ETV Bharat / state

'लैंड पूलिंग पॉलिसी में नहीं आएगी नोएडा जैसी समस्या, सरकार ने किए हैं इंतजाम'

नई दिल्ली: लैंड पूलिंग पालिसी के तहत जिस तरह 17 लाख फ्लैट बनने जा रहे हैं, इसी तरह लगभग दो दशक पहले नोएडा में भी फ्लैट बनने शुरु हुए थे. लेकिन आज भी हजारों लोगों को फ्लैट नहीं मिले और बड़े-बड़े बिल्डर जेल में हैं. ऐसी समस्या लैंड पूलिंग पालिसी में न आये इसके लिए सरकार ने ठोस इंतजाम किए हैं.

'लैंड पूलिंग पॉलिसी में नहीं आएगी नोएडा जैसी समस्या, सरकार ने किए हैं इंतजाम'
author img

By

Published : Feb 10, 2019, 11:47 AM IST

शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने बताया कि लैंड पूलिंग पालिसी के तहत फ्लैट भले ही बिल्डर बनाएंगे, लेकिन इसकी पूरी योजना डीडीए तैयार करेगा. यहां पर फ्लैट बनाने वाले बिल्डर केंद्र सरकार द्वारा पास किये गए रेरा कानून से बंधे रहेंगे.

इस कानून के तहत यह प्रावधान है कि फ्लैट खरीदने वाले लोगों की 70 फीसदी रकम को केवल इसी प्रोजेक्ट के बैंक खाते में रखा जाएगा. इस रकम को किसी दूसरी जगह नहीं लगाया जा सकता है.

इसलिए लैंड पूलिंग पालिसी के तहत फ्लैट बुक कराने वाले लोगों को नोएडा, ग्रेटर नोएडा में हुई समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा.

रेरा नहीं होने के चलते आई दिक्कत
शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने बताया कि नोएडा में बिल्डरों द्वारा गड़बड़ी करने के चलते आज लोगों को फ्लैट नहीं मिल सका है. दरअसल देश को आजाद होने के 70 साल बाद तक भी उनके ऊपर कोई कानून नहीं बनाया गया था.

undefined

इसका फायदा इन बिल्डरों ने उठाया. उन्होंने प्रोजेक्ट के लिए एकत्रित किये गए रुपयों

'लैंड पूलिंग पॉलिसी में नहीं आएगी नोएडा जैसी समस्या, सरकार ने किए हैं इंतजाम'
को दूसरी जगह जमीन खरीदने में लगाया जिसकी वजह से उनके प्रोजेक्ट पूरे नहीं हो सके. लेकिन अब जो भी प्रोजेक्ट आ रहे हैं वह रेरा कानून के तहत आएंगे. इसलिए फ्लैट बुक करने वाले लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं हैं.
undefined

रेरा के चलते नहीं हो सकेगा उल्लंघन
शहरी विकास मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा के अनुसार यह पूरा प्रोजेक्ट रियल एस्टेट रेगुलेटरी एक्ट के तहत आएगा. इस प्रोजेक्ट में जो भी वादे किए जाएंगे वह रेरा के तहत होंगे और उन्हें रेरा के तहत ही बिल्डर को पूरा करना होगा.

अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ इस एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया नोएडा, ग्रेटर नोएडा में फ्लैट बनने के समय यह कानून नहीं था. दुर्गा शंकर मिश्रा के अनुसार नोएडा-ग्रेटर नोएडा की दिक्कतों को भी ठीक करने के लिए केंद्र सरकार प्रयास कर रही है और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर यह काम चल रहा है.


शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने बताया कि लैंड पूलिंग पालिसी के तहत फ्लैट भले ही बिल्डर बनाएंगे, लेकिन इसकी पूरी योजना डीडीए तैयार करेगा. यहां पर फ्लैट बनाने वाले बिल्डर केंद्र सरकार द्वारा पास किये गए रेरा कानून से बंधे रहेंगे.

इस कानून के तहत यह प्रावधान है कि फ्लैट खरीदने वाले लोगों की 70 फीसदी रकम को केवल इसी प्रोजेक्ट के बैंक खाते में रखा जाएगा. इस रकम को किसी दूसरी जगह नहीं लगाया जा सकता है.

इसलिए लैंड पूलिंग पालिसी के तहत फ्लैट बुक कराने वाले लोगों को नोएडा, ग्रेटर नोएडा में हुई समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा.

रेरा नहीं होने के चलते आई दिक्कत
शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने बताया कि नोएडा में बिल्डरों द्वारा गड़बड़ी करने के चलते आज लोगों को फ्लैट नहीं मिल सका है. दरअसल देश को आजाद होने के 70 साल बाद तक भी उनके ऊपर कोई कानून नहीं बनाया गया था.

undefined

इसका फायदा इन बिल्डरों ने उठाया. उन्होंने प्रोजेक्ट के लिए एकत्रित किये गए रुपयों

'लैंड पूलिंग पॉलिसी में नहीं आएगी नोएडा जैसी समस्या, सरकार ने किए हैं इंतजाम'
को दूसरी जगह जमीन खरीदने में लगाया जिसकी वजह से उनके प्रोजेक्ट पूरे नहीं हो सके. लेकिन अब जो भी प्रोजेक्ट आ रहे हैं वह रेरा कानून के तहत आएंगे. इसलिए फ्लैट बुक करने वाले लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं हैं.
undefined

रेरा के चलते नहीं हो सकेगा उल्लंघन
शहरी विकास मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा के अनुसार यह पूरा प्रोजेक्ट रियल एस्टेट रेगुलेटरी एक्ट के तहत आएगा. इस प्रोजेक्ट में जो भी वादे किए जाएंगे वह रेरा के तहत होंगे और उन्हें रेरा के तहत ही बिल्डर को पूरा करना होगा.

अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ इस एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया नोएडा, ग्रेटर नोएडा में फ्लैट बनने के समय यह कानून नहीं था. दुर्गा शंकर मिश्रा के अनुसार नोएडा-ग्रेटर नोएडा की दिक्कतों को भी ठीक करने के लिए केंद्र सरकार प्रयास कर रही है और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर यह काम चल रहा है.


Intro:नई दिल्ली
लैंड पूलिंग पालिसी के तहत जिस तरह 17 लाख फ्लैट बनने जा रहे हैं, इसी तरह लगभग दो दशक पहले नोएडा में भी फ्लैट बनने शुरु हुए थे. लेकिन आज भी हजारों लोगों को फ्लैट नहीं मिले और बड़े-बड़े बिल्डर जेल में हैं. ऐसी समस्या लैंड पूलिंग पालिसी में न आये इसके लिए सरकार ने ठोस इंतजाम किए हैं. यह सभी प्रोजेक्ट रेरा के तहत आएंगे.


Body:शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने बताया कि लैंड पूलिंग पालिसी के तहत फ्लैट भले ही बिल्डर बनाएंगे, लेकिन इसकी पूरी योजना डीडीए तैयार करेगा. यहां पर फ्लैट बनाने वाले बिल्डर केंद्र सरकार द्वारा पास किये गए रेरा कानून से बंधे रहेंगे. इस कानून के तहत यह प्रावधान है कि फ्लैट खरीदने वाले लोगों की 70 फीसदी रकम को केवल इसी प्रोजेक्ट के बैंक खाते में रखा जाएगा. इस रकम को किसी दूसरी जगह नहीं लगाया जा सकता है. इसलिए लैंड पूलिंग पालिसी के तहत फ्लैट बुक कराने वाले लोगों को नोएडा, ग्रेटर नोएडा में हुई समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा.


रेरा नहीं होने के चलते आई दिक्कत
शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने बताया कि नोएडा में बिल्डरों द्वारा गड़बड़ी करने के चलते आज लोगों को फ्लैट नहीं मिल सका है. दरअसल देश को आजाद होने के 70 साल बाद तक भी उनके ऊपर कोई कानून नहीं बनाया गया था. इसका फायदा इन बिल्डरों ने उठाया. उन्होंने प्रोजेक्ट के लिए एकत्रित किये गए रुपयों को दूसरी जगह जमीन खरीदने में लगाया जिसकी वजह से उनके प्रोजेक्ट पूरे नहीं हो सके. लेकिन अब जो भी प्रोजेक्ट आ रहे हैं वह रेरा कानून के तहत आएंगे. इसलिए फ्लैट बुक करने वाले लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं हैं.


रेरा के चलते नहीं हो सकेगा उल्लंघन
शहरी विकास मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा के अनुसार यह पूरा प्रोजेक्ट रियल एस्टेट रेगुलेटरी एक्ट के तहत आएगा. इस प्रोजेक्ट में जो भी वादे किए जाएंगे वह रेरा के तहत होंगे और उन्हें रेरा के तहत ही बिल्डर को पूरा करना होगा. अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ इस एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया नोएडा, ग्रेटर नोएडा में फ्लैट बनने के समय यह कानून नहीं था. दुर्गा शंकर मिश्रा के अनुसार नोएडा-ग्रेटर नोएडा की दिक्कतों को भी ठीक करने के लिए केंद्र सरकार प्रयास कर रही है और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर यह काम चल रहा है.


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.