नई दिल्ली: आमतौर पर जिन इलाकों में सीवर डाला हुआ होता है, वहां पर नालों के पानी आसानी से निकलते हैं. लेकिन, सेंट्रल दिल्ली के मधु विहार इलाके में मामला ठीक इसके उलट है. दरअसल, जब से यहां सीवर लाइन डाली गई है, तब से स्थानीय लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं. जानकारी के अनुसार सीवर का पानी लगातार ओवरफ्लो होकर लोगों के घरों में घुस रहा है, जिससे लोग गंदे बदबूदार पानी के बीच रहने को मजबूर हैं.
नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं लोग: लोगों का कहना है कि लापरवाही बरतते हुए उपयुक्त गहराई में सीवर डालने की जगह ऊपर-ऊपर ही डाल दिया गया, जिसके बाद से ही पानी ओवरफ्लो होकर लोगों के घरों में घुस रहा है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि कई बार शिकायतों के बाद भी इसे ठीक नहीं किया जा रहा है. इसके अलावे पीने का पानी भी गंदा आ रहा है, जिस पर स्थानीय जनप्रतिनिधि का ध्यान नहीं है. उनका कहना है कि मूलभूत सुविधा उपलब्ध करवाने के नाम पर सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च तो किए, लेकिन विभागीय लापरवाही की वजह से यहां के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं.
लोगों ने बताया कि जब यहां पर सीवर डाला जा रहा था, तो लोगों में खुशी का महौल था. उन्हें लगा था कि मधु विहार इलाके में विकास के काम में तेजी आएगी. मुहल्ले-पार्क का सौंदर्यीकरण होगा, लेकिन कुछ ही दिनों में उनकी खुशी काफूर हो गई. जब से इलाके में सरकारी सीवर लाइन डाली गई है, तब से लगातार यहां के लोग परेशान हैं, और इसे ठीक कराने के लिए विभागों और अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं.
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वहीं, जल बोर्ड और सीएसाईआईडीसी के अधिकारी अपना सिर खुजला रहे हैं, आखिर चूक कैसे और कहां हुई. बावजूद इसके कोई भी इस लापरवाही की जिम्मेदारी नहीं ले रहा है. बस विभागों के बीच आरोप-प्रत्यारोप चल रहा है. स्थानीय जनप्रतिनिधि और आरडब्लूए के लोग भी इसका समाधान निकालने में विफल हो रहे हैं. लोगों की मांग है कि सरकार और संबंधित विभाग उनकी इस गंभीर समस्या पर संज्ञान ले और जल्द से जल्द इसे दूर करे, जिससे लोगों को नारकीय जीवन से मुक्ति मिल सके.
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