नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने पंजाबी फिल्म 'कौम दे हीरे' की रिलीज को हरी झंडी दे दी है. इस फिल्म की रिलीज पर सेंसर बोर्ड ने 2014 में ही रोक लगा दी थी. सेंसर बोर्ड के आदेश के खिलाफ फिल्म की निर्माता कंपनी साई सिने प्रोडक्शंस ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
सेंसर बोर्ड ने अगस्त 2014 में इस फिल्म को मिले 'ए सर्टिफिकेट' को वापस ले लिया था. इसके खिलाफ साई सिने प्रोडक्शंस ने फिल्म प्रमाणन अपीलीय ट्रिब्युनल के पास अपील की थी. अपीलीय ट्रिब्युनल ने भी फिल्म को मिले 'ए सर्टिफिकेट' को वापस लेने के फैसले पर मुहर लगाई थी. इसके बाद फिल्म निर्माता कंपनी ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
गंभीर मुद्दे पर आधारित है फिल्म
ये फिल्म 1984 में स्वर्ण मंदिर में सेना के प्रवेश और तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी की हत्या पर आधारित है. इस फिल्म में दिखाया गया है कि सतवंत सिंह और केहर सिंह ने इंदिरा गांधी की हत्या की थी. फिल्म निर्माता ने कोर्ट को बताया कि ये फिल्म सिख समुदाय की भावनाओं को ध्यान में रखकर बनाई गई है और इसमें ऐतिहासिक घटनाओं का वर्णन है.
फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन की थी योजना
अगस्त 2014 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सूचना और प्रसारण सचिव को पत्र लिखकर फिल्म के बारे में मिले इनपुट की सूचना दी थी. इस पत्र में फिल्म से लोगों की भावनाएं भड़कने का अंदेशा जताया गया था.
कुछ संगठनों की ओर से सिनेमाघरों के बाहर प्रदर्शन की भी योजना बनाई गई थी. गृह मंत्रालय ने इस फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग करवाई थी और कहा था कि इससे लोगों की भावनाएं भड़क सकती हैं.