नई दिल्ली: राजधानी की राउज एवेन्यू कोर्ट ने एयरसेल-मैक्सिस डील मामले की सुनवाई अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया है. दरअसल आज यानि शुक्रवार को ये मामला चार्जशीट पर दलीलें सुनने के लिए लिस्ट किया गया था लेकिन ईडी और सीबीआई दोनों ने सुनवाई स्थगित कर अक्टूबर के पहले सप्ताह सुनवाई करने की मांग की थी.
सुनवाई के दौरान जब दोनों जांच एजेंसियों ने सुनवाई स्थगित करने की मांग की, तब स्पेशल जज ओपी सैनी नाराज हो गए और कहा कि आप सुनवाई हमेशा टालने की ही मांग करते हैं. जब आपकी जांच पूरी हो जाए तब कोर्ट से संपर्क कीजिएगा. जब आपको दूसरे देशों से आग्रह पत्र का जवाब मिल जाए तब कोर्ट को सूचित कीजिएगा.
कोर्ट ने एक लाख के मुचलके पर दी थी जमानत
आपको बता दें कि पिछले 5 सितंबर को कोर्ट ने इस मामले में पूर्व मंत्री पी चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम को अग्रिम जमानत दे दी थी. कोर्ट ने दोनों को एक-एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी. वहीं कोर्ट ने दोनों को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है.
'चिदंबरम ने पद का दुरुपयोग कर डील किया'
पिछले 2 सितंबर को सीबीआई और ईडी ने स्पेशज जज ओपी सैनी से कहा था कि पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम की हिरासत में लेकर पूछताछ जरूरी है. सीबीआई और ईडी दोनों ने कहा था कि पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. चिदंबरम ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए एयरसेल-मैक्सिस डील को मंजूरी दी.
वहीं दोनों को अगर सुरक्षा दी गई तो वे जांच को प्रभावित कर सकते हैं. दोनों ने गंभीर आर्थिक अपराध किया है और यह आम जनता और देश के हित में नहीं है. चिदंबरम से कड़ाई से निपटने की जरुरत है क्योंकि इस मामले में जांच अभी जारी है. चिदंबरम मनी लाउंड्रिंग के आरोपी हैं और उन्होंने फर्जी कंपनियों के जरिये अपने अपराधों को अंजाम दिया.
सीबीआई और ईडी को लग चुकी है फटकार
वहीं पिछले 23 अगस्त को कोर्ट ने सीबीआई और ईडी को फटकार लगाते हुए उनकी सुनवाई टालने की मांग को खारिज कर दिया था. पिछले 9 अगस्त को कोर्ट ने दोनों की गिरफ्तारी पर लगी रोक 23 अगस्त तक के लिए बढ़ाया था.
पिछले 1 अगस्त को कोर्ट ने दोनों की गिरफ्तारी पर लगी रोक 9 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया था. 1 अगस्त को सुनवाई के दौरान पी चिदंबरम की ओर से कहा गया था कि उनकी अग्रिम जमानत नहीं देने की कोई वजह नहीं है. उनकी इस दलील का ईडी और सीबीआई ने विरोध किया था.