नई दिल्ली: पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके के खिलाफ भ्रष्टाचार मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दिया है. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को इस केस की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपने का निर्देश दिया. कोर्ट ने एफआईआर में कई गंभीर धाराएं भी जोड़ने का निर्देश दिया है.
जांच अधिकारी को कोर्ट ने किया तलब
बता दें कि पिछले 10 जनवरी को कोर्ट ने जांच कर रहे जांच अधिकारी को तलब किया था. कोर्ट ने जांच अधिकारी को ये बताने का निर्देश दिया था कि कोर्ट के आदेश के बाद हल्की धाराओं में एफआईआर क्यों दर्ज की गई थी. पिछले 9 जनवरी को पटियाला हाउस कोर्ट के सेशंस जज मनजीत सिंह जीके के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे.
जीके ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के आदेशों को सेशंस कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन सेशंस कोर्ट ने मंजीत सिंह की अपील को खारिज कर दिया. पिछले 13 दिसंबर को पटियाला हाउस कोर्ट के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने मनजीत सिंह जीके के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था.
भ्रष्टाचार का है आरोप
मनजीत सिंह जीके पर आरोप है कि उन्होंने किताब छापने के नाम पर फर्जी बिलों का भुगतान किया. आरोप है कि बिना कोटेशन मंगवाए दो फर्जी कंपनियों से 40 लाख रुपये की सिख विरासत की किताबें प्रकाशित कराने के बिल पास किए गए. जांच में पता चला कि कंपनियों के दिए गए पत्ते फर्जी हैं.
मनजीत सिंह जीके के खिलाफ घी खरीदने में भी घोटाले करने का आरोप है. आरोप है कि पिछले जनवरी में एक श्रद्धालु ने 24 लाख रुपये दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के कर्मचारियों की वर्दी के लिए दिए थे, लेकिन अभी तक वर्दी नहीं दी गई. मनजीत सिंह जीके पर भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में उनके विरोधियों ने उन पर जुबानी हमला किया है.