नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में आवारा पशुओं की समस्या बढ़ती जा रही है. जिसकी वजह से लोगों का रास्तों पर चलना दूभर हो गया है. हर गली, हर चौराहे पर आवारा जानवरों का खौफ है.
आवारा पशुओं से परेशान हैं लोग
नई दिल्ली के मॉडल टाउन इलाके में स्थानीय लोगों को आवारा पशुओं से कई परेशानियां हो रही हैं. आए दिन आवारा पशु किसी ना किसी को अपना शिकार बनाते हैं.
इतना ही नहीं आवारा पशुओं की वजह से गंदगी भी काफी बढ़ रही है. लोगों का कहना है कि कई बार विधायक और काउंसलर से शिकायत की गई है लेकिन इसके बावजूद समस्या जस की तस बनी हुई है.
एक महिला ने बताया कि उनकी कॉलोनी में घूमने वाले आवारा कुत्तों ने उनके बेटे को काट लिया और रात के समय जब वो अस्पताल पहुंचे तो वहां इंजेक्शन ही उपलब्ध नहीं था.
अस्पतालों में नहीं इंजेक्शन
इस मुद्दे पर समाजसेवी सौरभ गांधी ने बताया कि आवारा पशुओं की तादाद दिल्ली में बढ़ती जा रही है. जिसके लिए सरकार की तरफ से सिर्फ नाममात्र की योजनाएं चलाई गई हैं.
सौरभ गांधी ने बताया कि दूसरी सबसे बड़ी समस्या ये है कि आवारा पशु के काटने के बाद जो रेबीज का टीका लगाया जाता है, वो भी अस्पतालों में उपलब्ध नहीं है.
सौरभ ने ये भी बताया कि रेबीज का टीका ब्लैक करते हुए मार्केट में बेचा जा रहा है, जो इंजेक्शन 2 से 3 हजार रुपए का आता है, वो मार्केट में 18 से 20 हजार में मिलता है. गरीब इंसान इस तरह का इलाज कराने में समर्थ नहीं है.
रिहायशी इलाके में आती हैं गायें
मॉडल टाउन इलाके में एक ग्रामीण इलाका है राजपुरा गुर मंडी, जहां पर बड़ी तादाद में गाय पालन का काम किया जाता है. जो गाय पालक हैं वह दिन में अपनी गायों को सड़कों पर आवारा छोड़ देते हैं. जिसकी वजह से गायें कालोनियों और रिहायशी इलाकों में आ जाती हैं.