने के बारे में पूछते हुए उन्हें वहां एक साईड में चिपके स्लीप पर लिखे सिक्योरिटी गार्ड को कॉल करने को कहा. इसके बाद उनमें से एक शख्स वहां से बाहर निकल गया.

इसके बाद नंबर पर कॉल अटेंड वाले व्यक्ति ने उनसे कहा कि अपना एटीएम पिन फिर से डालने पर कार्ड निकल आएगा. इस पर उन्होंने अपना पिन डाला, जिसे वहां मौजूद शख्स ने देख लिया. जब कार्ड नहीं निकला तो कॉल अटेंड करने वाले ने कहा कि आप घर लौट जाइए, जब टेक्नीशियन आएगा तो कार्ड निकालने के बाद कॉल कर के वह उन्हें कार्ड लौटा देगा, जिसके बाद वह घर लौट आईं. कुछ देर के बाद उनके डेबिट कार्ड का इस्तेमाल कर ठगों ने उनके खाते से 90 हजार रुपये निकाल लिए.

शिकायत के आधार पर साइबर सेल में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई. इसके लिए एसीपी ऑपरेशन राजेश कुमार की देखरेख में एसएचओ साइबर सेल अरुण कुमार वर्मा के नेतृत्व में एसआई सुनील यादव, विकास सांगवान और अन्य की टीम का गठन किया गया. जांच के दौरान पुलिस ने घटनास्थल और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेजों को हासिल कर उसकी जांच की, साथ ही टेक्निकल सर्विलांस की सहायता से मोबाइल नंबर डिटेल का भी विश्लेषण किया. इससे मिली जानकारियों के आधार पर पुलिस ने सूत्रों को सक्रिय किया.

अंततः पुलिस की मेहनत रंग लाई और मोबाइल सर्विलांस की सहायता से आरोपियों के लोकेशन और उनकी पहचान का पता चलने पर पुलिस ने छापा मारकर दोनों आरोपियों को दबोच लिया. पूछताछ में उनकी पहचान हुई जहां उन्होंने वारदात को अंजाम देने की बात भी स्वीकारी. उनकी निशानदेही पर पुलिस ने 3 मोबाइल और वारदात में इस्तेमाल किया जाने वाला औजार भी बरामद किया.

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे एटीएम मशीन के कार्ड स्लॉट में फेवीक्विक डाल देते थे और वहां एक स्लीप पर अपने साथी का नंबर लिख कर चिपका देते थे. जब कोई एटीएम मशीन में कार्ड डालता था, तो उसका कार्ड चिपक जाता था. फिर वे वहां पहुंचकर मदद के नाम व्यक्ति को उस नंबर पर कॉल करने के लिए कहते थे, जो कि उन्हीं के साथी का होता था. इसी दौरान उनमें से एक बाहर चला जाता था, और फोन रिसीव कर कॉल करने वाले को कार्ड निकालने के लिए फिर से एटीएम पिन डालने के लिए कहता था.

यह भी पढ़ें-क्रिप्टो करेंसी को दोगुना करने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गैंग का एक सदस्य गिरफ्तार

जैसे ही व्यक्ति द्वारा पिन डाला जाता था, वहां मौजूद ठग पिन को देख लेते थे. इसके बाद वह कार्ड न निकलने पर टेक्नीशियन के आने और कार्ड लौटाने की बात बता कर व्यक्ति को कार्ड छोड़ कर लौट जाने के लिए कहता था. फिर वे अपने औजार की सहायता से कार्ड को निकाल कर एटीएम से पैसे निकाल लेते थे. इस मामले में पुलिस दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर आगे की जांच में जुट गई है, और पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उन्होंने अब तक ऐसी कितनी वारदातों को अंजाम दिया है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.