नई दिल्ली: कोरोना महामारी के चलते यात्री सेवा पूरी तरह बंद कर देने के बाद रेलवे अब तक अपने असल रूटीन पर नहीं लौट पाया है. हालांकि यात्रियों की सहूलियत के लिए स्पेशल रेलगाड़ियों का संचालन लगातार किया जा रहा है. मौजूदा समय में रेलवे पुराने शेड्यूल की तुलना में 60 फीसदी गाड़ियों का संचालन कर रही है.
जानकारी के मुताबिक, कोरोना से पहले उत्तर रेलवे (Northern Railway) करीब 1900 रेलगाड़ियों का संचालन करती थी. ये गाड़ियां उत्तर रेलवे के पांचों मंडल के आधार पर हैं. पहली लहर के बाद जब गाड़ियां शुरू हुईं तो स्पेशल मेल/एक्सप्रेस ट्रेन चलाई गईं. धीरे-धीरे शुरू ही रह संचालन रूटीन पर पहुंचा ही था कि दूसरी लहर में रेलवे को फिर से गाड़ियां रद्द करनी पड़ीं.
मौजूदा समय में उत्तर रेलवे में कुल 1136 गाड़ियों का संचालन हो रहा है. वहीं ऑक्यूपेंसी के आधार पर इसे लगातार बढ़ाया जा रहा है. हाल ही में रेलवे ने दिल्ली से अलग-अलग दिशाओं में आने और जाने वाली कुल 25 अनारक्षित गाड़ियों को चलाया है. इसमें दिल्ली और आसपास के इलाकों से सफर करने वाले लोगों को एक बड़ी सहूलियत मिली. हालांकि स्पेशल ट्रेनों में किराए का भी एक बड़ा मुद्दा है.
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रेल अधिकारी कहते हैं कि मौजूदा समय में ये कोशिश की जा रही है कि रेल यात्रियों को पूरी सहूलियत मिले. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों से आने वाली यात्रियों की संख्या और भी ध्यान दिया जा रहा है. डिमांड के हिसाब से बोर्ड को प्रोपोजल भेजे जा रहे हैं और गाड़ियों का संचालन भी हो रहा है.
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