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एयरसेल मैक्सिस डील केस की सुनवाई अनिश्चित काल के लिए स्थगित

राउज एवेन्यू कोर्ट ने एयरसेल-मैक्सिस डील मामले की सुनवाई अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया है. सुनवाई के दौरान जब दोनों जांच एजेंसियों ने सुनवाई स्थगित करने की मांग की तो स्पेशल जज ओपी सैनी नाराज हो गए.

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Published : Sep 6, 2019, 2:47 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी की राउज एवेन्यू कोर्ट ने एयरसेल-मैक्सिस डील मामले की सुनवाई अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया है. दरअसल आज यानि शुक्रवार को ये मामला चार्जशीट पर दलीलें सुनने के लिए लिस्ट किया गया था लेकिन ईडी और सीबीआई दोनों ने सुनवाई स्थगित कर अक्टूबर के पहले सप्ताह सुनवाई करने की मांग की थी.

सुनवाई के दौरान जब दोनों जांच एजेंसियों ने सुनवाई स्थगित करने की मांग की, तब स्पेशल जज ओपी सैनी नाराज हो गए और कहा कि आप सुनवाई हमेशा टालने की ही मांग करते हैं. जब आपकी जांच पूरी हो जाए तब कोर्ट से संपर्क कीजिएगा. जब आपको दूसरे देशों से आग्रह पत्र का जवाब मिल जाए तब कोर्ट को सूचित कीजिएगा.

कोर्ट ने एक लाख के मुचलके पर दी थी जमानत
आपको बता दें कि पिछले 5 सितंबर को कोर्ट ने इस मामले में पूर्व मंत्री पी चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम को अग्रिम जमानत दे दी थी. कोर्ट ने दोनों को एक-एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी. वहीं कोर्ट ने दोनों को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है.

'चिदंबरम ने पद का दुरुपयोग कर डील किया'
पिछले 2 सितंबर को सीबीआई और ईडी ने स्पेशज जज ओपी सैनी से कहा था कि पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम की हिरासत में लेकर पूछताछ जरूरी है. सीबीआई और ईडी दोनों ने कहा था कि पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. चिदंबरम ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए एयरसेल-मैक्सिस डील को मंजूरी दी.

वहीं दोनों को अगर सुरक्षा दी गई तो वे जांच को प्रभावित कर सकते हैं. दोनों ने गंभीर आर्थिक अपराध किया है और यह आम जनता और देश के हित में नहीं है. चिदंबरम से कड़ाई से निपटने की जरुरत है क्योंकि इस मामले में जांच अभी जारी है. चिदंबरम मनी लाउंड्रिंग के आरोपी हैं और उन्होंने फर्जी कंपनियों के जरिये अपने अपराधों को अंजाम दिया.

सीबीआई और ईडी को लग चुकी है फटकार
वहीं पिछले 23 अगस्त को कोर्ट ने सीबीआई और ईडी को फटकार लगाते हुए उनकी सुनवाई टालने की मांग को खारिज कर दिया था. पिछले 9 अगस्त को कोर्ट ने दोनों की गिरफ्तारी पर लगी रोक 23 अगस्त तक के लिए बढ़ाया था.

पिछले 1 अगस्त को कोर्ट ने दोनों की गिरफ्तारी पर लगी रोक 9 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया था. 1 अगस्त को सुनवाई के दौरान पी चिदंबरम की ओर से कहा गया था कि उनकी अग्रिम जमानत नहीं देने की कोई वजह नहीं है. उनकी इस दलील का ईडी और सीबीआई ने विरोध किया था.

नई दिल्ली: राजधानी की राउज एवेन्यू कोर्ट ने एयरसेल-मैक्सिस डील मामले की सुनवाई अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया है. दरअसल आज यानि शुक्रवार को ये मामला चार्जशीट पर दलीलें सुनने के लिए लिस्ट किया गया था लेकिन ईडी और सीबीआई दोनों ने सुनवाई स्थगित कर अक्टूबर के पहले सप्ताह सुनवाई करने की मांग की थी.

सुनवाई के दौरान जब दोनों जांच एजेंसियों ने सुनवाई स्थगित करने की मांग की, तब स्पेशल जज ओपी सैनी नाराज हो गए और कहा कि आप सुनवाई हमेशा टालने की ही मांग करते हैं. जब आपकी जांच पूरी हो जाए तब कोर्ट से संपर्क कीजिएगा. जब आपको दूसरे देशों से आग्रह पत्र का जवाब मिल जाए तब कोर्ट को सूचित कीजिएगा.

कोर्ट ने एक लाख के मुचलके पर दी थी जमानत
आपको बता दें कि पिछले 5 सितंबर को कोर्ट ने इस मामले में पूर्व मंत्री पी चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम को अग्रिम जमानत दे दी थी. कोर्ट ने दोनों को एक-एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी. वहीं कोर्ट ने दोनों को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है.

'चिदंबरम ने पद का दुरुपयोग कर डील किया'
पिछले 2 सितंबर को सीबीआई और ईडी ने स्पेशज जज ओपी सैनी से कहा था कि पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम की हिरासत में लेकर पूछताछ जरूरी है. सीबीआई और ईडी दोनों ने कहा था कि पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. चिदंबरम ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए एयरसेल-मैक्सिस डील को मंजूरी दी.

वहीं दोनों को अगर सुरक्षा दी गई तो वे जांच को प्रभावित कर सकते हैं. दोनों ने गंभीर आर्थिक अपराध किया है और यह आम जनता और देश के हित में नहीं है. चिदंबरम से कड़ाई से निपटने की जरुरत है क्योंकि इस मामले में जांच अभी जारी है. चिदंबरम मनी लाउंड्रिंग के आरोपी हैं और उन्होंने फर्जी कंपनियों के जरिये अपने अपराधों को अंजाम दिया.

सीबीआई और ईडी को लग चुकी है फटकार
वहीं पिछले 23 अगस्त को कोर्ट ने सीबीआई और ईडी को फटकार लगाते हुए उनकी सुनवाई टालने की मांग को खारिज कर दिया था. पिछले 9 अगस्त को कोर्ट ने दोनों की गिरफ्तारी पर लगी रोक 23 अगस्त तक के लिए बढ़ाया था.

पिछले 1 अगस्त को कोर्ट ने दोनों की गिरफ्तारी पर लगी रोक 9 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया था. 1 अगस्त को सुनवाई के दौरान पी चिदंबरम की ओर से कहा गया था कि उनकी अग्रिम जमानत नहीं देने की कोई वजह नहीं है. उनकी इस दलील का ईडी और सीबीआई ने विरोध किया था.

Intro:नई दिल्ली। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने एयरसेल-मैक्सिस डील मामले की सुनवाई अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया है। दरअसल आज ये मामला चार्जशीट पर दलीलें सुनने के लिए लिस्ट किया गया था लेकिन ईडी और सीबीआई दोनों ने सुनवाई स्थगित कर अक्टूबर के पहले सप्ताह सुनवाई करने की मांग की थी।



Body:सुनवाई के दौरान जब दोनों जांच एजेंसियों ने सुनवाई स्थगित करने की मांग की तब स्पेशल जज ओपी सैनी नाराज हो गए और कहा कि आप सुनवाई हमेशा टालने की ही मांग करते हैं। जब आपकी जांच पूरी हो जाए तब कोर्ट से संपर्क कीजिएगा। जब आपको दूसरे देशों से आग्रह पत्र का जवाब मिल जाए तब कोर्ट को सूचित कीजिएगा।
आपको बता दें कि पिछले 5 सितंबर को कोर्ट ने इस मामले में पूर्व मंत्री पी चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम को अग्रिम जमानत दे दी थी। कोर्ट ने दोनों को एक-एक लाख रुपए के मुचलके पर जमानत दी थी। कोर्ट ने दोनों को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है।
पिछले 2 सितंबर को सीबीआई और ईडी ने स्पेशज जज ओपी सैनी से कहा था कि पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम की हिरासत में लेकर पूछताछ जरुरी है। सीबीआई और ईडी दोनों ने कहा था कि पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। चिदंबरम ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए एयरसेल-मैक्सिस डील को मंजूरी दी। दोनों को अगर सुरक्षा दी गई तो वे जांच को प्रभावित कर सकते हैं। दोनों ने गंभीर आर्थिक अपराध किया है और यह आम जनता और देश के हित में नहीं है। चिदंबरम से कड़ाई से निपटने की जरुरत है क्योंकि इस मामले में जांच अभी जारी है। चिदंबरम मनी लाउंड्रिंग के आरोपी हैं और उन्होंने फर्जी कंपनियों के जरिये अपने अपराधों को अंजाम दिया।
पिछले 23 अगस्त को कोर्ट ने सीबीआई और ईडी को फटकार लगाते हुए उनकी सुनवाई टालने की मांग को खारिज कर दिया था। पिछले 9 अगस्त को कोर्ट ने दोनों की गिरफ्तारी पर लगी रोक 23 अगस्त तक के लिए बढ़ाया था। पिछले 1 अगस्त को कोर्ट ने दोनों की गिरफ्तारी पर लगी रोक 9 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया था। 1 अगस्त को सुनवाई के दौरान पी चिदंबरम की ओर से कहा गया था कि उनकी अग्रिम जमानत नहीं देने की कोई वजह नहीं है। उनकी इस दलील का ईडी और सीबीआई ने विरोध किया था।
आपको बता दें कि पिछले 31 जुलाई को कोर्ट ने सीबीआई और ईडी की ओर से 1 अगस्त को होने वाली सुनवाई को अगस्त के आखिर तक स्थगित करने की मांग की थी जिसे कोर्ट ने खारिज करते हुए कहा था कि मामले पर सुनवाई नियत समय पर ही होगी। 
पिछले 30 मई को कोर्ट ने इस मामले में पी चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी पर लगी रोक आज तक तक के लिए बढ़ाई थी। 30 मई को सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से सुनवाई तीन हफ्ते के लिए स्थगित करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि सिंगापुर से साक्ष्य लाने में समय लगेगा। उसके बाद कोर्ट ने सुनवाई 1 अगस्त तक के लिए स्थगित करते हुए पीचिदंबरम और कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी पर लगी रोक को भी 1 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया था।
पिछले 8 मई को भी कोर्ट ने दोनों की गिरफ्तारी पर लगी रोक बढ़ाई थी। पिछले 26 अप्रैल को भी ईडी ने सुनवाई चार हफ्ते स्थगित करने की मांग की थी जिसके बाद कोर्ट ने दोनों की गिरफ्तारी पर लगी रोक बढ़ाई थी। ईडी का कहना था कि सिंगापुर से साक्ष्यों को आने में अभी वक्त लगेगा। 
पिछले 25 मार्च को कोर्ट ने दोनों की गिरफ्तारी पर लगी रोक 26 अप्रैल तक के लिए बढ़ाई थी। सुनवाई के दौरान सीबीआई और ईडी ने कहा था कि उन्हें इस मामले में सिंगापुर से कुछ सूचनाओं का इंतजार है। 8 मार्च को सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता उपलब्ध नहीं थे जिसकी वजह से सुनवाई टालनी पड़ी।
पिछले 18 फरवरी को ईडी ने सुनवाई टालने का आग्रह किया था और कहा था कि उसे कार्ति चिदंबरम से पूछताछ करनी है। इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई टाल दिया था। 



Conclusion:26 नवंबर 2018 को सीबीआई और ईडी ने कोर्ट को बताया था कि केंद्र सरकार ने एयरसेल-मैक्सिस डील मामले में सीबीआई और ईडी की ओर से दायर मामलों में पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। 
23 नवंबर 2018 को पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम ने पटियाला हाउस कोर्ट में जवाब दाखिल किया था। वकील अर्शदीप ने दोनों की तरफ से जवाब दाखिल करते हुए सीबीआई और ईडी के आरोपों से इनकार किया।
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