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3 दिनों बाद पंजाबी हेरिटेज फेस्टिवल का समापन, उमड़ी भारी भीड़

गीत संगीत के अलावा इस फेस्टिवल में पंजाब की संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को भी दर्शाया गया. वह चाहे खेती किसानी हो, कुएं-घड़े से जुड़ा जन जनजीवन, या फिर आधुनिक समय में बुलेट से जुड़ी पंजाब की पहचान. इन सभी को यहां पर जगह दी गई.

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Published : Nov 10, 2019, 7:59 AM IST

पंजाबी हेरिटेज फेस्टिवल

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के कनॉट प्लेस में 7 नवंबर से 9 नवंबर के बीच पंजाबी हेरिटेज फेस्टिवल का आयोजन हुआ. दिल्ली सरकार की पंजाबी अकादमी की तरफ से आयोजित इस फेस्टिवल में न सिर्फ पंजाबी बल्कि दिल्ली में रहने वाले हर समुदाय के लोगों ने खुले मन से शिरकत की.

पंजाबी हेरिटेज फेस्टिवल का समापन

गीत संगीत के अलावा इस फेस्टिवल में पंजाब की संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को भी दर्शाया गया. वह चाहे खेती किसानी हो, कुएं-घड़े से जुड़ा जन जनजीवन, या फिर आधुनिक समय में बुलेट से जुड़ी पंजाब की पहचान. इन सभी को यहां पर जगह दी गई.

भारी भीड़ देखने को मिली

यही कारण भी रहा कि नौजवान से लेकर बुजुर्गों और महिलाओं तक की इस कार्यक्रम में भारी भीड़ देखने को मिली. पंजाबी हेरिटेज फेस्टिवल के अंतिम दिन भी यहां भारी संख्या में लोगों ने शिरकत की. ईटीवी भारत ने इस मौके पर पंजाबी समुदाय के कई लोगों से बातचीत भी की, जिन्होंने पंजाबी संस्कृति को दिल्ली का दिल कहे जाने वाले कनॉट प्लेस में प्रदर्शित करने की केजरीवाल सरकार की कोशिश की प्रशंसा की.

ईटीवी भारत ने इस पूरे कार्यक्रम के प्रयास और इसके पीछे के उद्देश्यों को लेकर पंजाबी अकादमी के सचिव गुरभेज सिंह गुराया से भी बातचीत की. उन्होंने बताया कि किस तरह से दिल्ली सरकार दिल्ली में रहने वाले पंजाबियों को उनकी संस्कृति से जोड़े रखने का प्रयास कर रही है.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के कनॉट प्लेस में 7 नवंबर से 9 नवंबर के बीच पंजाबी हेरिटेज फेस्टिवल का आयोजन हुआ. दिल्ली सरकार की पंजाबी अकादमी की तरफ से आयोजित इस फेस्टिवल में न सिर्फ पंजाबी बल्कि दिल्ली में रहने वाले हर समुदाय के लोगों ने खुले मन से शिरकत की.

पंजाबी हेरिटेज फेस्टिवल का समापन

गीत संगीत के अलावा इस फेस्टिवल में पंजाब की संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को भी दर्शाया गया. वह चाहे खेती किसानी हो, कुएं-घड़े से जुड़ा जन जनजीवन, या फिर आधुनिक समय में बुलेट से जुड़ी पंजाब की पहचान. इन सभी को यहां पर जगह दी गई.

भारी भीड़ देखने को मिली

यही कारण भी रहा कि नौजवान से लेकर बुजुर्गों और महिलाओं तक की इस कार्यक्रम में भारी भीड़ देखने को मिली. पंजाबी हेरिटेज फेस्टिवल के अंतिम दिन भी यहां भारी संख्या में लोगों ने शिरकत की. ईटीवी भारत ने इस मौके पर पंजाबी समुदाय के कई लोगों से बातचीत भी की, जिन्होंने पंजाबी संस्कृति को दिल्ली का दिल कहे जाने वाले कनॉट प्लेस में प्रदर्शित करने की केजरीवाल सरकार की कोशिश की प्रशंसा की.

ईटीवी भारत ने इस पूरे कार्यक्रम के प्रयास और इसके पीछे के उद्देश्यों को लेकर पंजाबी अकादमी के सचिव गुरभेज सिंह गुराया से भी बातचीत की. उन्होंने बताया कि किस तरह से दिल्ली सरकार दिल्ली में रहने वाले पंजाबियों को उनकी संस्कृति से जोड़े रखने का प्रयास कर रही है.

Intro:दिल्ली के कनॉट प्लेस में 7 नवंबर से 9 नवंबर के बीच पंजाबी हेरिटेज फेस्टिवल का आयोजन हुआ. दिल्ली सरकार की पंजाबी अकादमी की तरफ से आयोजित इस फेस्टिवल में न सिर्फ पंजाबी बल्कि दिल्ली में रहने वाले हर समुदाय के लोगों ने खुले मन से शिरकत की.


Body:नई दिल्ली: गीत संगीत के अलावा इस फेस्टिवल में पंजाब की संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को भी दर्शाया गया. वह चाहे खेती किसानी हो, कुएं-घड़े से जुड़ा जन जनजीवन, या फिर आधुनिक समय में बुलेट से जुड़ी पंजाब की पहचान. इन सभी को यहां पर जगह दी गई.

यही कारण भी रहा कि नौजवान से लेकर बुजुर्गों और महिलाओं तक की इस कार्यक्रम में भारी भीड़ देखने को मिली. पंजाबी हेरिटेज फेस्टिवल के अंतिम दिन भी यहां भारी संख्या में लोगों ने शिरकत की. ईटीवी भारत में इस मौके पर पंजाबी समुदाय के कई लोगों से बातचीत भी की, जिन्होंने पंजाबी संस्कृति को दिल्ली का दिल कहे जाने वाले कनॉट प्लेस में प्रदर्शित करने की केजरीवाल सरकार की कोशिश की प्रशंसा की.


Conclusion:ईटीवी भारत ने इस पूरे कार्यक्रम के प्रयास और इसके पीछे के उद्देश्यों को लेकर पंजाबी अकादमी के सचिव गुरभेज सिंह गुराया से भी बातचीत की. उन्होंने बताया कि किस तरह से दिल्ली सरकार दिल्ली में रहने वाले पंजाबियों को उनकी संस्कृति से जोड़े रखने का प्रयास कर रही है.
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