नई दिल्ली: हाल ही में हरियाणा सरकार ने अपनी नई खेल नीति की घोषणा की है, जिसके विरोध में अब बहुत सारे लोग उतर आए हैं. दिल्ली के जंतर-मंतर पर एनजीओ और खिलाड़ियों के एक बहुत बड़े वर्ग ने इसके विरोध में प्रदर्शन किया.
कुश्ती और कबड्डी के खिलाड़ी हरियाणा सरकार की इस नीति के खिलाफ खड़े हुए नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि हमारी जीत की धनराशि को आधे से भी कम कर दिया गया है. सरकारी नौकरियों में भी रिजर्वेशन को 3 प्रतिशत से घटाकर खत्म कर दिया गया है.
खट्टर सरकार को दिया ज्ञापन
विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे सुरेंद्र कालीरमन ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि वो हरियाणा सरकार को ज्ञापन की एक प्रति दे रहे हैं, जिसमें उन्होंने अपनी तमाम शर्तों को लिखा है.
जिसमें सबसे पहले खिलाड़ियों को मिलने वाली धनराशि को पहले की तरह करने के लिए कहा गया है. साथ ही जूनियर और सब जूनियर लेवल पर धनराशि में जो कटौती की गई है, उसे भी वापस लेना होगा. लोगों का कहना है कि हरियाणा शुरू से ही खेलों का गढ़ रहा है और यहां से बहुत सारे खिलाड़ी भी निकले हैं.
हर बार ओलंपिक में सबसे ज्यादा मेडल अगर किसी राज्य से आते हैं तो वह हरियाणा है. ऐसे में अगर खिलाड़ियों के सम्मान के लिए हम कुछ कर सकें तो हमारे लिए गर्व की बात होगी.
'खिलाड़ियों के साथ हो सम्मानजनक व्यवहार'
हरियाणा सरकार की नई खेल नीति के मुताबिक खिलाड़ियों को मिलने वाली धनराशि में तो कटौती की गई है. जबकि सरकारी नौकरी में भी तीन परसेंट रिजर्वेशन को खत्म कर दिया गया है. जूनियर सब जूनियर लेवल पर धनराशि में कटौती की गई है और हम लोग चाहते हैं कि पूरे हरियाणा में एक समान खेल नीति लागू हो. खिलाड़ी देश के सम्मान के लिए खेलता है उसके साथ सम्मानजनक व्यवहार होना चाहिए.