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खाकी Vs काला कोट: SC के वकील ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को भेजा लीगल नोटिस

मंगलवार को दिल्ली में पुलिसकर्मियों द्वारा प्रदर्शन करने के बाद सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक को लीगल नोटिस भेजा है.

दिल्ली पुलिस कमिश्नर को लीगल नोटिस
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Published : Nov 6, 2019, 3:05 PM IST

नई दिल्ली: तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प के बाद पुलिसकर्मियों के प्रदर्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक को लीगल नोटिस भेजा है. साथ ही लीगल नोटिस में कहा गया है कि प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई. वकील वरुण ठाकुर ने अमूल्य पटनायक को भेजे अपने लीगल नोटिस में कहा है कि पुलिसकर्मियों ने ऐसा कर पुलिस फोर्स एक्ट 1966 की धारा 3(1)(ए)(बी)(सी) और धारा 3(2) का उल्लंघन किया है.

इन नियमों का किया उल्लंघन
इस एक्ट की धारा 3 पुलिसकर्मियों को किसी प्रदर्शन में शामिल होने, प्रेस को अपनी मांगों के संबंध में बात करने की मनाही है. नोटिस में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस के मुख्यालय पर हुए इस प्रदर्शन का न्यूज चैनल्स ने दिनभर सीधा प्रसारण किया था.

कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कही
नोटिस में कहा गया है कि पुलिस बलों का यह कार्य अपने बाहुबल को दर्शाने के लिए किया गया ताकि समाज में डर पैदा हो सके. यह लोकतांत्रिक देश के लिए काफी खतरनाक है. नोटिस में अमूल्य पटनायक से प्रदर्शन में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ पुलिस फोर्स एक्ट 1966 की धारा 4 के तहत कार्रवाई करने की मांग की गई है. नोटिस में कहा गया है कि अगर अमूल्य पटनायक पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते हैं तो वे कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं.

नई दिल्ली: तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प के बाद पुलिसकर्मियों के प्रदर्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक को लीगल नोटिस भेजा है. साथ ही लीगल नोटिस में कहा गया है कि प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई. वकील वरुण ठाकुर ने अमूल्य पटनायक को भेजे अपने लीगल नोटिस में कहा है कि पुलिसकर्मियों ने ऐसा कर पुलिस फोर्स एक्ट 1966 की धारा 3(1)(ए)(बी)(सी) और धारा 3(2) का उल्लंघन किया है.

इन नियमों का किया उल्लंघन
इस एक्ट की धारा 3 पुलिसकर्मियों को किसी प्रदर्शन में शामिल होने, प्रेस को अपनी मांगों के संबंध में बात करने की मनाही है. नोटिस में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस के मुख्यालय पर हुए इस प्रदर्शन का न्यूज चैनल्स ने दिनभर सीधा प्रसारण किया था.

कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कही
नोटिस में कहा गया है कि पुलिस बलों का यह कार्य अपने बाहुबल को दर्शाने के लिए किया गया ताकि समाज में डर पैदा हो सके. यह लोकतांत्रिक देश के लिए काफी खतरनाक है. नोटिस में अमूल्य पटनायक से प्रदर्शन में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ पुलिस फोर्स एक्ट 1966 की धारा 4 के तहत कार्रवाई करने की मांग की गई है. नोटिस में कहा गया है कि अगर अमूल्य पटनायक पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते हैं तो वे कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं.

Intro:नई दिल्ली । तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प के बाद पुलिसकर्मियों के प्रदर्शन के बाद सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक को लीगल नोटिस भेजा है। लीगल नोटिस में कहा गया है कि प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई।



Body:वकील वरुण ठाकुर ने अमूल्य पटनायक को भेजे अपने लीगल नोटिस में कहा है कि पुलिसकर्मियों ने ऐसा कर पुलिस फोर्स एक्ट 1966 की धारा 3(1)(ए)(बी)(सी) और धारा 3(2) का उल्लंघन किया है। इस एक्ट की धारा 3 पुलिसकर्मियों को किसी प्रदर्शन में शामिल होने, प्रेस को अपनी मांगों के संबंध में बात करने की मनाही है। नोटिस में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस के मुख्यालय पर हुए इस प्रदर्शन का न्यूज चैनल्स ने दिनभर सीधा प्रसारण किया था।



Conclusion:नोटिस में कहा गया है कि पुलिस बलों का यह कार्य अपने बाहुबल को दर्शाने के लिए किया गया ताकि समाज में डर पैदा हो सके। यह लोकतांत्रिक देश के लिए काफी खतरनाक है। नोटिस में अमूल्य पटनायक से प्रदर्शन में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ पुलिस फोर्स एक्ट 1966 की धारा 4 के तहत कार्रवाई करने की मांग की गई है। नोटिस में कहा गया है कि अगर अमूल्य पटनायक पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते हैं तो वे कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
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