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Saras Food Festival: सवा करोड़ के कारोबार के साथ समापन, 17 राज्यों की रही भागीदारी

स्वाद और संस्कृति का संगम सरस फूड फेस्टिवल (Saras Food Festival) का लगभग सवा करोड़ के कारोबार के साथ आज समापन हो गया. सरस फूड फेस्टिवल में देश भर के 17 राज्यों की करीब 150 महिला उद्यमी और स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने भाग लिया.

स्वाद और संस्कृति का संगम सरस फूड फेस्टिवल
स्वाद और संस्कृति का संगम सरस फूड फेस्टिवल
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Published : Nov 10, 2022, 10:55 PM IST

नई दिल्ली: स्वाद और संस्कृति का संगम सरस फूड फेस्टिवल (Saras Food Festival) का लगभग सवा करोड़ के कारोबार के साथ गुरुवार को समापन हो गया. ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित इस चौदह दिवसीय मेले का आयोजन 28 अक्टूबर 2022 से 10 नवंबर 2022 तक नई दिल्ली में बाबा खड़क सिंह मार्ग स्थित हैंडीक्राफ्ट भवन पर किया गया था.

सरस फूड फेस्टिवल में देश भर के 17 राज्यों की करीब 150 महिला उद्यमी और स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने भाग लिया. इस फेस्टिवल के दौरान सरस से जुड़े सामानों की बिक्री के लिए ऑनलाइन पोर्टल भी लांच किया गया, जो कि www.esaras.in है. इस फेस्टिवल में राजधानी के लोगों को भारतीय संस्कृति और खान पान की झलक दिल्ली के हृदय कहे जाने वाले कनॉट प्लेस में दिखाई दी. सरस फूड फेस्टिवल के तहत दिल्ली और समीपवर्ती राज्यों के लोग 17 राज्यों की संस्कृति और स्वाद के संगम के संगम से न केवल रूबरू हुए बल्कि इन राज्यों के सामाजिक ताने बाने के बारे में भी जान सकें और वहां की प्रसिद्ध व्यंजनों से परिचित हो उसका स्वाद भी चखे.

17 राज्यों की करीब 150 महिला उद्यमियों ने लिया हिस्सा.
17 राज्यों की करीब 150 महिला उद्यमियों ने लिया हिस्सा.

कनाट प्लेस स्थित बाबा खड़ग सिंह मार्ग पर 17 राज्यों के स्वाद की संस्कृति की महक देखने को मिली. यहां के व्यंजन और संस्कृति से लोग रूबरू हुए. इसमें मुख्य रूप से राजस्थान की कैर सागरी, गट्टे की सब्जी, बाजरे की रोटी, बंगाल की हिलसा, फिश करी, तेलंगाना का चिकन, केरल की मालाबार बिरयानी, बिहार का लिट्टी चोखा, पंजाब का सरसों का साग और मक्के की रोटी सहित अन्य राज्यों के बेहतरीन स्वादिष्ट पकवान उपलब्ध रहे. इसमें हरियाणा, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल,असम, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और गुजरात सहित अन्य राज्यों ने हिस्सा लिया.

इसके साथ ही सरस फूड फेस्टिवल को सफल बनाने के लिए यहां प्रबंधन, प्लानिंग और साफ सफाई पर भी ध्यान दिया गया. सरस सभी मेलों से सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है लेकिन फूड फेस्टिवल के सटीक मैनेजमेंट ने सभी मेलों को पीछे छोड़ते हुए पुनः रिकॉर्ड कायम किया है. सरस फूड फेस्टिवल में जहां स्वाद और संस्कृति का संगम देखने को मिला. वहीं, इन सभी को संगठित तरीके से बनाए रखने के लिए यहां प्रबंधन और प्लानिंग पर भी पूरा ध्यान दिया गया. फेस्टिवल में किसी भी अनहोनी से निबटने के लिए अग्निशमन के साथ ही यहां एम्बुलेंस की भी व्यवस्था की गई थी.

ये भी पढ़ेंः सरस फूड फेस्टिवल में वीकेंड पर लोगों ने उठाया स्वाद और संस्कृति के संगम का लुत्फ

सरस फूड फेस्टिवल महिला सशक्तिकरण का अनूठा उदाहरण है जो देश की राजधानी का हृदय कहे जाने वाले कनॉट प्लेस में आयोजित किया गया. इसका उद्देश्य न केवल देश की खाद्य संस्कृति से लोगों को परिचित कराना है बल्कि अन्य ग्रामीण महिलाओं को प्रेरित करना भी रहा.

नई दिल्ली: स्वाद और संस्कृति का संगम सरस फूड फेस्टिवल (Saras Food Festival) का लगभग सवा करोड़ के कारोबार के साथ गुरुवार को समापन हो गया. ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित इस चौदह दिवसीय मेले का आयोजन 28 अक्टूबर 2022 से 10 नवंबर 2022 तक नई दिल्ली में बाबा खड़क सिंह मार्ग स्थित हैंडीक्राफ्ट भवन पर किया गया था.

सरस फूड फेस्टिवल में देश भर के 17 राज्यों की करीब 150 महिला उद्यमी और स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने भाग लिया. इस फेस्टिवल के दौरान सरस से जुड़े सामानों की बिक्री के लिए ऑनलाइन पोर्टल भी लांच किया गया, जो कि www.esaras.in है. इस फेस्टिवल में राजधानी के लोगों को भारतीय संस्कृति और खान पान की झलक दिल्ली के हृदय कहे जाने वाले कनॉट प्लेस में दिखाई दी. सरस फूड फेस्टिवल के तहत दिल्ली और समीपवर्ती राज्यों के लोग 17 राज्यों की संस्कृति और स्वाद के संगम के संगम से न केवल रूबरू हुए बल्कि इन राज्यों के सामाजिक ताने बाने के बारे में भी जान सकें और वहां की प्रसिद्ध व्यंजनों से परिचित हो उसका स्वाद भी चखे.

17 राज्यों की करीब 150 महिला उद्यमियों ने लिया हिस्सा.
17 राज्यों की करीब 150 महिला उद्यमियों ने लिया हिस्सा.

कनाट प्लेस स्थित बाबा खड़ग सिंह मार्ग पर 17 राज्यों के स्वाद की संस्कृति की महक देखने को मिली. यहां के व्यंजन और संस्कृति से लोग रूबरू हुए. इसमें मुख्य रूप से राजस्थान की कैर सागरी, गट्टे की सब्जी, बाजरे की रोटी, बंगाल की हिलसा, फिश करी, तेलंगाना का चिकन, केरल की मालाबार बिरयानी, बिहार का लिट्टी चोखा, पंजाब का सरसों का साग और मक्के की रोटी सहित अन्य राज्यों के बेहतरीन स्वादिष्ट पकवान उपलब्ध रहे. इसमें हरियाणा, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल,असम, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और गुजरात सहित अन्य राज्यों ने हिस्सा लिया.

इसके साथ ही सरस फूड फेस्टिवल को सफल बनाने के लिए यहां प्रबंधन, प्लानिंग और साफ सफाई पर भी ध्यान दिया गया. सरस सभी मेलों से सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है लेकिन फूड फेस्टिवल के सटीक मैनेजमेंट ने सभी मेलों को पीछे छोड़ते हुए पुनः रिकॉर्ड कायम किया है. सरस फूड फेस्टिवल में जहां स्वाद और संस्कृति का संगम देखने को मिला. वहीं, इन सभी को संगठित तरीके से बनाए रखने के लिए यहां प्रबंधन और प्लानिंग पर भी पूरा ध्यान दिया गया. फेस्टिवल में किसी भी अनहोनी से निबटने के लिए अग्निशमन के साथ ही यहां एम्बुलेंस की भी व्यवस्था की गई थी.

ये भी पढ़ेंः सरस फूड फेस्टिवल में वीकेंड पर लोगों ने उठाया स्वाद और संस्कृति के संगम का लुत्फ

सरस फूड फेस्टिवल महिला सशक्तिकरण का अनूठा उदाहरण है जो देश की राजधानी का हृदय कहे जाने वाले कनॉट प्लेस में आयोजित किया गया. इसका उद्देश्य न केवल देश की खाद्य संस्कृति से लोगों को परिचित कराना है बल्कि अन्य ग्रामीण महिलाओं को प्रेरित करना भी रहा.

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