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सावधान! घर में तोता पलते हैं तो जान लें ये नियम, नहीं तो मुश्किल में पड़ सकते हैं - लव बर्ड्स नामक पक्षी को पालना प्रतिबंधित नहीं

अगर आप भी घर में तोता पलते हैं या फिर पक्षियों को पालने का शौक रखते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है. क्योंकि वन्य जीव अधिनियम के तहत पक्षियों की कई प्रजातियों को पालना प्रतिबंधित है. जिसकी वजह से आपको सजा या मोटा जुर्माना चुकाना पड़ सकता है.

घर में तोता पलते हैं तो जान लें ये नियम
घर में तोता पलते हैं तो जान लें ये नियम
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Published : May 22, 2023, 8:22 PM IST

वन विभाग के डिस्टिक फॉरेस्ट ऑफिसर मनीष सिंह से ईटीवी भारत की खास बातचीत

नई दिल्ली/गाजियाबाद: लोग अक्सर घरों में तोता, गौरैया आदि पालना बेहद पसंद करते हैं. लोग भूल जाते हैं कि पक्षियों को घर में पालने के नियम हैं. अगर नियम को नजर अंदाज कर घर में पक्षियों को पालते हैं तो कार्यवाही हो सकती है. पक्षियों को घर में पालने के नियम है और वह कौन से पक्षी हैं, जिनको घर में पाल सकते हैं? इसी को लेकर ईटीवी भारत ने वन विभाग के डिस्टिक फॉरेस्ट ऑफिसर मनीष सिंह से बातचीत की.

देशी पक्षियों का पालन प्रतिबंधित: डीएफओ मनीष सिंह ने बताया कि जो भी पक्षी हम घर के आसपास देखते हैं, उन सभी पक्षियों को घर में पालना प्रतिबंधित है. कुछ ऐसे पक्षी हैं, जिन्हें विदेशी पक्षी कहा जाता है. केवल विदेशी पक्षियों को घर में पालना प्रतिबंधित नहीं है. अगर कोई भी व्यक्ति घर में कोई पक्षी पालना चाहता है तो सबसे पहले उस पक्षी को वन विभाग से दिखा लें, जिससे क्लियर हो सके कि जो पक्षी आप घर में पालने जा रहे हैं वह विदेशी पक्षी है.

ये है रजिस्ट्रेशन प्रोसेस: विदेशी पक्षियों को घर में पालने के लिए बाकायदा रजिस्ट्रेशन प्रोसेस है. उसके लिए सबसे पहले फॉर्म भरकर वन विभाग को देना होता है. विभाग द्वारा जांच की जाती है कि कहीं पक्षी प्रतिबंधित तो नहीं है. यदि पक्षी प्रतिबंधित नहीं होता है तो वन विभाग उसका रजिस्ट्रेशन करता है. पक्षियों का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए फिलहाल किसी प्रकार का कोई शुल्क नहीं है. बाजार में आसानी से मिलने वाला लव बर्ड्स नामक पक्षी को पालना प्रतिबंधित नहीं है.

इसे भी पढ़ें: Neighbors Attacked with Knife: बॉल लगने पर बच्चे को डांटना बुजुर्ग को पड़ा भारी, पड़ोसियों ने किया चाकू से हमला

प्रतिबंधित पक्षी पालने पर सजा: वन्य जीव अधिनियम 1972 के अंतर्गत शेड्यूल एक से शेड्यूल पांच श्रेणियां हैं. जिस शेड्यूल के अंतर्गत जो पक्षी आता है उस हिसाब से सजा का प्रावधान है. कई में सिर्फ जुर्माना लगता है. भारत में मिलने वाली तोते की सभी प्रजातियां प्रतिबंधित हैं. गौरैया, बाज, गिद्ध समेत अन्य देशी चिड़ियां भी प्रतिबंधित हैं. जो भी पक्षी नेचुरल एनवायरमेंट में रह रहा है उसको कब्जे में लेना क्रूरता के अंतर्गत आता है.

हाल ही में गाजियाबाद के साहिबाबाद क्षेत्र से वन विभाग ने पांच बच्चों समेत बड़ी चील को रेस्क्यू किया था. इसके बाद मेडिकल कराकर ओखला बर्ड सैंक्चरी में छोड़ दिया गया. समाज में कई तरह की भ्रांतियां है, जिसको लेकर लोग चील, उल्लू आदि को घर में रखते हैं. वन विभाग लगातार लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहा है, जिससे कि लोग देशी पक्षियों को पिंजरे में कैद करने से बचें.

इसे भी पढ़ें: G-20 Summit: पुराना किला में होंगे G-20 के कई कार्यक्रम, विदेशी मेहमानों के लिए किए जा रहे खास इंतजाम

वन विभाग के डिस्टिक फॉरेस्ट ऑफिसर मनीष सिंह से ईटीवी भारत की खास बातचीत

नई दिल्ली/गाजियाबाद: लोग अक्सर घरों में तोता, गौरैया आदि पालना बेहद पसंद करते हैं. लोग भूल जाते हैं कि पक्षियों को घर में पालने के नियम हैं. अगर नियम को नजर अंदाज कर घर में पक्षियों को पालते हैं तो कार्यवाही हो सकती है. पक्षियों को घर में पालने के नियम है और वह कौन से पक्षी हैं, जिनको घर में पाल सकते हैं? इसी को लेकर ईटीवी भारत ने वन विभाग के डिस्टिक फॉरेस्ट ऑफिसर मनीष सिंह से बातचीत की.

देशी पक्षियों का पालन प्रतिबंधित: डीएफओ मनीष सिंह ने बताया कि जो भी पक्षी हम घर के आसपास देखते हैं, उन सभी पक्षियों को घर में पालना प्रतिबंधित है. कुछ ऐसे पक्षी हैं, जिन्हें विदेशी पक्षी कहा जाता है. केवल विदेशी पक्षियों को घर में पालना प्रतिबंधित नहीं है. अगर कोई भी व्यक्ति घर में कोई पक्षी पालना चाहता है तो सबसे पहले उस पक्षी को वन विभाग से दिखा लें, जिससे क्लियर हो सके कि जो पक्षी आप घर में पालने जा रहे हैं वह विदेशी पक्षी है.

ये है रजिस्ट्रेशन प्रोसेस: विदेशी पक्षियों को घर में पालने के लिए बाकायदा रजिस्ट्रेशन प्रोसेस है. उसके लिए सबसे पहले फॉर्म भरकर वन विभाग को देना होता है. विभाग द्वारा जांच की जाती है कि कहीं पक्षी प्रतिबंधित तो नहीं है. यदि पक्षी प्रतिबंधित नहीं होता है तो वन विभाग उसका रजिस्ट्रेशन करता है. पक्षियों का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए फिलहाल किसी प्रकार का कोई शुल्क नहीं है. बाजार में आसानी से मिलने वाला लव बर्ड्स नामक पक्षी को पालना प्रतिबंधित नहीं है.

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प्रतिबंधित पक्षी पालने पर सजा: वन्य जीव अधिनियम 1972 के अंतर्गत शेड्यूल एक से शेड्यूल पांच श्रेणियां हैं. जिस शेड्यूल के अंतर्गत जो पक्षी आता है उस हिसाब से सजा का प्रावधान है. कई में सिर्फ जुर्माना लगता है. भारत में मिलने वाली तोते की सभी प्रजातियां प्रतिबंधित हैं. गौरैया, बाज, गिद्ध समेत अन्य देशी चिड़ियां भी प्रतिबंधित हैं. जो भी पक्षी नेचुरल एनवायरमेंट में रह रहा है उसको कब्जे में लेना क्रूरता के अंतर्गत आता है.

हाल ही में गाजियाबाद के साहिबाबाद क्षेत्र से वन विभाग ने पांच बच्चों समेत बड़ी चील को रेस्क्यू किया था. इसके बाद मेडिकल कराकर ओखला बर्ड सैंक्चरी में छोड़ दिया गया. समाज में कई तरह की भ्रांतियां है, जिसको लेकर लोग चील, उल्लू आदि को घर में रखते हैं. वन विभाग लगातार लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहा है, जिससे कि लोग देशी पक्षियों को पिंजरे में कैद करने से बचें.

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