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पर्यटकों को लुभाएगा सफदरजंग मकबरा, खूबसूरत होगा रात का नजारा

मकबरे में 213 एलईडी बल्ब लगाए गए हैं. अब लोग रात 11 बजे तक इस जगमगाते मकबरे की खूबसूरती का लुत्फ उठा सकते हैं.

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Published : Jul 20, 2019, 12:40 PM IST

सफदरजंग का मकबरा पहले से ज्यादा लगेगा आकर्षित

नई दिल्ली: राजधानी में स्थित सफदरजंग का मकबरा अब आपको पहले से ज्यादा आकर्षित करेगा. खासकर जब आप शाम के वक्त घूमने आएंगे तो इस मकबरे की खूबसूरती देखते ही बनेगी.

सफदरजंग का मकबरा में लाइटिंग की हुई शुरुआत

213 एलईडी बल्ब लगाए गए हैं
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने इस मकबरे में लाइटिंग की स्थायी व्यवस्था की है. बताया जा रहा है कि पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए और भी इंतजाम किए जाने हैं. इस नई सुविधा की शुरुआत केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल ने की. उन्होंने देश भर के 600 ऐतिहासिक धरोहरों पर इस तरह की व्यवस्था करने की बात भी कही. इस मकबरे में 213 एलईडी बल्ब लगाए गए हैं. अब लोग रात 11 बजे तक इस जगमगाते मकबरे की खूबसूरती का लुत्फ उठा सकते हैं.

पर्यटकों का रखा जाएगा विशेष ध्यान
पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि हम ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों के लिए खास इंतजाम पर भी विचार कर रहे हैं. जिसमे ऐतिहासिक धरोहर के प्रांगण में ही अस्थायी स्टॉल खोलकर चाय, कॉफी और स्नैक्स आदि बेचने की व्यवस्था शामिल है. इससे पर्यटक यहां रुक सकते हैं.

शुजाउद्दौला ने बनवाया था यह मकबरा
सफदरजंग मकबरे का निर्माण सफदरजंग की स्मृति में नवाब शुजाउद्दौला ने 1753-1754 ईस्वी में करवाया था. सफदरजंग मुगल बादशाह मुहम्मद शाह (1719-1748) का प्रधानमंत्री था. कहा जाता है कि सफदरजंग काफी शक्तिशाली और कुशल प्रधानमंत्री था. इस मकबरे में सफदरजंग और उनकी बेगम की कब्र बनी हुई है.

उत्कृष्ट वास्तुकला का नमूना माना जाता है
इस मकबरे को उत्कृष्ट वास्तुकला का नमूना माना जाता है. मकबरे के केंद्रीय इमारत में एक बड़ा गुम्बद है, जिसे सफेद संगमरमर से तैयार किया गया है. शेष इमारत लाल बलुआ पत्थर से बनी है.

हुमायूं के मकबरे के ढांचे पर आधारित है
जानकार बताते हैं कि इसका स्थापत्य हुमायूं के मकबरे के ढांचे पर आधारित है. खास बात है कि यहां मोती महल, जंगली महल और बादशाह पसन्द नाम से पवेलियन भी बने हुए हैं. चारों ओर पानी की चार झीलें हैं, जो चार इमारतों तक जाती है.

नई दिल्ली: राजधानी में स्थित सफदरजंग का मकबरा अब आपको पहले से ज्यादा आकर्षित करेगा. खासकर जब आप शाम के वक्त घूमने आएंगे तो इस मकबरे की खूबसूरती देखते ही बनेगी.

सफदरजंग का मकबरा में लाइटिंग की हुई शुरुआत

213 एलईडी बल्ब लगाए गए हैं
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने इस मकबरे में लाइटिंग की स्थायी व्यवस्था की है. बताया जा रहा है कि पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए और भी इंतजाम किए जाने हैं. इस नई सुविधा की शुरुआत केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल ने की. उन्होंने देश भर के 600 ऐतिहासिक धरोहरों पर इस तरह की व्यवस्था करने की बात भी कही. इस मकबरे में 213 एलईडी बल्ब लगाए गए हैं. अब लोग रात 11 बजे तक इस जगमगाते मकबरे की खूबसूरती का लुत्फ उठा सकते हैं.

पर्यटकों का रखा जाएगा विशेष ध्यान
पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि हम ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों के लिए खास इंतजाम पर भी विचार कर रहे हैं. जिसमे ऐतिहासिक धरोहर के प्रांगण में ही अस्थायी स्टॉल खोलकर चाय, कॉफी और स्नैक्स आदि बेचने की व्यवस्था शामिल है. इससे पर्यटक यहां रुक सकते हैं.

शुजाउद्दौला ने बनवाया था यह मकबरा
सफदरजंग मकबरे का निर्माण सफदरजंग की स्मृति में नवाब शुजाउद्दौला ने 1753-1754 ईस्वी में करवाया था. सफदरजंग मुगल बादशाह मुहम्मद शाह (1719-1748) का प्रधानमंत्री था. कहा जाता है कि सफदरजंग काफी शक्तिशाली और कुशल प्रधानमंत्री था. इस मकबरे में सफदरजंग और उनकी बेगम की कब्र बनी हुई है.

उत्कृष्ट वास्तुकला का नमूना माना जाता है
इस मकबरे को उत्कृष्ट वास्तुकला का नमूना माना जाता है. मकबरे के केंद्रीय इमारत में एक बड़ा गुम्बद है, जिसे सफेद संगमरमर से तैयार किया गया है. शेष इमारत लाल बलुआ पत्थर से बनी है.

हुमायूं के मकबरे के ढांचे पर आधारित है
जानकार बताते हैं कि इसका स्थापत्य हुमायूं के मकबरे के ढांचे पर आधारित है. खास बात है कि यहां मोती महल, जंगली महल और बादशाह पसन्द नाम से पवेलियन भी बने हुए हैं. चारों ओर पानी की चार झीलें हैं, जो चार इमारतों तक जाती है.

Intro:नई दिल्ली. दिल्ली के सफदरजंग का मकबरा अब आपको पहले से ज्यादा आकर्षित करेगा. खासकर आप शाम के वक़्त घूमने आते हैं तो इस मकबरे की खूबसूरती देखते ही बनेगी. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने इस मकबरे में लाइटिंग की स्थायी व्यवस्था की है. साथ ही पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए और भी इंतजाम किए जाने हैं. इस नई सुविधा की शुरुआत केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल ने की. उन्होंने देश भर के 600 ऐतिहासिक धरोहरों पर इस तरह की व्यवस्था करने की बात भी कही. इस मकबरे में 213 एलईडी बल्ब लगाए गए हैं. अब लोग रात 11 बजे तक इस जगमगाते मकबरे की खूबसूरती का लुत्फ उठा सकते हैं.




Body:पर्यटकों का रखा जाएग विशेष ध्यान
पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि हम ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों के लिए खास इंतजाम पर भी विचार कर रहे हैं. जिसमे ऐतिहासिक धरोहर के प्रांगण में ही अस्थायी स्टॉल खोलकर चाय, कॉफी और स्नैक्स आदि बेचने की व्यवस्था शामिल है. इससे पर्यटक यहां रुक सकते हैं.

शुजाउद्दौला ने बनवाया था यह मकबरा
सफदरजंग मकबरे का निर्माण सफदरजंग की स्मृति में नवाब शुजाउद्दौला ने 1753-1754 ईस्वी में करवाया था. सफदरजंग मुगल बादशाह मुहम्मद शाह (1719-1748) का प्रधानमंत्री था. कहा जाता है कि सफदरजंग काफी शक्तिशाली और कुशल प्रधानमंत्री था. इस मकबरे में सफदरजंग और उनकी बेगम की कब्र बनी हुई है.
उत्कृष्ट वास्तुकला का नमूना माना जाता है
इस मकबरे को उत्कृष्ट वास्तुकला का नमूना माना जाता है. मकबरे के केंद्रीय इमारत में एक बड़ा गुम्बद है, जिसे सफेद संगमरमर से तैयार किया गया है. शेष इमारत लाल बलुआ पत्थर से बनी है.



Conclusion:हुमायूं के मकबरे के ढांचे पर आधारित है
जानकर बताते हैं कि इसका स्थापत्य हुमायूं के मकबरे के ढांचे पर आधारित है. खास बात है कि यहां मोती महल, जंगली महल और बादशाह पसन्द नाम से पैवेलियन भी बने हुए हैं. चारों ओर पानी की चार झीलें हैं, जो चार इमारतें तक जाती है.
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