नई दिल्ली: दिल्ली जल बोर्ड द्वारा बिंदापुर की डीडीए कॉलोनी के सीवर का गंदा पानी पालम नाले में गिराए जाने से द्वारका एवं मधु विहार के लोग काफी परेशान हैं. सीवर के गंदे पानी से जहां एक तरफ पूरा वातावरण दूषित हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ विभिन्न प्रकार की बीमारी के फैलने से भी लोग परेशान हैं. लोगों का कहना है कि लंबे समय से चली आ रही इस समस्या के कारण उनका रहना दूभर हो गया है.
मधु विहार एवं आदर्श अपार्टमेंट के लोगों को आते जाते नाक बंद करना पड़ रहा है. आरडब्ल्यूए मधु विहार के प्रधान रणबीर सिंह सोलंकी ने बताया कि पालम ड्रेन बरसात के पानी के निकास के लिए बनाया गया है, परंतु जगह-जगह पर इसमें लापरवाही से सीवर के निकास को जोड़ दिया गया है. पिछले साल अक्टूबर महीने में भी इसी प्रकार सीवर का पानी गिर रहा था, जिससे जनता काफी परेशान थी. जल बोर्ड के अधिकारियों से निवेदन करने पर इसे बंद करा दिया गया था, लेकिन फिर इसे खोल दिया गया है, जिससे राहगीर एवं अपार्टमेंट के लोग दूषित वातावरण में रहने को मजबूर हैं.
रणवीर सिंह सोलंकी ने यह भी कहा कि एक तरफ दिल्ली सरकार करोड़ों का बजट यमुना की सफाई व्यवस्था पर लगा रही है. वहीं यमुना में ही मिलने वाले नालियों के पानी में जब सीवर का पानी मिलेगा तो भला यमुना की सफाई कैसे हो सकती है. हालांकि उन्होने इस मामले को लेकर सरकार की व्यवस्था पर कोई सवाल नहीं उठाया है. इसके लिए उन्होंने सिस्टम को दोष देते हूए कह की सिस्टम का रवैया अव्यवहारिक है.
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सोलंकी ने कहा कि उन्होंने उपराज्यपाल, मुख्य मंत्री एवं जल बोर्ड के कार्यकारी अधिकारी व मुख्य अभियंता से मांग की है कि इसे तत्काल बंद कराया जाय. उन्होंने कहा कि हम दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों से निवेदन करते है कि तत्काल संज्ञान लेकर इसे व्यवस्थित करने की कृपा करें.
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