नई दिल्ली: पटियाला हाउस कोर्ट ने उपहार अग्निकांड केस के सबूतों से छेड़छाड़ के मामले में सुनवाई के दौरान देरी से कोर्ट पहुंचने पर सुशील अंसल को 4 घंटे तक कोर्ट रूम में बैठने की सजा सुनाई. कोर्ट ने अब इस मामले पर 30 मार्च को सुनवाई का आदेश दिया है.
कोर्ट में मौजूद नहीं था सुशील अंसल
पिछले 26 मार्च को कोर्ट ने सुशील अंसल और गोपाल अंसल के खिलाफ साक्ष्यों से छेड़छाड़ के मामले में गैर जमानती वारंट जारी किया था. जब कोर्ट बैठी और इस मामले की पुकार हुई तो सुशील अंसल मौजूद नहीं था. बाद में जब सुशील अंसल कोर्ट में देर से पहुंचा तो चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दीपक सहरावत ने 4 घंटे कोर्ट में बैठने की सजा सुनाई.
क्या क्या हुआ अब तक
याचिकाकर्ता एसोसिएशन ऑफ द विक्टिम्स ऑफ उपहार ट्रेजेडी ने याचिका दायर कर सुशील अंसल और गोपाल अंसल के खिलाफ साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया है. याचिकाकर्ता के मुताबिक अंसल बंधुओं ने अपने लीगल सेल के एक मेंबर पीपी बत्रा को कोर्ट के कर्मचारी दिनेश चंद्र शर्मा के पास सबूतों को नष्ट करवाने के उद्देश्य से भेजा. बाद में नौकरी से बर्खास्तगी के बाद उसे प्राइवेट नौकरी पुरस्कार के रूप में दे दी थी. कोर्ट ने बचाव पक्ष की इस दलील को मानने से इनकार कर दिया कि अंसल भाईयों और दिनेश चन्द्र शर्मा के बीच में कोई डायरेक्ट लिंक नहीं है.
7 दिसंबर 2018 को दिल्ली हाईकोर्ट ने पटियाला हाउस कोर्ट को निर्देश दिया था कि वो उपहार हादसा मामले में साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने के मामले की सुनवाई 15 जुलाई 2019 तक पूरी करें. जस्टिस अनु मल्होत्रा ने दिल्ली सरकार समेत सभी पक्षकारों को निर्देश दिया है कि इस मामले की जल्द सुनवाई के लिए सहयोग करें. हाईकोर्ट ने पटियाला हाउस कोर्ट को निर्देश दिया कि वो हर हफ्ते तीन दिन सुनवाई करे.
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान पटियाला हाउस कोर्ट के चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने स्टेटस रिपोर्ट सौंपते हुए कहा कि इस मामले में 49 गवाह हैं जिसमें 12 की गवाही हुई है और 37 की गवाही बाकी है.
इसी मामले में 12 मई 2017 को दिल्ली हाईकोर्ट ने उपहार हादसा मामले में पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा आरोप तय करने के आदेश के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया था. पटियाला हाउस कोर्ट ने 2014 में उपहार हादसा मामले में अंसल बंधुओं समेत सात अभियुक्तों के खिलाफ धारा 409, 109, 201,12-बी के तहत आरोप तय किए हैं.