ETV Bharat / state

Online Fraud Case:बैंक और बीमा कर्मचारियों की मिलीभगत से ठगे जा रहे लोग, जानें कैसे

बैंक और बीमा कंपनियों के कर्मचारियों की मिलीभगत से लोग ठगे जा रहे हैं. दरअसल बैंक और बीमा कंपनियों के कर्मचारी ही ठगों को ग्राहकों की जानकारी देते हैं और अकाउंट खुलवाने में उनकी पूरी मदद करते हैं.

d
d
author img

By

Published : Apr 26, 2023, 4:44 PM IST

जानकारी देते हुए डीसीपी प्रशांत पी गौतम

नई दिल्ली: जिन बैंकों और बीमा कंपनियों के पास अपने जीवन भर की मेहनत की कमाई जमा करके लोग भविष्य में अच्छे रिटर्न की उम्मीद रखते हैं. उन्हीं संस्थानों के कुछ कर्मचारियों की वजह से लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर जाता है. लोगों के साथ बड़े पैमाने पर की जा रही ठगी में बीमा और बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आई है. हाल ही में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ऑनलाइन ठगी करने वालों के साथ ही मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के दो कर्मचारियों को भी गिरफ्तार किया है. आरोप है कि यही लोग ठगों को कंपनी के बीमा धारकों की पूरी डिटेल उपलब्ध कराते थे. जिसके आधार पर ठग उन्हें अपना शिकार बनाते थे.

कर्मचारियों पर कार्रवाई के लिए बैंक से करते थे संपर्क: फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर बैंक में अकाउंट खुलवाने में बैंक कर्मचारी ठगों की मदद करते हैं. हाल ही में बेगूसराय से पकड़े गए सात आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि फर्जी कागजात के आधार पर अकाउंट खुलवाने में बैंक के कर्मचारी उनकी मदद करते थे. दिल्ली पुलिस ने बैंक ऑफ बड़ौदा के अधिकारियों को पत्र लिखकर ऐसे कर्मचारियों की पहचान करने को कहा है, जिन्होंने संबंधित अकाउंट खोलने में दस्तावेज का सत्यापन किया और उन्हें पास किया. बैंक से रिपोर्ट आने के बाद संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की जाएगी.

सटीक डाटा के चक्कर में फंस जाते हैं लोग: दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट के डीसीपी प्रशांत पी गौतम ने बताया कि किसी भी धोखाधड़ी में जब तक कोई इंटरनल व्यक्ति शामिल नहीं होगा, तब तक अपराधियों को सटीक डाटा नहीं मिल पाता है. ठगों के पास सटीक डाटा होता है. इस आधार पर वह कॉल करके पॉलिसी होल्डर अकाउंट होल्डर से बात करते हैं, तो उन्हें विश्वास हो जाता है कि उनके पास बैंक का इंश्योरेंस कंपनी से ही कॉल आया है और इस तरह से वे ठगों के चक्कर में फंस जाते हैं.

ये भी पढ़ें: Crime in Delhi: शाहदरा जिला पुलिस ने फरार दो बदमाशों को दबोचा, लगतार बदल रहा था अपना ठिकाना

बेगूसराय से पकड़े गए गिरोह ने बड़ी संख्या में आईसीआईसीआई लॉमबर्ड के पॉलिसी धारकों को ठगा था, इसलिए ऐसे मामले सामने आने पर बैंक और इंश्योरेंस कंपनी के कर्मचारियों की भी गहराई से पड़ताल की जाती है और उन पर कार्रवाई की जाती है. डीसीपी ने बताया कि लगभग सभी मामलों में संबंधित बैंक और इंश्योरेंस कंपनी के कर्मचारियों की जांच की जाती है. जामताड़ा से ऑनलाइन ठगी का गिरोह चलाने वाले ठग भी ऐसे कर्मचारियों की मदद लेते हैं और भारी संख्या में फर्जी अकाउंट खुलवाते हैं. जिनमें ठगी का पैसा मंगवाते हैं और बाद में अकाउंट बंद करवा देते हैं.

ये भी पढ़ें: Fraud Case: गौतम बुद्ध नगर में में दो लोगों के साथ ठगी, जांच में जुटी पुलिस

जानकारी देते हुए डीसीपी प्रशांत पी गौतम

नई दिल्ली: जिन बैंकों और बीमा कंपनियों के पास अपने जीवन भर की मेहनत की कमाई जमा करके लोग भविष्य में अच्छे रिटर्न की उम्मीद रखते हैं. उन्हीं संस्थानों के कुछ कर्मचारियों की वजह से लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर जाता है. लोगों के साथ बड़े पैमाने पर की जा रही ठगी में बीमा और बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आई है. हाल ही में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ऑनलाइन ठगी करने वालों के साथ ही मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के दो कर्मचारियों को भी गिरफ्तार किया है. आरोप है कि यही लोग ठगों को कंपनी के बीमा धारकों की पूरी डिटेल उपलब्ध कराते थे. जिसके आधार पर ठग उन्हें अपना शिकार बनाते थे.

कर्मचारियों पर कार्रवाई के लिए बैंक से करते थे संपर्क: फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर बैंक में अकाउंट खुलवाने में बैंक कर्मचारी ठगों की मदद करते हैं. हाल ही में बेगूसराय से पकड़े गए सात आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि फर्जी कागजात के आधार पर अकाउंट खुलवाने में बैंक के कर्मचारी उनकी मदद करते थे. दिल्ली पुलिस ने बैंक ऑफ बड़ौदा के अधिकारियों को पत्र लिखकर ऐसे कर्मचारियों की पहचान करने को कहा है, जिन्होंने संबंधित अकाउंट खोलने में दस्तावेज का सत्यापन किया और उन्हें पास किया. बैंक से रिपोर्ट आने के बाद संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की जाएगी.

सटीक डाटा के चक्कर में फंस जाते हैं लोग: दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट के डीसीपी प्रशांत पी गौतम ने बताया कि किसी भी धोखाधड़ी में जब तक कोई इंटरनल व्यक्ति शामिल नहीं होगा, तब तक अपराधियों को सटीक डाटा नहीं मिल पाता है. ठगों के पास सटीक डाटा होता है. इस आधार पर वह कॉल करके पॉलिसी होल्डर अकाउंट होल्डर से बात करते हैं, तो उन्हें विश्वास हो जाता है कि उनके पास बैंक का इंश्योरेंस कंपनी से ही कॉल आया है और इस तरह से वे ठगों के चक्कर में फंस जाते हैं.

ये भी पढ़ें: Crime in Delhi: शाहदरा जिला पुलिस ने फरार दो बदमाशों को दबोचा, लगतार बदल रहा था अपना ठिकाना

बेगूसराय से पकड़े गए गिरोह ने बड़ी संख्या में आईसीआईसीआई लॉमबर्ड के पॉलिसी धारकों को ठगा था, इसलिए ऐसे मामले सामने आने पर बैंक और इंश्योरेंस कंपनी के कर्मचारियों की भी गहराई से पड़ताल की जाती है और उन पर कार्रवाई की जाती है. डीसीपी ने बताया कि लगभग सभी मामलों में संबंधित बैंक और इंश्योरेंस कंपनी के कर्मचारियों की जांच की जाती है. जामताड़ा से ऑनलाइन ठगी का गिरोह चलाने वाले ठग भी ऐसे कर्मचारियों की मदद लेते हैं और भारी संख्या में फर्जी अकाउंट खुलवाते हैं. जिनमें ठगी का पैसा मंगवाते हैं और बाद में अकाउंट बंद करवा देते हैं.

ये भी पढ़ें: Fraud Case: गौतम बुद्ध नगर में में दो लोगों के साथ ठगी, जांच में जुटी पुलिस

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.