नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और पत्रकार एमजे अकबर की ओर से पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर मानहानि के केस में आज प्रिया रमानी ने अपना बयान दर्ज कराया. रमानी ने कहा कि एमजे अकबर ने हमें इंटरव्यू के लिए अपने बेडरुम में बुलाया. उनका व्यवहार काफी असहज था. इस मामले में अगली सुनवाई 9 सितंबर को होगी.
रमानी ने अपने बयान में कहा कि वो 1993 में वो अमेरिका से वापस आई थी. उन्हें पता चला कि नामी संपादक एम जे अकबर एक इंटरनेशनल न्यूज पेपर की शुरुआत करने वाले हैं. एमजे अकबर उस समय उनके लिए पत्रकारिता के हीरो थे, उनके लेख पढ़ते हुए मैं बड़ी हुई थी.
रमानी ने कहा कि मुझे एमजे अकबर ने मुंबई के ओबेराय होटल में शाम सात बजे इंटरव्यू के लिए बुलाया. रमानी ने कहा कि जब शाम को वो होटल पहुंचीं तो एमजे अकबर होटल की लॉबी में नहीं मिले. उसके बाद रमानी ने रिसेप्शन से एमजे अकबर को फोन किया. एमजे अकबर ने मुझे इंटरव्यू के लिए अपने कमरे में बुलाया. उन्होंने दबाव डाला कि मैं इंटरव्यू के लिए उनके कमरे में जाऊं. मैं हतप्रभ थी क्योंकि मैंने कॉफी शॉप या लॉबी में इंटरव्यू की उम्मीद की थी. पर 23 साल की उम्र में मैं बहुत ज़्यादा विरोध करने की स्थिति में नहीं थी इसलिए असहज होने के बावजूद मैं इंटरवयू के लिए कमरे में चली गई.
कमरे पर पहुंचकर रमानी ने कमरे की घंटी बजाई जिसके बाद एमजे अकबर ने गेट खोला. वो कमरा काफी छोटा था और दरअसल वो बेड रूम था, कमरे में लगे बेडरुम के ठीक बगल में दो लोगों के बैठने के लायक छोटा सा सोफा था. रमानी ने कहा कि एम जे अकबर ने इंटरव्यू के लिए कोई प्रोफेशनल सवाल पूछने के बजाय केवल व्यक्तिगत सवाल पूछे. जैसे मेरी शादी हुई है या नहीं. मेरा कोई बॉय फ्रेंड है या नहीं.
उन्होंने मेरे परिवार वालों के बारे में पूछा. रमानी ने कहा कि इसके बाद वो कभी अकबर के साथ अकेले में नहीं मिली. मुझे एशियन एज में दिल्ली में 1994 में संवाददाता के तौर पर नियुक्त किया गया.
पिछले 23 अगस्त को प्रिया रमानी ने कहा था कि मैंने ट्वीट कर एमजे अकबर के खिलाफ जो आरोप लगाए वो बिल्कुल सही हैं. रमानी ने कहा था कि हमारे आलेख और ट्वीट एमजे अकबर को लेकर ही थे. हमने सब कुछ सच कहा है. उसमें कोई दुर्भावना नहीं है.
रमानी के बयानों के मुताबिक हम ये नहीं कह सकते हैं कि मेरे ट्वीट से अकबर को अपने दोस्तों और परिजनों के बीच खड़े होने में कोई परेशानी है. मेरे आरोप सही थे. अकबर की शिकायत गलत और आधारहीन है. हमने आलेख को अकबर के साथ अपने अनुभवों के आधार पर लिखा था. आलेख में दूसरी महिलाओं के अनुभवों का भी जिक्र किया गया है. अकबर केवल हमारे ट्वीट और आलेख को ही निशाना बना रहे हैं. ये आलेख कई महिलाओं के अनुभवों के आधार लिखा गया था.
पिछले 10 अप्रैल को कोर्ट ने अभियुक्त प्रिया रमानी के खिलाफ आरोप तय किए थे. सुनवाई के दौरान प्रिया रमानी ने सभी आरोपों से इनकार किया था. पिछले 29 जनवरी को कोर्ट ने प्रिया रमानी को समन जारी किया था. इस मामले में सात लोगों ने अपने बयान दर्ज कराए थे. जिन लोगों के बयान दर्ज हुए उनमें तपन चाकी, मंजर अली , रचना गोयल, वीनू संदल और सुनील गुजराल शामिल थे.
एमजे अकबर ने 15 अक्टूबर 2018 को प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था. उन्होंने प्रिया रमानी के यौन प्रताड़ना के आरोप लगाने के बाद ये आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया.