नई दिल्ली: शुक्रवार के दिन दिल्ली गेट पर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस लाठीचार्ज में एक नाबालिग घायल हो गया था. घायल नाबालिग को फरिश्ता बन कर साहिबा खानम नाम की एक लड़की ने बचा लिया. अगर वो लड़की उस बच्चे को सही वक्त पर अस्पताल में दाखिल नहीं करती नाबालिग बच्चे की जान जा सकती थी.
पुलिस लाठीचार्ज में घायल हुआ नाबालिग
ईटीवी भारत से बात करते हुए इस बहादुर लड़की ने बताया कि वो प्रदर्शन में शामिल थी. उस दौरान अचानक पुलिस ने लाठी चार्ज शुरू कर दिया. उसका कहना है कि पुलिस प्रदर्शनकारियों के सिर पर वार कर रही थी. इसी दौरान मैं और लोगों के साथ एक ऑफिस में घुस गई. जब मैं वहां से बाहर निकली तो एक 16 साल का बच्चा घायल स्थिति में पड़ा मिला. बच्चा दर्द से चिल्ला रहा था. मैंने लोगों से मदद मांगी लेकिन किसी ने मेरी मदद नहीं की.
घायल नाबालिग को अस्पताल पहुंचाया
साहिबा खानम ने बताया कि एक व्यक्ति की मदद से वो उस बच्चे को अस्पताल ले आई. जहां डॉक्टरों ने बताया कि उसके सर में काफी चोटें आई हैं. उस बच्चे का मोबाइल लाठीचार्ज के दौरान कही गिर गया. उसे अपने घर का पता मालूम नहीं था और ना ही घर के किसी सदस्य का नंबर याद है. रात को 2 बजे तक साहिबा उस बच्चे के साथ रही और अब उस बच्चे को उसके घर तक पहुंचाने की कोशिश कर रही है.
खानम ने कहा कि पुलिस को लाठी चार्ज के दौरान लोगों के सिर पर वार नहीं करना चाहिए था. ऐसा लग रहा था कि पुलिस लोगों को भगाने के बजाय उनकी जान लेना चाहती है.