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Farmers Protest at Ramlila Maidan: रामलीला मैदान पहुंचे किसानों ने भरी हुंकार, 2024 में देश से हटाएंगे मोदी सरकार

रामलीला मैदान में ऑल इंडिया किसान सभा (एआईकेएस) सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू), ऑल इंडिया एग्रीकल्चरल वर्कर्स यूनियन (एआईजीडब्ल्यूयू) के तत्वावधान में किसान संघर्ष रैली का आयोजन किया गया. इनका कहना था कि या तो हमारी मांगों को पूरा किया जाए अथवा 2024 में देश से मोदी सरकार को हटाने के लिए आंदोलन किया जाएगा.

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Published : Apr 5, 2023, 4:01 PM IST

Updated : Apr 5, 2023, 4:27 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली का रामलीला मैदान लाल रंग के झंडे से पटा दिखाई दे रहा है. यहां देश भर से कई संगठनों के बैनर तले किसान पहुंचे और केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ हुंकार भरी. सभी का एक ही स्वर था अगर केंद्र की मोदी सरकार इनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो साल 2024 में देश से मोदी सरकार को हटाने के लिए एक बड़ा आंदोलन करेंगे. इस आंदोलन का मकसद होगा बस एक प्रधानमंत्री की कुर्सी से मोदी को हटाया जाए. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और दिल्ली गेट मेट्रो स्टेशन से कुछ दूरी पर स्थित रामलीला मैदान में ऑल इंडिया किसान सभा (एआईकेएस), सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू), ऑल इंडिया एग्रीकल्चरल वर्कर्स यूनियन (एआईजीडब्ल्यूयू) के तत्वावधान में इस मैदान में किसान संघर्ष रैली का आयोजन किया गया. आइए जानते हैं इनकी इस रैली के पीछे कौन कौन-सी मांगें हैंः

किसानों की मुख्य मांगेंः

  1. फसल की लागत का डेढ़ गुना दाम हो.
  2. 26000 रुपए महीना न्यूनतम वेतन लागू किया जाए.
  3. पुरानी पेंशन योजना को लागू की जाए.
  4. सार्वजनिक क्षेत्रों में निजीकरण की प्रक्रिया बंद की जाए.
  5. काम का ठेकाकरण बंद किया जाए.
  6. कर्मचारियों को नियमित किया जाए.
  7. मनरेगा में 200 दिन का रोजगार और 600 रुपए दिहाड़ी दी जाए.

गर्मी ने छुड़ाए किसानों के पसीनेः दिल्ली में बुधवार को गर्मी का असर किसान के रामलीला मैदान में आयोजित धरना में भी देखने को मिला. सुबह 10 से 11 बजे के बीच जो भीड़ थी. वह दोपहर 12 और एक बजे के बीच आधी से ज्यादा खाली हो गई. यहां पर किसानों को खुले आसमान के नीचे बैठना दुभर हो गया. एक तरह जहां तेज धूप से किसानों के कंठ सूखते रहे, वहीं पीने के पानी के लिए किसान तरसते दिखे. यहां दिल्ली सरकार के द्वारा जो पानी का टैंकर उपलब्ध कराया गया. वहां भारी भीड़ देखने को मिली. धूप से खुद को बचाने के लिए किसान पेड़ की छांव में बैठे दिखे. वहीं, जो लोग रामलीला मैदान के बाहर थे, वह भी अंदर आने की बजाय वापस घर लौटने लगे.

प्रदर्शन में दूर-दूर से महिलाएं भी पहुंची थी.
प्रदर्शन में दूर-दूर से महिलाएं भी पहुंची थी.

मंच पर किसान नेता संबोधित कर साधा सरकार पर निशानाः किसान संघर्ष रैली के लिए रामलीला मैदान में मंच तो बड़ा बनाया गया, लेकिन दोपहर 2 बजे तक कोई बड़ा किसान का नेता नहीं दिखाई दिया. यहां पर तमिलनाडु, केरल, बंगाल, बिहार, राजस्थान सहित अन्य राज्यों से लोग थे. यहां उनके प्रतिनिधियों ने मंच से संबोधित किया. किसान के एक प्रतिनिधि सुभाष लांबा ने कहा कि देश की मोदी सरकार में किसान दम तोड रहे हैं देश में एक तानाशाह की सरकार है. हमें यहां से संकल्प लेना है अगर हमारी मांगें पूरी नहीं होती है तो साल 2024 में केंद्र से मोदी सरकार को हटाना है.

प्रदर्शन के बीच किताब की दुकान भी सजी थी.
प्रदर्शन के बीच किताब की दुकान भी सजी थी.

3 नवंबर को फिर आएंगे रामलीला मैदानः किसान नेता सरिता ने कहा कि देश में मोदी सरकार बेरोजगारी को कम करने में विफल हो गई है. नए रोजगार पैदा करने में सरकार विफल रही है. वहीं दूसरी तरफ अग्निवीर योजन लाकर यह देश के युवाओं को समय से पहले हो रिटायर कर उन्हें बेरोजगार करने पर तुल गई है. अगर ऐसा देश का पीएम होगा तो समझिए देश में बेरोजगारी कितनी तादाद में बढ़ जाएगी. आज हम यहां अपनी ताकत दिखाने के लिए आए हैं और यहां से संकल्प ले कि हम 3 नवंबर को एक बार फिर यहीं रामलीला मैदान में आयेंगे. अगर सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है तो आंदोलन बड़ा होगा.

ये भी पढे़ंः पीएम मोदी और सीएम योगी को मिली जान से मारने की धमकी, जानें क्या है मामला

रामलीला मैदान के बाहर लगता रहा जामः रामलीला मैदान के बाहर जाम की समस्या रही. यहां पर किसान पैदल चलकर संसद मार्ग की ओर कूच न करें इसीलिए जगह जगह दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने बेरिकेट लगाए. पुलिस के साथ अन्य फोर्स भी तैनात रही. इस दौरान नई दिल्ली, कश्मीरी गेट, अजमेरी गेट, दिल्ली गेट जाने वाले लोगों को जाम की समस्या से जूझना पड़ा.

ये भी पढ़ेंः NCERT Books Rationalisation : एनसीईआरटी की किताबों से गांधी, आरएसएस और गुजरात दंगों से जुड़े कुछ 'तथ्य' हटाए गए

नई दिल्ली: दिल्ली का रामलीला मैदान लाल रंग के झंडे से पटा दिखाई दे रहा है. यहां देश भर से कई संगठनों के बैनर तले किसान पहुंचे और केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ हुंकार भरी. सभी का एक ही स्वर था अगर केंद्र की मोदी सरकार इनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो साल 2024 में देश से मोदी सरकार को हटाने के लिए एक बड़ा आंदोलन करेंगे. इस आंदोलन का मकसद होगा बस एक प्रधानमंत्री की कुर्सी से मोदी को हटाया जाए. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और दिल्ली गेट मेट्रो स्टेशन से कुछ दूरी पर स्थित रामलीला मैदान में ऑल इंडिया किसान सभा (एआईकेएस), सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू), ऑल इंडिया एग्रीकल्चरल वर्कर्स यूनियन (एआईजीडब्ल्यूयू) के तत्वावधान में इस मैदान में किसान संघर्ष रैली का आयोजन किया गया. आइए जानते हैं इनकी इस रैली के पीछे कौन कौन-सी मांगें हैंः

किसानों की मुख्य मांगेंः

  1. फसल की लागत का डेढ़ गुना दाम हो.
  2. 26000 रुपए महीना न्यूनतम वेतन लागू किया जाए.
  3. पुरानी पेंशन योजना को लागू की जाए.
  4. सार्वजनिक क्षेत्रों में निजीकरण की प्रक्रिया बंद की जाए.
  5. काम का ठेकाकरण बंद किया जाए.
  6. कर्मचारियों को नियमित किया जाए.
  7. मनरेगा में 200 दिन का रोजगार और 600 रुपए दिहाड़ी दी जाए.

गर्मी ने छुड़ाए किसानों के पसीनेः दिल्ली में बुधवार को गर्मी का असर किसान के रामलीला मैदान में आयोजित धरना में भी देखने को मिला. सुबह 10 से 11 बजे के बीच जो भीड़ थी. वह दोपहर 12 और एक बजे के बीच आधी से ज्यादा खाली हो गई. यहां पर किसानों को खुले आसमान के नीचे बैठना दुभर हो गया. एक तरह जहां तेज धूप से किसानों के कंठ सूखते रहे, वहीं पीने के पानी के लिए किसान तरसते दिखे. यहां दिल्ली सरकार के द्वारा जो पानी का टैंकर उपलब्ध कराया गया. वहां भारी भीड़ देखने को मिली. धूप से खुद को बचाने के लिए किसान पेड़ की छांव में बैठे दिखे. वहीं, जो लोग रामलीला मैदान के बाहर थे, वह भी अंदर आने की बजाय वापस घर लौटने लगे.

प्रदर्शन में दूर-दूर से महिलाएं भी पहुंची थी.
प्रदर्शन में दूर-दूर से महिलाएं भी पहुंची थी.

मंच पर किसान नेता संबोधित कर साधा सरकार पर निशानाः किसान संघर्ष रैली के लिए रामलीला मैदान में मंच तो बड़ा बनाया गया, लेकिन दोपहर 2 बजे तक कोई बड़ा किसान का नेता नहीं दिखाई दिया. यहां पर तमिलनाडु, केरल, बंगाल, बिहार, राजस्थान सहित अन्य राज्यों से लोग थे. यहां उनके प्रतिनिधियों ने मंच से संबोधित किया. किसान के एक प्रतिनिधि सुभाष लांबा ने कहा कि देश की मोदी सरकार में किसान दम तोड रहे हैं देश में एक तानाशाह की सरकार है. हमें यहां से संकल्प लेना है अगर हमारी मांगें पूरी नहीं होती है तो साल 2024 में केंद्र से मोदी सरकार को हटाना है.

प्रदर्शन के बीच किताब की दुकान भी सजी थी.
प्रदर्शन के बीच किताब की दुकान भी सजी थी.

3 नवंबर को फिर आएंगे रामलीला मैदानः किसान नेता सरिता ने कहा कि देश में मोदी सरकार बेरोजगारी को कम करने में विफल हो गई है. नए रोजगार पैदा करने में सरकार विफल रही है. वहीं दूसरी तरफ अग्निवीर योजन लाकर यह देश के युवाओं को समय से पहले हो रिटायर कर उन्हें बेरोजगार करने पर तुल गई है. अगर ऐसा देश का पीएम होगा तो समझिए देश में बेरोजगारी कितनी तादाद में बढ़ जाएगी. आज हम यहां अपनी ताकत दिखाने के लिए आए हैं और यहां से संकल्प ले कि हम 3 नवंबर को एक बार फिर यहीं रामलीला मैदान में आयेंगे. अगर सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है तो आंदोलन बड़ा होगा.

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रामलीला मैदान के बाहर लगता रहा जामः रामलीला मैदान के बाहर जाम की समस्या रही. यहां पर किसान पैदल चलकर संसद मार्ग की ओर कूच न करें इसीलिए जगह जगह दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने बेरिकेट लगाए. पुलिस के साथ अन्य फोर्स भी तैनात रही. इस दौरान नई दिल्ली, कश्मीरी गेट, अजमेरी गेट, दिल्ली गेट जाने वाले लोगों को जाम की समस्या से जूझना पड़ा.

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Last Updated : Apr 5, 2023, 4:27 PM IST
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